27.02.2016
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'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपीÓ
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-मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू हुईं तैयारियां
-पूरे प्रदेश में चिन्हित हो रहीं पौधशालाएं
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लखनऊ : सूबे में घटते जल-जंगल से बढ़ती दुश्वारियां कम करने की कोशिशों के तहत एक साथ दस लाख पौधे लगाने की पहल को गिनीज बुक में स्थान मिलने से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हैं। अब एक दिन में छह करोड़ पौधे लगा कर दस हजार बाग तैयार किये जाएंगे। छह करोड़ पौधे जुटाने के लिए पौधशालाएं चिन्हित की जा रही हैं।
पर्यावरण असंतुलन के खतरों को चुनौती मान 'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपीÓ योजना के तहत बीती सात नवंबर को प्रदेश में एक साथ दस लाख पौधे रोपे गए थे। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में इस अभियान को स्थान मिल गया मगर वन नीति के हिसाब से राज्य में अब भी हरियाली कम है। लिहाजा, सरकार ने दस हजार स्थानों पर एक साथ छह करोड़ पौधे रोपने की योजना तैयार की है। भविष्य में एक साथ दस हजार बाग तैयार करने की मंशा भी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पौधरोपण के लिए स्थान चयन भी कर लिया है। अभियान में किसानों, विद्यार्थियों और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जाएगी। रोपे गए पौधों को गोद देने की योजना भी है।
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चाहिए 26 फीसद वन भूमि
भारत की वन नीति में पर्यावरण संतुलन के लिए उपलब्ध भूमि का एक तिहाई हिस्सा पेड़-पौधों से भरा होना चाहिये मगर प्रदेश में सिर्फ 8.93 भू-भाग पेड़-पौधों से ढका है जबकि 33 क्षेत्र वन से आच्छादित होना चाहिये। इस तरह अब भी 26 फीसद से अधिक वनाच्छादित क्षेत्र की कमी है।
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दूसरे राज्यों से मंगाएंगे पौधे
एक साथ छह करोड़ पौधों का प्रबंध करना सरकारी मशीनरी के लिए भी चुनौती है। इसलिए आसपास के राज्यों से भी पौधे मंगाने की तैयारी हो रही है। शीशम, कंजी, पाकड़, नीम, अर्जुन, आंवला, चिलबिल, इमली, बरगद, पीपल के अलावा कुछ स्थानों पर आम, सागौन, कैथा, जामुन के पौधे भी रोपे जाएंगे।
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चिकित्सकीय पौधों पर फोकस
राज्य आयुष मिशन सहित विभिन्न विभागों को भी इस अभियान से जोडऩे की तैयारी है। ऐसे पौधे लगाए जाएंगे, जिनका प्रयोग इलाज में किया जा सके। इनमें अश्वगंधा और लिवर के मरीजों के लिए मददगार कालमेघ के साथ आर्टीमीशिया, सर्पगंधा, ब्राह्मïी व हरीतिकी जैसे पौधे लगेंगे जिनसे मलेरिया, रक्तचाप, अवसाद व पेट रोगों से मुक्ति मिलती है।
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'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपीÓ
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-मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू हुईं तैयारियां
-पूरे प्रदेश में चिन्हित हो रहीं पौधशालाएं
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लखनऊ : सूबे में घटते जल-जंगल से बढ़ती दुश्वारियां कम करने की कोशिशों के तहत एक साथ दस लाख पौधे लगाने की पहल को गिनीज बुक में स्थान मिलने से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हैं। अब एक दिन में छह करोड़ पौधे लगा कर दस हजार बाग तैयार किये जाएंगे। छह करोड़ पौधे जुटाने के लिए पौधशालाएं चिन्हित की जा रही हैं।
पर्यावरण असंतुलन के खतरों को चुनौती मान 'क्लीन यूपी-ग्रीन यूपीÓ योजना के तहत बीती सात नवंबर को प्रदेश में एक साथ दस लाख पौधे रोपे गए थे। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में इस अभियान को स्थान मिल गया मगर वन नीति के हिसाब से राज्य में अब भी हरियाली कम है। लिहाजा, सरकार ने दस हजार स्थानों पर एक साथ छह करोड़ पौधे रोपने की योजना तैयार की है। भविष्य में एक साथ दस हजार बाग तैयार करने की मंशा भी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने पौधरोपण के लिए स्थान चयन भी कर लिया है। अभियान में किसानों, विद्यार्थियों और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ली जाएगी। रोपे गए पौधों को गोद देने की योजना भी है।
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चाहिए 26 फीसद वन भूमि
भारत की वन नीति में पर्यावरण संतुलन के लिए उपलब्ध भूमि का एक तिहाई हिस्सा पेड़-पौधों से भरा होना चाहिये मगर प्रदेश में सिर्फ 8.93 भू-भाग पेड़-पौधों से ढका है जबकि 33 क्षेत्र वन से आच्छादित होना चाहिये। इस तरह अब भी 26 फीसद से अधिक वनाच्छादित क्षेत्र की कमी है।
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दूसरे राज्यों से मंगाएंगे पौधे
एक साथ छह करोड़ पौधों का प्रबंध करना सरकारी मशीनरी के लिए भी चुनौती है। इसलिए आसपास के राज्यों से भी पौधे मंगाने की तैयारी हो रही है। शीशम, कंजी, पाकड़, नीम, अर्जुन, आंवला, चिलबिल, इमली, बरगद, पीपल के अलावा कुछ स्थानों पर आम, सागौन, कैथा, जामुन के पौधे भी रोपे जाएंगे।
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चिकित्सकीय पौधों पर फोकस
राज्य आयुष मिशन सहित विभिन्न विभागों को भी इस अभियान से जोडऩे की तैयारी है। ऐसे पौधे लगाए जाएंगे, जिनका प्रयोग इलाज में किया जा सके। इनमें अश्वगंधा और लिवर के मरीजों के लिए मददगार कालमेघ के साथ आर्टीमीशिया, सर्पगंधा, ब्राह्मïी व हरीतिकी जैसे पौधे लगेंगे जिनसे मलेरिया, रक्तचाप, अवसाद व पेट रोगों से मुक्ति मिलती है।
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