Thursday 28 January 2016

सरकार फिर बनी तो दिल्ली दूर नहीं: मुलायम

२.०१-२०१६
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सरकार फिर बनी तो दिल्ली दूर नहीं: मुलायम

-पहले दिन अपनों को तो दूसरे दिन भाजपा पर साधा निशाना
-मोदी ने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया

राज्य ब्यूरो,लखनऊ : नए साल के पहले दिन अपने मंत्रियों, विधायकों पर  हमलावर रहे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने दूसरे दिन केन्द्र पर निशाना साधा। कहा कि प्रधानमंत्री ने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। अब भाजपा व कांग्रेस दोनों आंतरिक कलह की शिकार है। वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सरकार बनी तो दिल्ली दूर नहीं रहेगी।
वह शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित रहे थे। मुलायम ने आज दोतरफा संवाद बनाने का प्रयास किया। झांसी, आजमगढ़, बरेली, प्रतापगढ़, इलाहाबाद क्षेत्र के लोगों को खड़ा कर उनके क्षेत्र व सरकार का हाल पूछा। तो सामान्य कार्यकर्ता की नहीं सुने जाने का तीन साल से चला आ रहा 'रोना फिर रोयाÓ गया। अल्पसंख्यकों की शिकायतें बढ़ी तो मुलायम ने सरकार की योजनाओं की दो किताबें खोली और पढ़कर सुनाना शुरू किया। कार्यकर्ताओं ने पलटकर कहा कि ये योजनाएं धरातल पर नहीं आयीं। अधिकारी तो उनकी सुनते नहीं। एकाध कार्यकर्ता ने कहा अधिकारी सिर्फ भाजपा वालों की सुनते हैं। मंत्रियों, अधिकारियों, विधायकों की खुलकर शिकायतें की गयीं। मुलायम ने कहा कि वह सब कुछ ठीक करेंगे। कार्यकर्ता की ही सुनी जाएगी, लखनऊ में रहने के दौरान वह रोज कार्यकर्ता के बीच रहेंगे। उनकी बात सुनेंगे।
मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि लोकसभा चुनाव जैसा माहौल नहीं है, जनता जान गयी है कि भाजपा झूठे वादे करती है। वह लोगों को गुमराह करती है। अल्पसंख्यकों को भयभीत करती है और बहुसंख्यकों को कहती है कि मुसलमानों का शासन आ रहा है। जबकि सच्चाई ये है कि समाजवादी पार्टी सभी वर्ग और धर्म के विकास के लिए काम करती है। मुलायम ने कार्यकर्ताओं से स्वीकारा कि कई अधिकारी मंत्री काम नहीं कर रहे हैं। फिर भी समाजवादी सरकार ने किसानों, नौजवानों, गरीबों के लिए बहुत काम किया है। दवाई, पढ़ाई और सिंचाई मुफ्त है। बेरोजगारों की मदद हो रही है। मुलायम ने कहा विधायक व मंत्री हफ्ते में चार घंटे पार्टी कार्यालय में बैठें, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
माइक खराब होने पर भड़के
सपा के प्रदेश कार्यालय में लगा माइक लगातार दूसरे दिन ठीक नहीं होने पर मुलायम सिंह भड़क गए। माइक पटक दिया। कहा कि अगर बातचीत का माध्यम ही ठीक नहीं है तो फिर क्या ठीक-ठाक हो गया। अपने स्टाफ व पार्टी कार्यालय के कर्मचारियों पर भी मुलायम ने गुस्सा उतारा और माइक ठीक कराने की हिदायत दी। दरअसल, नए वर्ष के पहले दिन भी जब मुलायम कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, माइक खराब हो जा रहा था। यह सिलसिला दूसरे दिन भी बना रहा।


