Wednesday 12 October 2016

समाजवाीदी परिवारः तथ्यों की परख

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1 - मुलायम सिंह यादव - सांसद
2 - अखिलेश यादव (पुत्र) - मुख्य्मंत्री
3 - रामगोपाल यादव (भाई) - सांसद
4 - डिम्पल यादव (पुत्र बधु ) - सांसद
5 - धर्मेंद्र यादव (भतीजे ) - सांसद
6 -अक्षय यादव (भतीजे ) - सांसद
7 -तेजप्रताप यादव (पोते) - सांसद
8 -शिवपाल सिंह यादव (भाई) - विधायक(मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार)
9 -अंशुल यादव(भतीजे) - जिलापंचायत अध्यक्ष इटावा
10 -शंध्या यादव (भतीजी) - जिलापंचायत अध्यक्ष मैनपुरी
11 -मृदुला यादव (भतीजे की पत्नी)- ब्लॉक प्रमुख सैफई
12 -अजंट सिंह यादव(बहनोई) - ब्लॉक प्रमुख
13 -प्रेमलता यादव (भाई की पत्नी) - जिलापंचायत सदस्य
14 -सरला यादव (भाई की पत्नी) - निदेशक जिला सहकारी बेंक इटावा
15 -आदित्य यादव (भतीजे) - PCF के चेयरमैन
16 -अनुराग यादव (भतीजे ) - राष्ट्रीय सचिव समाजबादी युवजन सभा
17 -अरबिंद यादव ( सगे भांजे-राम गोपाल यादव के ) - एमएलसी
18 -बिल्लू यादव (भांजे ) - ब्लॉक प्रमुख करहल
19 -मिनाक्षी यादव (भांजे की पत्नी - जिलापंचायत सदस्य मैनपुरी
20 -बंदना यादव ( धर्मेद्र यादव की बहन) - जिलापंचायत अध्यक्ष हमीरपुर
और अब मुलायम की पुत्रबधू अर्पणा यादव - प्रत्यासी विधानसभा क्षेत्र लखनऊ केंट
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पिछले सालों में उ.प्र. सरकार की रोजगार के
क्षेत्र में उपलब्धियाँ
1- 72825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती पर रोक
2- 29333 जूनियर शिक्षकों की भर्ती पर रोक
3- T.G.T की भर्ती पर रोक
4- P.G.T की भर्ती पर रोक
5- एल.टी. ग्रेड शिक्षकों की भर्ती पर रोक
6- दरोगा की भर्ती पर रोक
7- ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती पर रोक
8- ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती पर रोक
9- P.C.S की भर्ती पर रोक
10- P.C.S जुडीसियल की भर्ती पर रोक
11- पुलिस कांस्टेबल की भर्ती पर रोक
12- समीक्षा अधिकारी की भर्ती पर रोक
13- उ.प्र लोवर सबोर्डिनेट की भर्ती पर रोक
14- स्वास्थ कार्यकर्ता की भर्ती पर रोक
15- पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती पर रोक
16- मत्स्य विकास अधिकारी की भर्ती पर रोक
17- उर्दू शिक्षकों की भर्ती पर रोक
18- उच्च माध्यमिक विद्यालयों में
प्राचार्यों की भर्ती पर रोक
19- लेखपालों की भर्ती पर रोक
20- पी.ए.सी. कांस्टेबल की भर्ती पर रोक
22- DIET प्राचार्यों की भर्ती पर रोक
23- बैकलॉग की भर्ती पर रोक व अन्य
पिछले दो सालों में विज्ञापन तो बहुत निकले और
नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से करोड़ों रुपये
भी लूटे गए पर आज तक कोई
भी भर्ती पूरी नही हो पायी ……
उ.प्र.सरकार के पूरे होते वादे ….
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1- 75 जिलाध्यक्षो में 63 यादव (समाजवादी
पार्टी)
2- 75 BSA में 62 यादव
3- 67% थानाध्यक्ष यादव
4- जो यादव BDO है उनको 3 से 4 ब्लाक
5- भर्ती परीक्षाओं में यादव 69%
6- सड़क पानी बिजली का केवल शिलापट्ट पर नाम
व कमीशन
7- UPSC का अध्यक्ष अनिल यादव
8- उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का अध्यक्ष प्रभात मित्तल (पूर्व आइएएस)
9- अधीनस्थ सेवा आयोग का अध्यक्ष राज किशोर
यादव (एमएलसी संजय लाठर की पत्नी आयोग की सदस्य हैं)
10- माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड का अध्यक्ष
रामपाल 

समाजवादी पार्टी ः लोहिया पुण्यतिथि-लखनऊ

१२ अक्टूबर २०१६ -----------

 समाजवादी सिद्धांतों पर नहीं चल रहे कार्यकर्ता: मुलायम
-समाजवादी परिवार का सियासी संग्राम अब 'दिलÓ को देने लगा दर्द