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०१-०१-२०१६

पुन:अपडेट : मंत्रियों, विधायकों से दुखी हूं: मुलायम

धयानार्थ: खबर ट्रैक से उठाकर ठीक की गयी है, और आखिर में नया इंसेट जोड़ा गया है। कृपया इसी खबर का प्रयोग अपेक्षित
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-नए साल की शुभकामना देने जुटे समर्थकों के सामने अधिकारियों, मंत्रियों, विधायकों को सुनाई खरी-खोटी
-मार्च से दिखने लगेगा चुनावी रंग, कार्यकर्ता तैयारी में जुटें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अंग्रेजी साल की पहली सुबह का मौसम खुशगवार था, मगर मुबारकबाद स्वरूप फूलों के गुलदस्ते स्वीकारते समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के तेवर तल्ख थे, बोलने खड़े हुए तो मंत्रियों, एमएलसी, विधायकों और अधिकारियों पर बरस पड़े। कहा कई मंत्री, विधायक मौजमस्ती कर रहे हैं। एमएलसी खुद को 'राजा-महाराजाÓ से कम नहीं समझते। इससे बहुत दुखी हूं। जोड़ा कि मार्च से चुनावी रंग दिखेगा, जिसकी तैयारी में अभी से जुटना होगा।
पहली जनवरी की सुबह समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में समर्थकों से मुलाकात के बाद मुलायम ने कहा कि वह जानते हैं कि बड़े ओहदों पर बैठे लोग अपने हित की सरकार समझ रहे हैं जबकि यह जनता की सरकार है।
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पंचम तल पर निशाना
मुलायम ने कहा कि वह जब मुख्यमंत्री थे तब सुबह 11 बजे एनेक्सी पहुंच जाते थे। काम जल्दी निपट जाता था। लोगों से मिल भी लेते थे। मुख्यमंत्री एनेक्सी कम जाते हैं। पंचम तल (मुख्यमंत्री सचिवालय) में तैनात अधिकारी दफ्तर में बैठते ही नहीं। सरकार की प्राथमिकता वाली फाइलें बैरंग लौटाते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र की फाइलें लौटाई जा रहीं जबकि सरकार 'मुफ्त दवाईÓ व चिकित्सा की तरक्की का प्रयास कर रही है। बोले, मंत्री, विधायक लोगों से मिलते नहीं। उनके काम नहीं करते और मुख्यमंत्री लोगों से मिलते ही रहते हैं। जिससे उनके पास काम के लिए वक्त नहीं बचता।
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मंत्री, विधायक पार्टी कार्यालयों में बैठेंगे
मुलायम ने कहा जिला इकाई मजबूत होगी तो पार्टी की नीतियां लागू होंगी। जिलाध्यक्ष अगर मंत्रियों, विधायकों केचक्कर लगाने में लिप्त हो गए तो कुछ ठीक नहीं होगा। मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सच्चाई बताने में डरे नहीं। डरना है तो सिर्फ उनसे डरें। जो भी गड़बड़ी करें उसकी शिकायत करें, शिकायत करने वालों का कोई नुकसान नहीं कर सकता, मैं संभालूंगा। विधायक व मंत्री हफ्ते में चार घंटे पार्टी कार्यालय में बैठें, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
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किसानों पर जुल्म से हारी सीपीएम
मुलायम ने कहा कि गरीबों, किसानों, अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के चलते सीपीएम ने 34 साल पश्चिम बंगाल में राज किया। फिर एक उद्योगपति के पक्ष में किसानों पर गोली चलवा दी तो जनता ने सीपीएम को उखाड़ फेंका। किसानों की समस्या सुलझाने का सरकार प्रयास कर रही है, यह अच्छा है। किसानों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। यही ऐसा प्रदेश है जहां पढ़ाई और दवाई मुफ्त है।
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झिड़का, गाना भी सुना
 चिर-परिचित अंदाज में दिख्र रहे मुलायम ने गन्ने की कीमत  व बीपीएल कार्ड को लेकर पूछे गए सवाल पर एक समर्थक को  झिड़की देते हुए कहा कि मेरी बात पूरी होने दो। भाषण केबीच में कार्यकर्ताओं की टोकाटाकी पर उन्हें डांटते रहे। आखिर में बोले गाना आता हो तो आकर सुनाओ। जसवंतनगर के देवेन्द्र कुमार यादव ने तीन गाने सुनाये तो मुलायम ने जेब से दस हजार रुपये निकाल कर उसे दिए। इस दौरान मंत्री शिवपाल यादव, मंत्री अहमद हसन, एमएलसी डॉ.मधु गुप्ता, महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सदस्य डॉ.श्वेता सिंह व शीला समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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मंत्री ने चेहरा नहीं दिखाया
मुलायम ने समर्थकों से सवाल किया कि अगला चुनाव जीतना है या नहीं? जीतना है तो तैयारी करो। पिछला चुनाव कम खर्च में व साइकिल चलाकर जीता गया। चुनाव जीतना है तो गरीबों की मदद करो, उनके साथ खड़े हो। बीमार का इलाज कराओ, पैसे नहीं हो तो मेरे पास भेजो। जरूरत होगी तो दिल्ली भेजकर इलाज कराऊंगा। मंत्री का उल्लेख करते हुए कहा एक गरीब को छह दिन घर में रखा मगर मुख्यमंत्री व मुझसे नहीं मिलवाया। वह खुद आ गया। मैने पूछा तो बोला केवल 15 हजार दे दीजिए, दस से भी काम हो जाएगा। डीएम से उसकी स्थिति पूछी और फिर उसकी मदद करायी। इस घटना के बाद उन मंत्री ने पन्द्रह दिन मुझे शक्ल नहीं दिखाई। बाद में मैने मंत्री को डांटा भी।
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सपाई दो घंटे पढ़ें: शिवपाल यादव
कार्यक्रम में मंत्री शिवपाल यादव ने कार्यकर्ताओं का आह्रïवान किया कि वह कम से कम दो घंटे पढ़ाई करें। समाजवादी नीतियों, लोहिया व मुलायम के संघर्ष को समझे, इससे समाजवादी लोगों को मजबूती मिलेगी और कार्यकर्ता भी विपक्षियों को उसकी भाषा में ही जवाब दे सकेगा।
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Friday 15 January 2016

226 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का इल्जाम

12.01.2016

प्रदेश के 226 अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का इल्जाम

-लोकायुक्त की ओर से राज्यपाल को भेजे गए पांच साल के ब्यौरे में हुआ खुलासा
-राज्यपाल राम नाईक ने लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा से मांगा था जांच का ब्यौरा
-पहले ब्यौरे से संतुष्ट नहीं होने पर दूसरी बार प्रोफार्मे पर राज्यपाल ने मांगी थी रिपोर्ट

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में सिर्फ मंत्री, विधायक, पंचायत अध्यक्ष पर ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में नौकरशाहों, इंजीनियरों पर भी भ्रष्टाचार के इल्जाम है। पांच साल के अंतराल में 119 जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध लोकायुक्त के यहां शिकायत हुई, तो 259 अधिकारी भ्रष्टाचार के घेरे में हैं। इनमें 88 जनप्रतिनिधि व 33 अधिकारियों के खिलाफ जांच की गयी।
लोकायुक्त की ओर से राजभवन भेजी गयी रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है। दरअसल, 24 दिसबंर को राज्यपाल राम नाईक ने लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा से पांच साल के अन्तराल में दाखिल शिकायत, दर्ज परिवाद, लंबित जांच और पूरी हो चुकी जांचों का ब्यौरा मांगा था। लोकायुक्त केसंयुक्त सचिव ने 31 दिसबंर को प्रारम्भिक रिपोर्ट राजभवन भेजी, इससे संतुष्ट नहीं होने पर राज्यपाल ने दो जनवरी को लोकायुक्त को दूसरे पत्र के साथ एक प्रोफार्मा भेजा और उसके मुताबिक सूचना की अपेक्षा की।
मंगलवार को लोकायुक्त ने राज्यपाल को डेढ़ सौ पेज की एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें बसपा सरकार के दौरान मंत्रियों, विधायकों, पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ दाखिल हुई शिकायतों व जांच का ब्यौरा दर्ज है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010 से वर्ष 2012 तक की जांच में जहां 10 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त साक्ष्य मिले, वहीं 33 अधिकारियों के खिलाफ भी साक्ष्य पाए गए। जिनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गयी, अलबत्ता बसपा सरकार के ही कई मंत्रियों, भाजपा, कांग्र्रेस के विधायकों के विरुद्ध साक्ष्य नहीं मिलने पर जांच बंद कर दी गयी।
वर्ष 2012 के बाद से अब तक दाखिल शिकायतों व जांचों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साक्ष्य के अभाव में मंत्री गायत्री प्रजापति, आजम खां, महबूब अली, ब्रह्रïाशंकर त्रिपाठी, नारद राय के खिलाफ जांच बंद की गयी मौजूदा समय में तकरीबन 29 पालिका परिषद के मुखिया के खिलाफ जांच चल रही है। 226 अधिकारियों के खिलाफ भी जांच लंबित है। लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा का कहना है कि राज्यपाल राम नाईक द्वारा मांगी गयी सूचना उन्हें उपलब्ध करा दी गयी है।

 ब्यौरा एक नजर में
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-88 जनप्रतिनिधियों (तत्कालीन मंत्रियों, विधायकों, पालिका अध्यक्ष शामिल)
-31 जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जांच लंबित (इसमें 29 पालिका व जिला पंचायत अध्यक्ष)
-33 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आयी शिकायतों की जांच पूरी कर मुख्य सचिव को भेजी गयी
-226 अधिकारियों के विरुद्ध दाखिल शिकायतों का परीक्षण चल रहा है।
-लोकायुक्त की संस्तुति पर मंत्री राजेश त्रिपाठी का इस्तीफा हुआ। रंगनाथ मिश्र, अवध पाल सिंह यादव, बादशाह सिंह, रतन लाल अहिरवार, बाबू सिंह कुशवाहा, रामवीर उपाध्याय, अयोध्या प्रसाद पाल, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर (सभी तत्कालीन मंत्री) एमएलसी हुस्नां सिद्दीकी, विधायक उमाशंकर सिंह, विधायक बजरंग बहादुर सिंह के खिलाफ संस्तुति भेजी गयी। मंत्री अनीस अहमद खां उर्फ फूल बाबू के खिलाफ विधायक निधि के दुरुपयोग की जांच हुई।
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बसपा सरकार में इनकी जांच बंद हुई
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मंत्री सुभाष पाण्डेय, उद्यान मंत्री नारायण सिंह सुमन, ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद, सिंचाई राज्यमंत्री जयवीर सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी, लघु उद्योग मंत्री चन्द्रदेव राम यादव, वन मंत्री फतेह बहादुर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री धर्म सिंह सैनी, खाद्य एवं रसद मंंत्री राम प्रसाद चौधरी मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, धिायक श्याम सुंदर शर्मा, भाजपा विधायक सतीश महाना, पंचायती राज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, चिकित्सा शिक्षा मंत्री लालजी वर्मा (सभी तत्कालीन मंत्री) की जांच बंद हुई। इसके अलावा विधायक श्याम सुंदर शर्मा, कांग्र्रेस विधायक प्रदीप माथुर, भाजपा विधायक सतीश महाना की जांच बंद हुई।
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सपा सरकार में इनकी बंद हुई जांच
आशा किशोर विधायक सपा, मंत्री आजम खां, मंत्री गायत्री प्रजापति (तीन शिकायतों की जांच बंद हुई), मंत्री ब्रह्मïशंकर त्रिपाठी, मंत्री महबूब अली, सपा विधायक नारद राय, सपा विधायक लक्ष्मी गौतम, विधायक इकबाल, विधायक राम प्रकाश कुशवाहा, सपा विधायक व तत्कालीन मंत्री मनोज पारस, विधायक फागू चौहान, विधायक आदित्य पाण्डेय।

'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ की नजर में हैं

09.01.2016
सावधान! 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ की नजर में हैं