लखनऊ: समाजवादी परिवार का सियासी 'संग्रामÓ एक कदम बढ़कर अपनों के दिल को 'दर्दÓ देने लगा है। मंगलवार कोजेपी सेंटर के आगाज में इसकी झलक दिखी तो बुधवार को लोहिया की पुण्यतिथि पर यह खुलकर सामने आया। सुबह मुख्यमंत्री लोहिया को श्रद्धांजलि आर्पित कर लौट गए तब मुलायम और शिवपाल पहुंचे। फूल चढ़ाया। फिर बिना भूमिका मुलायम ने माइक संभाला और कहा कार्यकर्ता मेहनत करते हैं मगर समाजवादी सिद्धांतों पर नहीं चलते। कुछ युवा सिर्फ नारेबाजी करते हैं। टिकट चाहते हैं लेकिन क्षेत्र में उन्हे कोई जानता नहीं।
समाजवादी चिंतक डाक्टर राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी विपक्ष में रहने से लेकर अब तक लोहिया पार्क में बड़ा आयोजन करती रही है मगर बुधवार के कार्यक्रम में पार्टी के रणनीतिकारों का अंदाज जुदा-जुदा था। सुबह पहले मुख्यमंत्री पहुंचे, श्रद्धांजलि अर्पित, कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया और लौट गए फिर पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव पहुंचे। श्रद्धांजलि के बाद सीधे बोलना शुरू किया, चंद मिटन में भी भाषण खत्म कर दिया। जबकि पूर्व में यह कार्यक्रम तीन से चार घंटे चलता था।
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युवा सिद्धांतों पर नहीं चल रहे
 मुलायम ने कहा कि  कार्यकर्ता मेहनत करते हैं पर समाजवादी सिद्धांतों पर नहीं चलते। सीखते भी नहीं, जनसेवा का तरीका भी पता नहीं। फिर युवा ब्रिगेड पर हमलावर होते हुए कहा कि आजकल के लड़के सिर्फ नारेबाजी करते हैं, इससे तो राजनीति नहीं चलती। कोई न किताब खरीदता है और न पढ़ता है। लोहिया पुस्तकालय तक नहीं जाते। जब कहा कि जो पढ़ेगा, उसी को टिकट देंगे तो कुछ लोगों ने किताबें खरीदीं मगर पढ़ा फिर भी नहीं। यादव ने कहा कि हालांकि दो-चार लड़के अच्छे भी हैं। लोहिया ने भारतीय राजनीति को नई दिशा दी है। उनकी विचारधारा हमेशा प्रासंगिक रहेगी। आजादी की लड़ाई में असहनीय यातनाएं सहने वालों में वह भी प्रमुख रूप से शामिल ते।
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मैं,रात भर नहीं सोया
अपने भाषणों में संघर्ष, बलिदान और सियासी दांव-पेंच का जिक्र करने वाले मुलायम सिंह यादव बुधवार को संभवत: पहली बार सावर्जनिक मंच पर भावुक नजर आए। कहा 'मैं रात भर सोया नहीं। मंगलवार को ही दोपहर दिल्ली गया था, जहां देश के बड़े राजनीतिक चिंतक से लंबी चर्चा की। फिर रात भर सो नहीं पाया। सुबह पहली फ्लाइट पकड़कर आ गया। वह जब सो नहीं पाने का खुलासा कर रहे थे, तब उनके चेहरे पर परिवार के 'संग्रामÓ से जन्मी पीड़ा साफ झलक रही थी। मुलायम ने यह खुलासा तो नहीं किया कि किस चिंतक से बात की मगर उनकी बातों से यह अर्थ तो निकला ही कि समाजवादी पार्टी के चुनावी समीकरण फिलहाल खांचे में फिट नहीं है।
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आज के राजनीतिक, डॉक्टर नादान
मुलायम ने कहा कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद सात दिनों तक पट्टी नहीं खोली। जिससे उनके जख्म में मवाद पड़ गया। लोहिया को जब अहसास हो गया कि वह अब नहीं बचेंगे, तब उन्होने होश में आने पर मुझसे कहा था- 'आजकल के राजनीतिक और डॉक्टर नादान हैं।Ó सपा सुप्रीमो ने कहा, मेरी उनसे आखिरी मुलाकात 23 अगस्त 1967 को हुई थी और 12 अक्टूबर को उनका निधन हो गया। लोहिया बड़े विचारक थे। कहा कि लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर समाजवादी पार्टी का गठन किया था।
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मुख्यमंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सुबह साढ़े दस बजे ही समाजवादी चिंतक डॉ.राम मनोहर लोहिया को श्रद्धांजलि देने लोहिया पार्क पहुंचे। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद वह वापस लौट गए, यह पहला मौका था जब अखिलेश यादव लोहिया की पुण्यतिथि पर बिना किसी संबोधन और सपा अध्यक्ष का इंतजार किये बगैर कार्यक्रम स्थल से लौट गये। इस तरीके को समाजवादी परिवार में चल रहे संग्र्राम व फैसलों पर नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लोहिया न्याय जाकर डाक्टर लोहिया की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कहा कि लोहिया के भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अमीर और गरीब के बीच का गहरी खाई खत्म करने के पक्षधर थे।
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चाचा ने किनारा किया
सुबह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जब लोहिया को श्रद्धांजलि देने न्याय पहुंचे तो उस समय प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव वहां मौजूद थे मगर वह दूसरी कक्ष में चले गए। मुख्यमंत्री ने भी कोई उपक्रम नहीं किया। दोनों ने एक दूसरे से दूरी बनाये रखी।
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लोहिया के भाषणों की सीडी जारी
 समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता दीपक मिश्र द्वारा संकलित लोहिया के 50 प्रमुख भाषणों की एक सीडी व पेन ड्राइव जारी हुई। इसमें संसद के भीतर और बाहर लोहिया के भाषणों में से 50 को शामिल किया गया है। आपातकाल के दौर में उनका भाषण भी इस सीडी में है। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव, मंत्री अहमद हसन, भगवती सिंह, एमएलसी अशोक बाजपेयी, मधु गुप्ता, फाकिर सिद्दीकी भी मौजूद थे।
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कुछ प्वांइट्स
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राम मनोहर लोह‌िया की पुण्यत‌िथ‌ि पर बुधवार को मुलायम स‌िंह ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजल‌ि अर्प‌ित की। उन्होंने बीते द‌िनों को याद क‌िया और कहा क‌ि उन्हें देश आज भी याद कर रहा है। सपा सुप्रीमो ने कहा, मेरी उनसे आख‌िरी मुलाकात 23 अगस्त 1967 को हुई थी और 12 अक्तूबर को उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा क‌ि लोह‌िया बड़े व‌िचारक थे।
मुलायम स‌िंह ने एक घटना का ज‌िक्र करते हुए कहा क‌ि लोह‌िया के ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने सात द‌िन तक उनकी पट्टी नहीं खोली ज‌िसकी वजह से मवाद पड़ गया जबक‌ि रोज ड्रेस‌िंग होनी चाह‌िए थी। हालत ब‌िगड़ने पर लोह‌िया को अहसास हो गया क‌ि वह नहीं बचेंगे तो जब उन्हें होश आता तो वह मुझसे कहते क‌ि आजकल के राजनीत‌िज्ञ और डॉक्टर नादान हैं।

मुलायम स‌िंह ने कहा, आजकल कार्यकर्ता मेहनत तो करते हैं पर स‌िद्धांतों पर नहीं चलते। उन्होंने कहा क‌ि आजकल के लड़के स‌िर्फ नारेबाजी करते हैं। हालांक‌ि दो-चार लड़के अच्छे भी हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओंं को ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की सलाह दी।