-पुलिस 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ नियुक्त करेगी
-सिफारिशों पर ब्लाक होंगे सोशल साइटों के पेज
-'वॉलेन्टियर्सÓ की संस्तुति पर पुलिस जारी करेगी सीआरपीसी की धारा-91 के तहत नोटिस
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : विशेष पुलिस अफसर (एसपीओ) की तर्ज पर सूबे में 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ तैनात किये जाएंगे। जो सोशल साइटों पर आपत्तिजनक, दोअर्थी, निजता भंग करने, धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली टिप्पणियों व वीडियो को डिलीट करेंगे और संदेश पोस्ट (दर्ज) करने वालों के ख्रिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करेंगे। एसएसपी या उससे ऊपर के अधिकारी से होने वाली संस्तुति का त्वरित परीक्षण कराकर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइटों व कम्प्युनिकेशन एप्लीकेशन (फेसबुक, वाट्सएप, टिवट्र, यूट्यूब, इंस्टग्र्राम, फ्लिकर, गूगल प्लस) पर होने वाले दुष्प्रचार से संाप्रदायिक टकराव की स्थिति बन रही है। इनके जरिये दोअर्थी टिप्पणियां हो रही हैं, जिससे लोगों की निजता भंग हो रही है। अश्लील वीडियो अपलोड होने की शिकायतें आम हो रही हैं, इससे कानून व्यवस्था बिगडऩे का खतरा बढ़ रहा है। जिससे निपटने के लिए पुलिस ने  डीआइजी रेंज मेरठ व एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ में सोशल मीडिया कमाण्ड एंड रिसर्च सेन्टर (एसएमसीआरसी) बनाया है। जहां सोशल मीडिया पर पोस्ट टिप्पणियों केट्रेन्ड (रुझान) की निगरानी कर कार्रवाई का प्रयास शुरू हुआ है।
अब पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने जोन में तैनात आइजी, डीआइजी, एसटीएफ अधिकारियों को एसपीओ की तर्ज पर 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ नियुक्त करने का निर्देश दिया है। इंटरनेट पर सक्रिय लोगों में से कुछ को 'वॉलेन्टियर्सÓ नामित किया जाएगा। उन्हें यूआरएल एड्रेसबार कापी करने व संदेश का फोटो अथवा स्क्रीन शाट लेकर उसे सुरक्षित करने का प्रशिक्षण दियाजाएगा। सूत्रों का कहना है कि 'वॉलेन्टियर्सÓ आपत्तिजनक पोस्ट डिलीट या ब्लाक करने की संस्तुति कर सकेंगे। इस कार्य के लिए उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट के प्रशासनिक अधिकारी को ब्यौरा  ई-मेल करना होगा। उसकी कापी एसएमसीआरसी में तैनात अधिकारी को भेजनी होगी। जहां से राजपत्रित अधिकारी के हस्ताक्षर से पेज ब्लाक करने का ई-मेल सेवा प्रदाता को भेजा जाएगा। 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ की सिफारिशों पर त्वरित कार्रवाई की निगरानी के लिएआईजी स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ की सिफारिश पर पुलिस अधिकारी आपत्तिजनक एवं भड़काऊ संदेश पोस्ट करने वालों को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस भेजकर कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) ए.सतीश गणेश ने स्वीकार किया कि डीजीपी ने 'डिजिटल वॉलेन्टियर्सÓ नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। हालांकि वॉलेन्टियर्स को इंटरनेट की सुविधा या उन्हें कोई मानदेय देने या न देने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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वाट्सएप सर्विलांस केन्द्र बना
प्रदेश पुलिस ने कम्प्युनिकेशन एप्लीकेशन वाट्सएप पर आने-जाने वाले संदेशों की निगरानी के लिए तकनीकी सेवा के कार्यालय में सर्विलांस शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एक सीयूजी नम्बर-9454401002 काम करना है। पुलिस प्रवक्ता ए.सतीश गणेश ने बताया कि आपत्तिजनक, उन्माद भड़काने वाले पोस्ट इस नबंर पर भेज सकते हैं। पुलिस अधिकारी संदेश का विश्लेषण कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई करेंगे।  

असंतुष्टों को साधने में जुटी सपा

असंतुष्टों को साधने में जुटी सपा

-जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव
-33 सीटों पर निर्विरोध जीत सुनिश्चित करने से उत्साहित सपा ने टक्कर वाले जिलों में नियुक्त किये प्रभारी
-परिवार के सदस्यों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित करा चुके मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गयी