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राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर बुधवार को लोहिया पार्क में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यकर्ता केवल नारेबाजी करते हैं। उन्‍हें क्षेत्र में कोई नहीं जानता, लेकिन टिकट ही चाहिए। वहीं, कार्यक्रम से पहले अखिलेश यादव और शिवपाल यादव ने लोहिया ट्रस्ट और लाहिया पार्क पहुंचकर प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।
मुलायम ने कहा- केवल नारेबाजी करते हैं कार्यकर्ता
- लोहिया जी को पूरा देश याद कर रहा है।
- लोहिया जी बहुत बड़े विचारक थे।
- 23 अगस्‍त 1967 को लाहिया जी से आखिरी मुलाकात हुई थी।
- आज कल कार्यकर्ता मेहनत तो करते हैं, लेकिन सिद्धांतों पर नहीं चलते।
- केवल नारेबाजी करते हैं कार्यकर्ता, और मेहनत की जरूरत है।
- कार्यकर्ता भाषण नहीं सुनते। हमने कितने भाषण सुने थे।
- महापुरुषों के बारे में कार्यकर्ता नहीं पढ़ते।
- इतना अच्‍छा ट्रस्‍ट बनाया गया, लेकिन कोई कार्यकर्ता उनको पढ़ने वहां नहीं जाता।
- किसी को याद ही नहीं लोहिया जी का भाषण।
- मुझे उनका हर भाषण याद है।
- आजकल सिर्फ टिकट की जल्‍दी है, काम करने की नहीं।
- कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में कोई जानता ही नहीं, लेकिन टिकट चाहिए।
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महान समाजवादी चिन्तक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, बयालिस की क्रांति व गोवा मुक्ति संग्राम के नायक राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री शिवपाल सिंह यादव ने लोहिया न्यास व लोहिया पार्क स्थित लोहिया प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। लोहिया के शिष्य श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोहिया ने भारतीय राजनीतिक को नई दिशा दी। लोहिया की विचारधारा आज और भी अधिक प्रांसगिक है। लोहिया ने आजादी की लड़ाई के दौरान असहनीय यातनायें सही। बयालिस की क्रान्ति के दौरान भूमिगत रहते हुए लोहिया जी स्वतंत्रता आन्दोलन को धार देते रहे। उन्होंने गोवा की आजादी का सिंहनाद किया इसीलिए उन्हें गोवा मुक्ति संग्राम का नायक भी कहा जाता है। उन्होंने ‘सप्त क्रान्ति’, ‘विकेन्द्रीयकरण’, ‘चैखम्भाराज’ जैसी अवधारणायें दी। उन्होंने पूरी दुनिया को बिना हथियार उठाये अन्याय का प्रतिकार करना सिखाया। श्री यादव ने युवा समाजवादियों से लोहिया एवं समाजवादी साहित्य के अध्ययन करने तथा सैद्धान्तिक कार्यक्रमों से जुड़ने की सीख दी। नेताजी ने कहा कि लोहिया के विचारों से अनुप्रेरित होकर ही उन्होंने समाजवादी पार्टी का गठन किया। आर्थिक विषमता को समाजवाद से ही दूर किया जा सकता है। लोहिया के ऐतिहासिक वक्तव्य को उद्धरित करते हुए उन्होंने कहा कि अमीर और गरीब के बीच एक अनुपात दस का अंतर होना चाहिए। श्री मुलायम सिंह यादव ने इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता व प्रदेश सचिव श्री दीपक मिश्र द्वारा संपादित एवं संकलित लोहिया जी के ऐतिहासिक व संग्रहणीय भाषणों की पेनड्राइव/डीवीडी जारी की। इस अवसर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, वरिष्ठ समाजवादी नेता भगवती सिंह, विधान परिषद सदस्य अशोक बाजपेयी, मंत्री अहमद हसन, मधु गुप्ता, फाकिर सिद्दीकी की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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लखनऊ.यूपी की सियासत में एक बार फिर चर्चा चल पड़ी है कि सीएम अखिलेश यादव नाराज चल रहे हैं। यह नाराजगी लोहिया की पुण्यतिथि पर लोहिया पार्क में भी देखने को मिली। यही नहीं मुलायम के बयान में भी उनका दर्द छलक आया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर सीएम साब नाराज क्यों हैं।
मुलायम से पहले पहुंचे लोहिया पार्क
- सीएम अखिलेश यादव भी लोहिया की पुण्यतिथि पर लोहिया पार्क पहुंचे।
- लेकिन वह मुलायम के आने से पहले ही माल्यार्पण करके वापस भी निकल गए।
- जबकि उन्हें मालूम था कि मुलायम भी आने वाले हैं और कार्यक्रम भी होने वाला है।
- यही नहीं बुधवार को वह काफी गुस्से में भी दिखे।
कम भीड़ देख मुलायम भी नाराज
- वहीं सीएम के जाने के बाद करीब 11 बजे पहुंचे मुलायम भी पंडाल में कम भीड़ देख कर नाराज हुए।
- इससे पहले उन्होंने लोहिया की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया।
- उन्होंने इस बाबत शिवपाल यादव और यशवंत सिंह से भी कुछ बात की।
- मुलायम ने तुरंत आते ही अपना भाषण भी शुरू कर दिया।
मुलायम बोले सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए
- कम भीड़ देख कर मुलायम ने भी नेताओं को सीख दे डाली।
- उन्होंने कहा कि सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
- उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव और सरकार तक ही नहीं सीमित रहना चाहिए।
मुलायम के बयान के बाद चला चर्चाओं का दौर
- मुलायम के इस बयान को कार्यकर्ताओं ने संजीदगी से लिया।
- कार्यकर्ताओं ने कहा कि नेता जी ने यह सीख सीएम को दी है।
- कार्यकर्ताओं का कहना है कि परिवार में चल रही नाराजगी अभी भी ख़त्म नहीं हुई है।
- कहीं न कहीं कुछ हुआ जरूर है, तभी सीएम साहब आज रुके नहीं।









Saturday 8 October 2016

सपा बागीः सपा बागी NETA

05 OCT 2016
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राजकिशोर ने सपा के खिलाफ खोला मोर्चा
-कहा, निर्दल लड़ूंगा तो भी जिताएगी जनता
  लखनऊः अखिलेश यादव के मंत्रीमंडल से बर्खास्त राजकिशोर सिंह ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपना अगला चुनाव निशान जल्द बताने की बात करते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि अब सपा से उनका रिश्ता टूट गया है। मंत्री पद गवांने के बाद बुधवार को पहली बार उन्होंने अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र हर्रैया में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया। सम्मेलन में राजकिशोर ने कहा कि पार्टी की सेवा में कोई कमी नहीं की, लेकिन उनके साथ साजिश हुई।
अखिलेश के अलावा मायावती एवं मुलायम की सरकारों में भी मंत्री रह चुके राजकिशोर बस्ती की हर्रैया सीट से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। पिछले पंचायत चुनाव में अखिलेश ने उनके इस राजनीतिक कौशल का इस्तेमाल किया था। बस्ती के अलावा उन्होंने गोरखपुर की सीट भी विपरीत समीकरण होने के बावजूद जिता दी थी। उन पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप भी लगा था। सपा के दुलारे रह चुके राजकिशोर अपनी बर्खास्तगी से मर्माहत हैं। अब सपा से दो-दो हाथ करने का ऐलान कर दिया है। पूर्व मंत्री ने आधे घंटे के संबोधन में कहा हर्रैया के लोगों ने पहले मेरे परिवार को बचाया है। इस बार मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश रची गई है। विश्वास है जनता इसे नाकाम करेगी। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि अगर मैं निर्दल भी लडूं तो जनता बड़े अंतर से जिता देगी।
राजकिशोर के समर्थकों के निशाने पर एमएलसी सनी यादव थे। सभी ने राजकिशोर की बर्खास्तगी के लिए उन्हें ही दोषी ठहराया। पूर्व मंत्री के प्रतिनिधि खादिम हुसेन ने कहा कि सनी ने झूठी सूचनाएं पहुंचाकर माहौल खराब किया, जबकि मुलायम सिंह यादव एवं अखिलेश यादव के निर्देश पर राजकिशोर ने उसके जैसे कमजोर आदमी को एमएलसी बनवा दिया। राजकिशोर के भाई एवं प्रदेश के ऊर्जा सलाहकार (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) बृजकिशोर सिंह डिंपल ने आरोप लगाया कि कुछ स्वर्थी तत्वों द्वारा राजकिशोर की हत्या की साजिश रची जा रही है।

सपा का कुनबा ः झगड़ा


४ सितंबर २०१६
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 मुलायम ने दी नसीहत, आजम से मिले शिवपाल
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- कार्यकर्ताओं से कहा, क्षेत्र में जाकर करो काम
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 लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव मंगलवार को अचानक सपा मुख्यालय पहुंच गये। उस समय कुछ कार्यकर्ता मौजूद थे। यादव ने कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में जाकर काम करने और चुनावी तैयारी की नसीहत दी। उधर, सपा के प्रदेश अध्यक्ष और सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को विधानभवन में संसदीय कार्य मंत्री आजम खां से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की।
माना जा रहा है कि शिवपाल ने समाजवादी कुनबे की बीच चल रही कलह में सामंजस्य बनाने की गरज से आजम से मुलाकात की। इसके और भी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। शिवपाल ने सोमवार को 17 उम्मीदवारों के टिकट बदल दिये जिसमें कई मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी हैं। प्रतिक्रिया स्वरूप अखिलेश ने तुरुप का इक्का चलने की बात कहकर यह संकेत दे दिया कि कलह कम होने वाली नहीं है। यद्यपि जब वह बोल रहे थे तो आजम खां उनका हाथ दबा रहे थे। आजम ने लोक भवन के उद्घाटन के दौरान मुलायम सिंह यादव की भी नाराजगी दूर करने की कोशिश की। माना जा रहा है कि शिवपाल ने उनसे मुलाकात कर सामंजस्य बनाने की कोशिश की। सपा में स्थापना काल से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को महत्व देने की रणनीति बन रही है।
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सपा टिकटः कुनबा झगड़ा

तीन सितंबर २०१६

नौ क्षेत्रों में सपा ने और दिए टिकट, 17 में बदले
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-सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित कर दिए जबकि 17 क्षेत्रों के उम्मीदवार बदल दिए। सपा ने अब तक हारी हुई सीटों पर 172 उम्मीदवार घोषित किये थे। सोमवार को शिवपाल द्वारा नौ और क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब यह संख्या 181 हो गयी है।
 सोमवार को जारी सूची के मुताबिक सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र से मोहम्मद इरशाद, बहराइच की नानपारा से जयशंकर सिंह और पयागपुर से मुकेश श्रीवास्तव, महराजगंज के नौतनवां से अमन मणि त्रिपाठी, सोनभद्र के ओबरा से संजय यादव, बुलंदशहर के डिबाई से हरीश लोधी, हरदोई के गोपामऊ सुरक्षित से राजेश्वरी और सांडी से ऊषा वर्मा तथा अंबेडकरनगर के जलालपुर से सुभाष राय को उम्मीदवार घोषित किया है।
जिन 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में घोषित उम्मीदवारों की जगह नये उम्मीदवार घोषित किये गये हैं उनमें सहारनपुर की रामपुर मनिहारन से विमला राकेश की जगह जसवीर बाल्मिकी, शामली के थाना भवन से किरनपाल कश्यप की जगह शेर सिंह राणा, मुजफ्फरनगर के मीरापुर से मोहम्मद इलियास की जगह शाहनवाज राणा, बिजनौर के नजीबाबाद से अबरार आलम अंसारी की जगह तस्लीम अहमद, मेरठ  के सरधना में अतुल प्रधान की जगह मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, मेरठ कैंट से सरदार परविंदर सिंह की जगह आरती अग्रवाल, मेरठ शहर से रफीक अंसारी की जगह अय्यूब अंसारी, बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र से सुनीता चौहान की जगह रवीन्द्र बाल्मिकी, हाथरस सुरक्षित से राम नारायण काके की जगह मूलचंद्र जाटव, आगरा के फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर की जगह श्रीनिवास शर्मा, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार की जगह रानी पक्षालिका सिंह, रायबरेली के जगदीशपुर सुरक्षित विजय कुमार पासी की जगह अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद, कानपुर देहात के सिकंदरा से महेन्द्र कटियार की जगह सीमा सचान, ललितपुर से ज्योति लोधी की जगह चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुडडू राजा, कौशांबी के चायल से चंद्रबलि सिंह पटेल की जगह बालम द्विवेदी, मीरजापुर के मडि़हान से रविन्द्र बहादुर सिंह पटेल की जगह सुरेन्द्र सिंह पटेल और वाराणसी के शिवपुर से अरविन्द कुमार मौर्य की जगह अवधेश पाठक को उम्मीदवार घोषित किया है। समाजवादी पाटी ने 2012 के चुनाव में 224 सीटें जीती थीं। सपा ने अपनी सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। दल छोडऩे वाले श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित की डिबाई सीट पर भी उम्मीदवार घोषित किया है।
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तुरुप के इक्के का इंतजार करें : अखिलेश
सपा कलह
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-सपा के टिकट वितरण में अनदेखी पर मुख्यमंत्री की टीस
-कहा, अधिकार छोड़ दिये लेकिन आदतें नहीं बदल सकता
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लखनऊ : सरकार और सत्ताधारी दल में अंतर्कलह अभी थमी नहीं है बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की आंच झेल रहे अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से सपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनका एजेंडा विकास है और यदि यह पार्टी के अंदर की बात है तो हमारी राय आप जानते हैं। अमनमणि मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। इस बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने साफगोई से कहा-'या तो मैं सच बोलूं या पॉलिटिकल हो जाऊं। सच तो यह है कि मैं अपनी कुछ पुरानी आदतें नहीं बदल सकता।Ó इशारा यही था कि दागी छवि के लोगों को सपा का टिकट दिये जाने के विरोध के अपने पुराने स्टैंड पर वह कायम हैं।
टिकट बंटवारे में अधिकार मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैने सब अधिकार छोड़ दिये हैं।Ó क्या टिकटों के बंटवारे की जानकारी आपको नहीं दी गई? अखिलेश बोले, 'यह मामला मेरी जानकारी में ही नहीं आया, मैं तो कार्यालय का उद्घाटन करने आया था।Ó जब उनसे प्रश्न हुआ कि समाजवादी पार्टी की रथयात्रा कब से शुरू होगी तो उन्होंने कटाक्ष किया कि इसकी जानकारी देने वाली मेल मेरे पास तो आयी नहीं है, हो सकता है आपके (मीडिया) के पास आयी हो।
यादव परिवार में बीते दिनों मचे घमासान के दौरान अखिलेश विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में अपनी निर्णायक भूमिका को लेकर बेहद आग्रही थे। मुख्यमंत्री ने कहा वैसे तो वह शतरंज खेलते हैं लेकिन ताश के खेल में वही जीतता है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। जब उनसे पूछा गया कि टिकट वितरण तो हो गया तो वह अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ बोले, 'कोई तुरुप का पत्ता चलेगा तो कोई तुरुप का उससे बड़ा पत्ता डालेगा।Ó फिर कहा कि सियासत कोई खेल नहीं है। क्या बसपा को मालूम था कि नेता विरोधी दल पार्टी छोड़कर चले जाएंगे? अपनी बात उन्होंने भेद भरे दो वाक्यों के साथ खत्म की। यह कहते हुए कि 'राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इसलिए तुरुप के इक्के का इंतजार करिये।Ó