राज्य ब्यूरो, लखनऊ: जिला पंचायत अध्यक्ष की 74 कुर्सियों में से 33 पर बिना संघर्ष कब्जा करने के बाद समाजवादी पार्टी ने अब बची सीटों पर निगाहें टिका दी हैं। असंतुष्ट व बगावत की राह पर चल पड़े नेताओं को थामने के लिए संचालन समिति बनायी गयी है। परिवार के सदस्यों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित कर चुके मंत्रियों को टक्कर वाले जिलों का प्रभारी बनाया गया है।
समाजवादी पार्टी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल गोरखपुर, उन्नाव, बिजनौर, सीतापुर, बांदा, महराजगंज, इलाहाबाद और बरेली की सीटें खासी चुनौती पूर्ण हैं। दरअसल इन जिलों में समाजवादी पार्टी के ही दिग्गज घोषित प्रत्याशी से कन्नी काटे हुए हैं। सीतापुर, बिजनौर, गोरखपुर, उन्नाव में प्रभावशाली पार्टी नेता बगावत की राह पर चलने से हिचक नहीं रहे हैं। जमीनी सच्चाई से वाकिफ पार्टी के रणनीतिकारों ने चुनाव के प्रभारी शिवपाल यादव की देखरेख में एक चुनाव संचालन समिति भी बनायी है। जिसमें प्रदेश सचिव व एमएलसी एसआरएस यादव, मंत्री अरविंद सिंह गोप, मंत्री राजकिशोर सिंह, मंत्री विनोद कुमार सिंह पंडित सिंह, मंत्री गायत्री प्रजापति को लगाया गया है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव पर पैनी नजर रखे हुए हैं, वह सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रभारी शिवपाल यादव से दिन में दो-दो बार रिपोर्ट जुटा रहे हैं। इस बीच शिवपाल यादव ने उन्नाव, सीतापुर और गोरखपुर में बगावत का बिगुल फूंक रहे पार्टी नेताओं को लखनऊ बुलाकर बातचीत की है। सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सपा प्रत्याशी अपराजिता सोनकर को भाजपा प्रत्याशी से खासी चुनौती मिल रही है। यहां राज्य सरकार के एक मंत्री पार्टी प्रत्याशी का अंदरुनी विरोध कर रहे हैं।
महराजगंज में भाजपा तो इलाहाबाद में बसपा व अपना दल सपा के मुकाबिल हैं। बरेली में सपा प्रत्याशी को अपने ही पार्टी के लोगों से चुनौती मिल रही है। सपा सूत्रों का कहना है कि इन स्थितियों से पार्टी के रणनीतिकार अच्छी तरह वाकिफ हैं, दुश्वारियों से उबरने के लिए चुनाव संचालन समिति बनायी गयी है। मंत्री व पंचायत चुनाव की कमान संभाल रहे शिवपाल यादव का कहना है कि मतदान की तिथि करीब आते-आते सभी जिलों में स्थितियां संभल जाएंगी। नाराज सदस्यों व कार्यकर्ताओं की बात सुनी जा रही है। उन्हें समझाया भी जा रहा कि पार्टी के घोषित प्रत्याशी का विरोध अनुशासन हीनता है। और अनुशासनहीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई में हिचक नह होगी।

पानीदारी के लिए रवायतों का सहारा

पानीदारी के लिए रवायतों का सहारा

नोट- उम्मीद  2016
परवेज अहमद, लखनऊ : चोहड़े, पहाड़ी नालों पर चेकडैम, तलाबों की मेड़बंदी के प्रयासों के बावजूद दूर नजर आ रही  मंजिल तक पहुंचने के लिए एक टोली ने बुंदेली रवायतों को फिर बढ़ावा देने का प्रयास शुरू किया है। जिसमें प्रसूता से 'कुँआ पूजाÓ और वधू की विदाई के समय पानीदार कुंओं में तांबे का सिक्का डालने और राह में मिलने वाली नदी की पूजा अर्चना शामिल है। मकसद, कुँआ,नदी के प्रति आस्था पैदा कर जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना है और इसमें कामयाबी भी मिल रही है।
बुंदेलखण्ड में पानी का हमेशा संकट रहा। यही वजह है कि पानी की दुश्वारी पर जितने गीत इस क्षेत्र में लिखे गए, उतने गीतों की नजीर सूबे के दूसरे हिस्सों में नहीं मिलती। कहा जाता है कि तत्कालीन मनीषियों ने जल संरक्षण के जागरूकता के लिए मांगलिक कार्यो के दौरान कुआं, नदी पूजा की परंपरा शुरू हुई थी। लोगों में तार्किक क्षमता केविस्तार के साथ ही ऐसी परंपरा पर विराम लगना शुरू हो गया।
 जालौन, ललितपुर, मऊरानीपुर, झांसी में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता अभियान चला रही 'परमार्थÓ के सचिव संजय सिंह कहते हैं कि क्षेत्रीय लोगों को एक जुटकर जल संरक्षण का अभियान चलाया गया। जलपुरुष राजेन्द्र सिंह के साथ मिलकर जल सहेलियों का गठन किया। उन्हें राजस्थान के अलवर ले जाकर जल संरक्षण का प्रशिक्षण दिलाया और 'पानी पंचायतÓ का गठन किया गया। प्रत्येक पंचायत में 15 से 25 महिलाओं को स्थान दिया गया। इससे लोगों में जल संरक्षण का भाव तो पैदा हुआ लेकिन लक्ष्य दूर था। लिहाजा जल सहेलियों को बरसों पुरानी रवायतों के जरिये जल संरक्षण का अभियान तेज करने का प्रयास किया जा रहा है। वह बताते हैं कि प्रसूति के बाद कामकाज के लिए घर से बाहर निकलने से पहले कुँआ पूजन सैकड़ों साल पुरानी रवायत रही है, इसे फिर जिंदा करने का प्रयास किया जा रहा है। कुँआ पूजा के लिए जाने वाली प्रसूता के साथ महिलाएं, बच्चे भी गीत गाते हुए जाते हैं। इन गीतों में ही जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के गीत भी शामिल करने का प्रयास होगा।
बुंदेलखण्ड में वधू को विदा कराकर जाते समय जलदार कुँअे में तांबे के सिक्के डालने की परम्परा है। वैज्ञानिक तथ्यों से स्पष्ट है कि तांबे के सिक्के से पानी शुद्ध होता है। जब हम अपने बेटे की शादी करते हैं और बहू को घर लाते हैं उस दौरान जो नदी मिलती है नदी को पूजते हैं और नारियल चढाते हैं। नदियों के प्रति सम्मान की इसी धरोहर को संजोने का अभियान छेड़ा गया है। वह कहते हैं कि इस अभियान के लिए वह कोई सरकारी मदद नहीं लेते हैं। अभियान में जनता व निजी क्षेत्र के लोगों की ही मदद ले रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर बरसों पुरानी परंपरा ने फिर रफ्तार पकड़ी तो निश्चित रूप से लोगों में जल संरक्षण के प्रति चेतना बढ़ेगी और बुंदेलखण्ड को एक बार फिर पानीदार बनाने में मदद मिलेगी।  

आखिर मान गए मुलायम

01.01.2016

आखिर मान गए मुलायम

-एक हफ्ते के अंदर भदौरिया, साजन का निष्कासन वापस
-दोनों ने मुलायम, अखिलेश से मिलकर रखा था अपना पक्ष

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : आखिरकार सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव मान गए। पार्टी की युवा ब्रिगेड में शामिल छात्रसभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील यादव 'साजनÓ और लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद भदौरिया की मनुहार के बाद उनका दिल पसीज गया। उन्होंने दोनों का निष्कासन खत्म करने की हरी झंडी दे दी और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के नामांकन का समय खत्म होते ही दोनों की वापसी का एलान किया गया।
समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता वमंत्री शिवपाल यादव ने दोनों का निष्कासन खत्म कर उन्हें फिर से पार्टी में शामिल करने की घोषणा की है। शिवपाल के अनुसार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने साजन और भदौरिया के प्रत्यावेदन पर विचार करते हुए इनका निष्कासन समाप्त कर दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर छिड़ी रार के चलते 25 दिसंबर को सपा नेतृत्व ने पार्टी की युवा ब्रिगेड के दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। कहा गया कि दोनों नेताओं की कार्यशैली से मुलायम बेहद नाराज थे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबियों में शुमार इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई से कई नेता सहम गे थे। इस बीच इन दोनों नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। गत दिवस आनंद भदौरिया ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से विक्रमादित्य मार्ग स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और इल्जाम पर अपना पक्ष रखा। भरोसा दिलाया कि वह समाजवादी नीतियों के अनुरूप कार्य करते रहेंगे। अगले दिन साजन ने परिवार के साथ मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। फिर दोनों नेताओं ने अलग-अलग समय में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने अपना पक्ष रखा और कहा कि वह युवा टीम में पूरी निष्ठा से कार्य करते रहेंगे।
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मंत्रियों, विधायकों की कारगुजारी से दुखी हूं: मुलायम

01.01.2016

मंत्रियों, विधायकों की कारगुजारी से दुखी हूं: मुलायम

नए साल की शुभकामना देने जुटे समर्थकों के सामने अधिकारियों, मंत्रियों, विधायकों को सुनाई खरी-खोटी
-मार्च से दिखने लगेगा चुनावी रंग, कार्यकर्ता तैयारी में जुटें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : अंग्रेजी साल की पहली सुबह का मौसम खुशगवार था, मगर मुबारकबाद स्वरूप फूलों के गुलदस्ते स्वीकारते समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के तेवर तल्ख थे, और बोलने खड़े हुए तो मंत्रियों, एमएलसी, विधायकों और अधिकारियों पर जमकर बरसे। कहा कि कई मंत्री, विधायक मौजमस्ती कर रहे हैं। एमएलसी खुद को 'राजा-महाराजाÓ से कम नहीं समझते। इससे बहुत दुखी हूं। जोड़ा कि मार्च से चुनावी रंग दिखने लगेगा जिसकी तैयारी में अभी से जुटना होगा।
पहली जनवरी की सुबह समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में समर्थकों से मुलाकात के बाद मुलायम ने कहा कि वह जानते हैं कि ओहदों पर बैठे लोग इसे अपने हितों की सरकार समझ रहे हैं जबकि यह जनता की सरकार है। जनता के हित देखना उसका पहला काम है।
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पंचम तल पर भी निशाना
मुलायम ने कहा कि वह जब मुख्यमंत्री थे तब सुबह 11 बजे एनेक्सी पहुंच जाते थे। काम जल्दी निपट जाता था। लोगों से मिल भी लेते थे। मुख्यमंत्री एनेक्सी कम जाते हैं। पंचम तल (मुख्यमंत्री सचिवालय) में तैनात अफसर तो कार्यालय में बैठते ही नहीं। सरकार की प्राथमिकता वाली पत्रावलियां बैरंग लौटाते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र की फाइलें लौटाई जा रहीं जबकि सरकार 'मुफ्त दवाईÓ व चिकित्सा क्षेत्र की तरक्की का प्रयास कर रही है। मुलायम यहीं नहीं रुके बोले, मंत्री, विधायक लोगों से मिलते नहीं, उनके काम नहीं करते और मुख्यमंत्री लोगों से मिलते ही रहते हैं। इससे काम के लिए वक्त नहीं बचता।
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मंत्री, विधायक पार्टी कार्यालयों में बैठेंगे
मुलायम ने कहा कि संगठन सबसे ऊपर है। जिला इकाई मजबूत होगी तभी पार्टी की नीति लागू होगी। जिलाध्यक्ष मंत्रियों, विधायकों केचक्कर लगाने में लिप्त हो गए तो कुछ ठीक नहीं होगा। मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि सच्चाई बताने में डरे नहीं। डरना है तो सिर्फ उनसे डरें गड़बड़ी की शिकायत करें चाहे जिसकी भी हो। उनका कोई नुकसान नहीं कर सकता, मैं संभालूंगा। कहा कि  विधायक व मंत्री हफ्ते में चार घंटे पार्टी कार्यालय में बैठें, यह सुनिश्चित होगा। वह सबको पत्र लिखेंगे।
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किसानों पर जुल्म से हारी सीपीएम
मुलायम ने कहा कि गरीबों, किसानों, अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के चलते सीपीएम ने 34 साल पश्चिम बंगाल में राज किया। नीति बदली और एक उद्योगपति के पक्ष में किसानों पर गोली चलवा दी तो जनता ने उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंका। उत्तर प्रदेश में किसानों की समस्याओं को सुलह के जरिए सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को कह दिया है कि किसानों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी। यही ऐसा प्रदेश है जहां पढ़ाई और दवाई मुफ्त है। सपा किसी को इलाज के अभाव में मरने नहीं देगी। सरकार नहीं सुने तो उनके पास ले आओ।
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कार्यकर्ताओं को झिड़का, गाना भी सुना
लंबे समय के बाद मुलायम सिंह यादव पार्टी मुख्यालय में अपने चिर-परिचित अंदाज में दिखे। गन्ने की कीमत और बीपीएल कार्ड को लेकर पूछे गये सवाल उठाने पर एक कार्यकर्ता को झिड़की देते हुए, उसकी बात सुनी जाएगी। मेरी पूरी होने दो। भाषण के बीच में कार्यकर्ताओं की टोकाटाकी पर डांटते भी रहे। आखिर में बोले कि किसी को गाना आता हो तो सुनाये आकर। जसवंतनगर के  देवेन्द्र कुमार यादव ने तीन गाने सुनाये तो तो मुलायम ने जेब से दस हजार रुपये निकाल कर उसे इनाम के रूप में दिया। इस दौरान मंत्री शिवपाल यादव, मंत्री अहमद हसन,एमएलसी डॉ.मधु गुप्ता. महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, सदस्य डॉ.श्वेता सिंह व शीला समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
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मंत्री ने 15 दिन चेहरा नहीं दिखाया
नए साल की शुरुआत में तेवर में नजर आ रहे मुलायम ने समर्थकों से सवाल किया कि अगला चुनाव जीतना है कि नहीं? जीतना है तो तैयारी शुरू कर दो। पिछला चुनाव कम खर्च में जीत कर दिखाया। साइकिल चलाकर चुनाव जीता गया। चुनाव जीतना है तो गरीबों की मदद करनी होगी। गरीबों के साथ खड़ा होना होगा। इलाज के पैसे नहीं है तो मेरे पास भेजो, मैं दिल्ली भेजकर इलाज कराऊंगा। एक मंत्री का जिक्र करते हुए उन्होंने एक गरीब को छह दिन घर में रखा मगर उसको मुख्यमंत्री व मुझसे नहीं मिलवाया। वह खुद मुझसे मिलने आया। मैने पूछा तो बोला कि केवल दस हजार दे दीजिए, इलाज हो जाएगा। डीएम से बात कर सच्चाई जानी और उसकी मदद करायी। तब उन मंत्री साहब ने पन्द्रह दिन मुझे शक्ल नहीं दिखाई। बाद में मैने मंत्री को डांटा भी था।
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तीन आइएस को प्रमुख सचिव, 18 को सचिव स्तर मिला