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कुनबे की कलह कुछ और उजागर
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-टिकट बंटवारे में भी उभरी वर्चस्व की लड़ाई
- भविष्य में बड़ा दांव चलने का अखिलेश ने दिया संकेत
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने की कहानी नई नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सुलतानपुर की लंभुआ सीट पर सपा ने सात बार टिकट बदले। इस तरह कई और क्षेत्रों के भी उदाहरण हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने जिस तरह 17 क्षेत्रों के घोषित उम्मीदवार बदल दिए, उससे यह साफ संकेत मिला है कि अब समाजवादी कुनबे की कलह थमने वाली नहीं है।
 शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की अनुमति से उम्मीदवारों के बदलने की घोषणा की है पर इनमें कई ऐसे उम्मीदवारों का टिकट कटा जो मुख्यमंत्री और प्रोफेसर राम गोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। जाहिर है वर्चस्व की लड़ाई अब तेज होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री के नए कार्यालय 'लोकभवनÓ का उद्घाटन और कैबिनेट की बैठक थी। इसके ठीक पहले ही शिवपाल ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। मुलायम व अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल भी लोकार्पण समारोह में गये, लेकिन शिवपाल के चेहरे पर तनाव बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने भी जिस तरह के बयान दिए उससे साफ लगा कि वह इस फैसले से खुश नहीं। मुख्यमंत्री ने खुद को शतरंज का खिलाड़ी बताकर अपने समर्थकों का प्रकारांतर से हौसला बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तुरुप के पत्ते का इंतजार करिए। अखिलेश अपने संकेतों के जरिये जाहिर कर रहे थे कि भविष्य में वह कोई बड़ा दांव चलने वाले हैं।
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 दागियों पर दांव
सपा उम्मीदवारों की सूची में बहुत से साफ सुथरी छवि के हैं, लेकिन कई ऐसे नाम हैं जो पूरी पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। राजधानी की सड़कों पर सरेशाम गुंडई और फिर अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोपों में सीबीआइ जांच से घिरे अमनमणि त्रिपाठी हों या फिर एनआरएचएम घोटाले के आरोपों में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे कांग्रेस से आए विधायक मुकेश श्रीवास्तव को शिवपाल ने उम्मीदवार बनाकर साफ कर दिया कि उन्हें हर कीमत पर जीत चाहिए और इसके लिए वह किसी भी तरह के व्यक्ति पर दांव लगा सकते हैं। अमनमणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कवयित्री मधुमिता की हत्या के आरोप में उम्र कैद भुगत रहे हैं। फरारी के दिनों में भी अमनमणि विधानसभा से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों तक शिवपाल के करीब देखे जाते रहे।
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अखिलेश के करीबियों को किया किनारे
अखिलेश की युवा बिग्रेड के सदस्यों को पार्टी से बाहर करने के बाद शिवपाल ने इस बिग्रेड के एक प्रमुख सदस्य अतुल प्रधान का सरधना और रामगोपाल के करीबी रफीक अंसारी का मेरठ से टिकट काट दिया। बांकी क्षेत्रों में भी ज्यादातर उम्मीदवार मुख्यमंत्री की पसंद के ही थे। मीरापुर में इलियास की जगह शाहनवाज राणा को मौका देकर शिवपाल ने अपनी पसंद भी जताने की कोशिश की है।
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ब्राह्मणों को मौका
टिकट बदलने में जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश की गयी है। कई ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे गए हैं। वाराणसी के शिवपुर में अरविन्द मौर्य की जगह अवधेश पाठक और कौशांबी के चायल में चंद्रबलि पटेल की जगह बालम द्विवेदी का नाम प्रमुख है। मुसलमानों का टिकट काटने में यह एहतियात जरूर बरती गई कि मुसलमान उम्मीदवार को ही मौका मिला।
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कोई मतभेद नहीं
सोमवार दोपहर तक प्रोफेसर राम गोपाल यादव भी लखनऊ आ गये थे। मुलायम सिंह के पांच विक्रमादित्य स्थित आवास पर पहुंचते ही शिवपाल यादव और राम गोपाल भी कुछ देर बाद पहुंचे। तीनों के बीच गुफ्तगू शुरू हुई। थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री भी वहीं पहुंच गए। बैठक के बाद प्रोफेसर राम गोपाल ने मीडिया से कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। टिकट बांटना संसदीय बोर्ड का काम है। अखिलेश और शिवपाल में किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इन्कार किया।
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और भी कट सकते हैं टिकट
शिवपाल के अध्यक्ष बनते ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि टिकट तो वह खुद बांटेंगे। शायद शिवपाल को यह बात अंदर तक चुभ रही थी। इसीलिए सोमवार को उनकी पहली सूची आते ही अखिलेश के लोगों में मायूसी दिखी।