1.01.2016

तीन आइएस को प्रमुख सचिव, 18 को सचिव स्तर मिला

- आधा दर्जन जिलों के डीएम को सचिव स्तर मिला
-सात जनवरी के बाद नौकरशाही में फेरबदल के संकेत
 राज्य ब्यूरो, लखनऊ: प्रदेश सरकार ने 62 आइएएस अधिकारियों की प्रोन्नति का शासनादेश जारी कर दिया है। इससे निवेदिता शुक्ला, कामरान रिजवी व एल. वेकटेश्वर लू प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी हो गए हैं। जबकि आधा दर्जन जिलों के डीएम सचिव स्तर के अधिकारी हो गए हैं। ऐसे में सात जनवरी के बाद नौकरशाही में भारी फेरबदल तय है। दरअसल, जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव के चलते सात जनवरी तक आचार संहिता लगी हुई है, इसके बाद अधिकारियों के तबादले होंगे।
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18 को सुपर टाइम स्केल
वर्ष 2000 बैच के 18 आइएएस को सुपर टाइम स्केल दिया गया है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अमित गुप्ता भी अब सचिव हो गए हैं। इसके अलावा धनलक्ष्मी के., रणवीर प्रसाद, रमाशंकर, पुष्यपति सक्सेना, दिनेश कुमार सिंह प्रथम, विजय बहादुर सिंह, मनोज मिश्र, भरत लाल राय, दीपक अग्रवाल, रंजन कुमार, अनुराग यादव, इन्द्रवीर सिंह यादव, नीलम अहलावत, सुधीर कुमार दीक्षित, संदीप कुमार शर्मा, अजय कुमार उपाध्याय व मुरली मनोहर लाल भी सचिव स्तर के अधिकारी हो गए हैं। इनमें से कई जिलाधिकारी पद पर तैनात हैं।
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14 को सेलेक्शन ग्रेड
वर्ष 2002 बैच के हदय शंकर तिवारी, 2003 बैच की मिनिस्ती एस.,अमृता सोनी, डा.पिंकी जोवल, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव रिग्जियान सैम्फिल, दिनेश चन्द्र, श्याम नारायण त्रिपाठी, बी.राम शास्त्री, केदारनाथ, यशवंत राव, कनक त्रिपाठी, प्रीति शुक्ला, सत्येन्द्र कुमार सिंह व महेन्द्र कुमार को सेलेक्शन ग्रेड दिया गया है।
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कई अन्य भी प्रमोट
वर्ष 2007 बैच के नौ अधिकारियों को कनिष्क वेतनमान दिया गया है प्रमोट होने वालों में शीतल वर्मा, आलोक तिवारी, सुहास एलवाई, अभय, चैत्रा वी, नवीन कुमार जीएस, मुथुकुमार स्वामी, प्रभुनारायण सिंह व डा.आदर्श सिंह हैं। इसके अलावा 2012 बैच के 17 अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान दिया गया है। इसका फायदा रवीश गुप्त, नेहा प्रकाश, यशु रुस्तगी, डा. उज्जवल कुमार, अंकित कुमार अग्रवाल, शर्मा प्रशांत, अमित सिंह बंसल, प्रवीन कुमार लक्षकार, जसजीत कौर, सी.इन्दुमती, अरुण कुमार , चन्द्रविजय सिंह , संजीव सिंह, अभिषेक सिंह द्वितीय, टीके शिबु, ए.दिनेश कुमार तथा डा.विभा चहल को मिलेगा।