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कई खूबियों से लैस है 'लोकभवनÓ
-सुविधा, सज्जा और सुरक्षा के खास इंतजाम
-नए दफ्तर में भी पंचम तल पर बैठेंगे मुख्यमंत्री
लोक भवन-खास बातें
लागत - 601.89 करोड़ रुपये
क्षेत्रफल - 25380.00 वर्ग मीटर (6.30 एकड़)
कुल बेसमेंट एरिया - 21956.44 वर्ग मीटर
कुल कवर्ड एरिया - 37426.29 वर्ग मीटर
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लखनऊ : सुविधा, सुसज्जा और सुरक्षा। ये वे कसौटियां हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त और कई खूबियों से लैस मुख्यमंत्री का नया कार्यालय 'लोकभवनÓ बनाया गया है। सोमवार को लोक भवन के लोकार्पण के मौके पर इसकी झलक पाने को आम जनता तो क्या, मंत्री भी बेताब दिखे।
दारुलशफा परिसर में बनाये गए लोक भवन में मुख्यमंत्री का कार्यालय बी-ब्लॉक में पंचम तल पर होगा। लोक भवन में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव समेत 1330 अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। नवनिर्मित परिसर में तीन ब्लॉक बनाये गए हैं। ब्लॉक-ए में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग और भूतल पर गार्ड रूम व पास ऑफिस होगा। ब्लॉक-बी में मुख्य भवन होगा। यह भूमिगत ऑडिटोरियम व भूतल सहित पांच मंजिला इमारत होगी। बी-ब्लाक के बेसमेंट में ऑडिटोरियम, लॉबी, विशिष्ट लाउन्ज, सात लिफ्ट व रिकॉर्ड रूम, भूतल पर 602 सीटों वाला आडिटोरियम, क्लोज सर्किट टीवी कंट्रोल रूम, प्रमुख सचिव सूचना व उनके स्टाफ रूम, टीवी स्टूडियो, मीडिया प्रतीक्षालय व प्रेस मीडिया हॉल है।
बी-ब्लॉक की पहली मंजिल पर मुख्य सचिव का कार्यालय, 100 सीटों वाला कांफ्रेंस रूम, उनके स्टाफ के दफ्तर, सचिव नागरिक उड्डयन, वीवीआईपी प्रवेश लॉबी, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम व प्रमुख सचिव नियुक्ति व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। दूसरी मंजिल पर प्रमुख सचिव कार्मिक व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। तीसरे तल पर वेटिंग लाउंज, उप सचिव, अनुसचिव, अनुभाग अधिकारी आदि के कमरे होंगे। चौथी मंजिल पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव तथा उनके के दफ्तर और एक कांफ्रेंस रूम होगा। पांचवें तल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय, कांफ्रेंस रूम, मुख्यमंत्री के लिए वीडियो कांफ्रेस रूम, कैबिनेट लाउंज, कैबिनेट ऑफिस स्टाफ रूम, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व उनके स्टाफ के लिए कक्ष तथा विधान सभा के सदस्यों के लिए वेटिंग लाउंज आदि होंगे।
ब्लॉक-सी भूमिगत पार्किंग व भूतल सहित सात मंजिला भवन होगा। भूमिगत पार्किंग में 392 और खुली पार्किंग में 22 वाहन खड़े किये जा सकेंगे। भूतल पर पास ऑफिस, वेटिंग लाउन्ज, क्लॉक रूम, आगंतुकों, स्टाफ व अफसरों के लिए कैंटीन, मेडिकल रूम है। इस ब्लॉक में सचिवालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के दफ्तर  हैं।
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वर्षा जल संचयन का ख्याल
लोक भवन में साउंड इन्सुलेशन के लिए डबल वैक्यूम ग्लास लगाये गए हैं। फर्श पर इटैलियन मार्बल, ग्रेनाइट, विट्रीफाइड टाइल्स व वुडेन फ्लोरिंग की गई है। परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्यूबवेल व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान किया गया है। भवन में विद्युत 33 केवी सब-स्टेशन, मॉडर्न इलेक्ट्रिकल पैनल, पावर बैकअप के लिए 1000 केवीए के तीन जेनरेटर और केंद्रीय वातानुकूलन और भवनों में बिजली बचाने के इंतजाम किये गए हैं।




सपा टिकटः कुनबा झगड़ा

तीन सितंबर २०१६

नौ क्षेत्रों में सपा ने और दिए टिकट, 17 में बदले
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-सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित कर दिए जबकि 17 क्षेत्रों के उम्मीदवार बदल दिए। सपा ने अब तक हारी हुई सीटों पर 172 उम्मीदवार घोषित किये थे। सोमवार को शिवपाल द्वारा नौ और क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब यह संख्या 181 हो गयी है।
 सोमवार को जारी सूची के मुताबिक सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र से मोहम्मद इरशाद, बहराइच की नानपारा से जयशंकर सिंह और पयागपुर से मुकेश श्रीवास्तव, महराजगंज के नौतनवां से अमन मणि त्रिपाठी, सोनभद्र के ओबरा से संजय यादव, बुलंदशहर के डिबाई से हरीश लोधी, हरदोई के गोपामऊ सुरक्षित से राजेश्वरी और सांडी से ऊषा वर्मा तथा अंबेडकरनगर के जलालपुर से सुभाष राय को उम्मीदवार घोषित किया है।
जिन 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में घोषित उम्मीदवारों की जगह नये उम्मीदवार घोषित किये गये हैं उनमें सहारनपुर की रामपुर मनिहारन से विमला राकेश की जगह जसवीर बाल्मिकी, शामली के थाना भवन से किरनपाल कश्यप की जगह शेर सिंह राणा, मुजफ्फरनगर के मीरापुर से मोहम्मद इलियास की जगह शाहनवाज राणा, बिजनौर के नजीबाबाद से अबरार आलम अंसारी की जगह तस्लीम अहमद, मेरठ  के सरधना में अतुल प्रधान की जगह मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, मेरठ कैंट से सरदार परविंदर सिंह की जगह आरती अग्रवाल, मेरठ शहर से रफीक अंसारी की जगह अय्यूब अंसारी, बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र से सुनीता चौहान की जगह रवीन्द्र बाल्मिकी, हाथरस सुरक्षित से राम नारायण काके की जगह मूलचंद्र जाटव, आगरा के फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर की जगह श्रीनिवास शर्मा, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार की जगह रानी पक्षालिका सिंह, रायबरेली के जगदीशपुर सुरक्षित विजय कुमार पासी की जगह अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद, कानपुर देहात के सिकंदरा से महेन्द्र कटियार की जगह सीमा सचान, ललितपुर से ज्योति लोधी की जगह चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुडडू राजा, कौशांबी के चायल से चंद्रबलि सिंह पटेल की जगह बालम द्विवेदी, मीरजापुर के मडि़हान से रविन्द्र बहादुर सिंह पटेल की जगह सुरेन्द्र सिंह पटेल और वाराणसी के शिवपुर से अरविन्द कुमार मौर्य की जगह अवधेश पाठक को उम्मीदवार घोषित किया है। समाजवादी पाटी ने 2012 के चुनाव में 224 सीटें जीती थीं। सपा ने अपनी सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। दल छोडऩे वाले श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित की डिबाई सीट पर भी उम्मीदवार घोषित किया है।
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तुरुप के इक्के का इंतजार करें : अखिलेश
सपा कलह
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-सपा के टिकट वितरण में अनदेखी पर मुख्यमंत्री की टीस
-कहा, अधिकार छोड़ दिये लेकिन आदतें नहीं बदल सकता
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लखनऊ : सरकार और सत्ताधारी दल में अंतर्कलह अभी थमी नहीं है बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की आंच झेल रहे अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से सपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनका एजेंडा विकास है और यदि यह पार्टी के अंदर की बात है तो हमारी राय आप जानते हैं। अमनमणि मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। इस बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने साफगोई से कहा-'या तो मैं सच बोलूं या पॉलिटिकल हो जाऊं। सच तो यह है कि मैं अपनी कुछ पुरानी आदतें नहीं बदल सकता।Ó इशारा यही था कि दागी छवि के लोगों को सपा का टिकट दिये जाने के विरोध के अपने पुराने स्टैंड पर वह कायम हैं।
टिकट बंटवारे में अधिकार मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैने सब अधिकार छोड़ दिये हैं।Ó क्या टिकटों के बंटवारे की जानकारी आपको नहीं दी गई? अखिलेश बोले, 'यह मामला मेरी जानकारी में ही नहीं आया, मैं तो कार्यालय का उद्घाटन करने आया था।Ó जब उनसे प्रश्न हुआ कि समाजवादी पार्टी की रथयात्रा कब से शुरू होगी तो उन्होंने कटाक्ष किया कि इसकी जानकारी देने वाली मेल मेरे पास तो आयी नहीं है, हो सकता है आपके (मीडिया) के पास आयी हो।
यादव परिवार में बीते दिनों मचे घमासान के दौरान अखिलेश विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में अपनी निर्णायक भूमिका को लेकर बेहद आग्रही थे। मुख्यमंत्री ने कहा वैसे तो वह शतरंज खेलते हैं लेकिन ताश के खेल में वही जीतता है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। जब उनसे पूछा गया कि टिकट वितरण तो हो गया तो वह अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ बोले, 'कोई तुरुप का पत्ता चलेगा तो कोई तुरुप का उससे बड़ा पत्ता डालेगा।Ó फिर कहा कि सियासत कोई खेल नहीं है। क्या बसपा को मालूम था कि नेता विरोधी दल पार्टी छोड़कर चले जाएंगे? अपनी बात उन्होंने भेद भरे दो वाक्यों के साथ खत्म की। यह कहते हुए कि 'राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इसलिए तुरुप के इक्के का इंतजार करिये।Ó

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कुनबे की कलह कुछ और उजागर
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-टिकट बंटवारे में भी उभरी वर्चस्व की लड़ाई
- भविष्य में बड़ा दांव चलने का अखिलेश ने दिया संकेत
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने की कहानी नई नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सुलतानपुर की लंभुआ सीट पर सपा ने सात बार टिकट बदले। इस तरह कई और क्षेत्रों के भी उदाहरण हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने जिस तरह 17 क्षेत्रों के घोषित उम्मीदवार बदल दिए, उससे यह साफ संकेत मिला है कि अब समाजवादी कुनबे की कलह थमने वाली नहीं है।
 शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की अनुमति से उम्मीदवारों के बदलने की घोषणा की है पर इनमें कई ऐसे उम्मीदवारों का टिकट कटा जो मुख्यमंत्री और प्रोफेसर राम गोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। जाहिर है वर्चस्व की लड़ाई अब तेज होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री के नए कार्यालय 'लोकभवनÓ का उद्घाटन और कैबिनेट की बैठक थी। इसके ठीक पहले ही शिवपाल ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। मुलायम व अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल भी लोकार्पण समारोह में गये, लेकिन शिवपाल के चेहरे पर तनाव बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने भी जिस तरह के बयान दिए उससे साफ लगा कि वह इस फैसले से खुश नहीं। मुख्यमंत्री ने खुद को शतरंज का खिलाड़ी बताकर अपने समर्थकों का प्रकारांतर से हौसला बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तुरुप के पत्ते का इंतजार करिए। अखिलेश अपने संकेतों के जरिये जाहिर कर रहे थे कि भविष्य में वह कोई बड़ा दांव चलने वाले हैं।
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 दागियों पर दांव
सपा उम्मीदवारों की सूची में बहुत से साफ सुथरी छवि के हैं, लेकिन कई ऐसे नाम हैं जो पूरी पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। राजधानी की सड़कों पर सरेशाम गुंडई और फिर अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोपों में सीबीआइ जांच से घिरे अमनमणि त्रिपाठी हों या फिर एनआरएचएम घोटाले के आरोपों में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे कांग्रेस से आए विधायक मुकेश श्रीवास्तव को शिवपाल ने उम्मीदवार बनाकर साफ कर दिया कि उन्हें हर कीमत पर जीत चाहिए और इसके लिए वह किसी भी तरह के व्यक्ति पर दांव लगा सकते हैं। अमनमणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कवयित्री मधुमिता की हत्या के आरोप में उम्र कैद भुगत रहे हैं। फरारी के दिनों में भी अमनमणि विधानसभा से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों तक शिवपाल के करीब देखे जाते रहे।
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अखिलेश के करीबियों को किया किनारे
अखिलेश की युवा बिग्रेड के सदस्यों को पार्टी से बाहर करने के बाद शिवपाल ने इस बिग्रेड के एक प्रमुख सदस्य अतुल प्रधान का सरधना और रामगोपाल के करीबी रफीक अंसारी का मेरठ से टिकट काट दिया। बांकी क्षेत्रों में भी ज्यादातर उम्मीदवार मुख्यमंत्री की पसंद के ही थे। मीरापुर में इलियास की जगह शाहनवाज राणा को मौका देकर शिवपाल ने अपनी पसंद भी जताने की कोशिश की है।
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ब्राह्मणों को मौका
टिकट बदलने में जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश की गयी है। कई ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे गए हैं। वाराणसी के शिवपुर में अरविन्द मौर्य की जगह अवधेश पाठक और कौशांबी के चायल में चंद्रबलि पटेल की जगह बालम द्विवेदी का नाम प्रमुख है। मुसलमानों का टिकट काटने में यह एहतियात जरूर बरती गई कि मुसलमान उम्मीदवार को ही मौका मिला।
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कोई मतभेद नहीं
सोमवार दोपहर तक प्रोफेसर राम गोपाल यादव भी लखनऊ आ गये थे। मुलायम सिंह के पांच विक्रमादित्य स्थित आवास पर पहुंचते ही शिवपाल यादव और राम गोपाल भी कुछ देर बाद पहुंचे। तीनों के बीच गुफ्तगू शुरू हुई। थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री भी वहीं पहुंच गए। बैठक के बाद प्रोफेसर राम गोपाल ने मीडिया से कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। टिकट बांटना संसदीय बोर्ड का काम है। अखिलेश और शिवपाल में किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इन्कार किया।
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और भी कट सकते हैं टिकट
शिवपाल के अध्यक्ष बनते ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि टिकट तो वह खुद बांटेंगे। शायद शिवपाल को यह बात अंदर तक चुभ रही थी। इसीलिए सोमवार को उनकी पहली सूची आते ही अखिलेश के लोगों में मायूसी दिखी।

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कई खूबियों से लैस है 'लोकभवनÓ
-सुविधा, सज्जा और सुरक्षा के खास इंतजाम
-नए दफ्तर में भी पंचम तल पर बैठेंगे मुख्यमंत्री
लोक भवन-खास बातें
लागत - 601.89 करोड़ रुपये
क्षेत्रफल - 25380.00 वर्ग मीटर (6.30 एकड़)
कुल बेसमेंट एरिया - 21956.44 वर्ग मीटर
कुल कवर्ड एरिया - 37426.29 वर्ग मीटर
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लखनऊ : सुविधा, सुसज्जा और सुरक्षा। ये वे कसौटियां हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त और कई खूबियों से लैस मुख्यमंत्री का नया कार्यालय 'लोकभवनÓ बनाया गया है। सोमवार को लोक भवन के लोकार्पण के मौके पर इसकी झलक पाने को आम जनता तो क्या, मंत्री भी बेताब दिखे।
दारुलशफा परिसर में बनाये गए लोक भवन में मुख्यमंत्री का कार्यालय बी-ब्लॉक में पंचम तल पर होगा। लोक भवन में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव समेत 1330 अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। नवनिर्मित परिसर में तीन ब्लॉक बनाये गए हैं। ब्लॉक-ए में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग और भूतल पर गार्ड रूम व पास ऑफिस होगा। ब्लॉक-बी में मुख्य भवन होगा। यह भूमिगत ऑडिटोरियम व भूतल सहित पांच मंजिला इमारत होगी। बी-ब्लाक के बेसमेंट में ऑडिटोरियम, लॉबी, विशिष्ट लाउन्ज, सात लिफ्ट व रिकॉर्ड रूम, भूतल पर 602 सीटों वाला आडिटोरियम, क्लोज सर्किट टीवी कंट्रोल रूम, प्रमुख सचिव सूचना व उनके स्टाफ रूम, टीवी स्टूडियो, मीडिया प्रतीक्षालय व प्रेस मीडिया हॉल है।
बी-ब्लॉक की पहली मंजिल पर मुख्य सचिव का कार्यालय, 100 सीटों वाला कांफ्रेंस रूम, उनके स्टाफ के दफ्तर, सचिव नागरिक उड्डयन, वीवीआईपी प्रवेश लॉबी, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम व प्रमुख सचिव नियुक्ति व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। दूसरी मंजिल पर प्रमुख सचिव कार्मिक व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। तीसरे तल पर वेटिंग लाउंज, उप सचिव, अनुसचिव, अनुभाग अधिकारी आदि के कमरे होंगे। चौथी मंजिल पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव तथा उनके के दफ्तर और एक कांफ्रेंस रूम होगा। पांचवें तल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय, कांफ्रेंस रूम, मुख्यमंत्री के लिए वीडियो कांफ्रेस रूम, कैबिनेट लाउंज, कैबिनेट ऑफिस स्टाफ रूम, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व उनके स्टाफ के लिए कक्ष तथा विधान सभा के सदस्यों के लिए वेटिंग लाउंज आदि होंगे।
ब्लॉक-सी भूमिगत पार्किंग व भूतल सहित सात मंजिला भवन होगा। भूमिगत पार्किंग में 392 और खुली पार्किंग में 22 वाहन खड़े किये जा सकेंगे। भूतल पर पास ऑफिस, वेटिंग लाउन्ज, क्लॉक रूम, आगंतुकों, स्टाफ व अफसरों के लिए कैंटीन, मेडिकल रूम है। इस ब्लॉक में सचिवालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के दफ्तर  हैं।
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वर्षा जल संचयन का ख्याल
लोक भवन में साउंड इन्सुलेशन के लिए डबल वैक्यूम ग्लास लगाये गए हैं। फर्श पर इटैलियन मार्बल, ग्रेनाइट, विट्रीफाइड टाइल्स व वुडेन फ्लोरिंग की गई है। परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्यूबवेल व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान किया गया है। भवन में विद्युत 33 केवी सब-स्टेशन, मॉडर्न इलेक्ट्रिकल पैनल, पावर बैकअप के लिए 1000 केवीए के तीन जेनरेटर और केंद्रीय वातानुकूलन और भवनों में बिजली बचाने के इंतजाम किये गए हैं।