Tuesday 12 January 2016

by elections

लखनऊ. प्रदेश में तीन खाली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को प्रत्‍याशी घोषि‍त कर दि‍ए हैं। इन सीटों पर पार्टी के पूर्व में वि‍धायक और मंत्री रह चुके सदस्‍यों के दि‍वंगत होने के बाद उनके परि‍वार के सदस्‍यों को मैदान में उतारा गया है।

पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचि‍व प्रो. रामगोपाल यादव ने प्रत्‍याशियों के नामों की घोषणा की। मुजफ्फरनगर से गौरव स्‍वरूप पुत्र चि‍तरंजन स्‍वरूप, देवबंद से मीना सि‍ंह पत्‍नी राजेंद्र सिंह राणा और फैजाबाद की बीकापुर सीट से आनंदसेन यादव पुत्र मि‍त्रसेन यादव को टिक दिया गया है। गौरव स्‍वरूप पूर्व नगर वि‍कास राज्‍यमंत्री चि‍तरंजन स्‍वरूप के बेटे हैं। मीना सि‍ंह पूर्व ग्रामीण अभि‍यांत्रि‍की राज्‍यमंत्री राजेंद्र सि‍ंह राणा की पत्‍नी हैं।

देवबंद सीट से दूसरी बार विधायक थे राजेंद्र सिंह राणा
लंबे अरसे से कैंसर से जूझ रहे प्रदेश के ग्रामीण अभि‍यांत्रि‍की राज्‍यमंत्री राजेंद्र सिंह राणा का नि‍धन 27 अक्‍टूबर को हुआ था। राणा देवबंद, सहारनपुर से वि‍धायक थे। वह पहली बार 2002 और फिर दूसरी बार 2012 में वि‍धायक बने थे। नि‍धन के वक्‍त राणा यूपी तलवारबाजी संघ के अध्‍यक्ष और भारतीय तलवारबाजी संघ के महासचि‍व भी थे। उनके निधन के बाद से यह सीट खाली चल रही थी।

तीन बार विधायक रहे चि‍तरंजन स्‍वरूप
उत्तर प्रदेश के पूर्व संसदीय कार्य राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप का लंबी बीमारी के बाद 15 अगस्‍त 2015 को नि‍धन हो गया था। स्वरूप (69) मुजफ्फरनगर से तीन बार विधायक रह चुके हैं। पहली बार विधायक 1974 में कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे। फिर 2002 और 2012 में सपा के टिकट पर चुने गए। प्रदेश की मौजूदा सरकार में उनके पास वक्फ, शहरी विकास, जलापूर्ति, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन, संपूर्ण शहरी विकास और अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज विभाग का प्रभार था।

पांच बार विधायक और तीन बार सांसद रहे मि‍त्रसेन यादव
समाजवादी पार्टी के बुजुर्ग विधायक मित्रसेन यादव का निधन 7 सि‍तंबर2015 को हुआ था। नि‍धन के वक्‍त वह 81 वर्ष के थे। वह फैजाबाद की बीकापुर सीट से सपा के विधायक थे। मित्रसेन वर्ष 1977 में पहली बार विधायक चुने गये ए। वह पांच बार विधायक और तीन बार सांसद भी रह चुके थे।

Monday 11 January 2016

15 feb इनका कार्यकाल पूरा होगा


 15 feb 2016 इनका कार्यकाल पूरा हुआ।
अब्दुल हन्नान, अनिल कुमार अवाना,  अरविन्द त्रिपाठी उर्फ 'गुड्डू त्रिपाठीÓ, अन्नपूर्णा सिंह उर्फ 'पूनमÓ, अशोक सिंह, अशोक कटियार, आरएस कुशवाहा, कुंवर जयेश प्रसाद, केसर सिंह, कैलाश यादव, जितेन्द्र यादव, गणेश शंकर पांडेय, परमेश्वर लाल सैनी, मनीष जायसवाल, मनोज अग्रवाल, मनोज सिंह, मुकुल उपाध्याय, मो.इकबाल, राकेश सिंह, राजदेव सिंह, रविशंकर सिंह, लेखराज सिंह, श्याम नारायण उर्फ 'विनीत सिंहÓ, डा.स्वदेश उर्फ 'बीरू सुमनÓ, डा.संतराम निरंजन, संजीव द्विवेदी उर्फ 'रामू द्विवेदीÓ, सविता सिंह, चन्द्र प्रताप सिंह यादव उर्फ 'चन्दू भइयाÓ, सूरजभान करवरिया, प्रशान्त चौधरी, हुस्ना सिद्दीकी (सभी बसपा) , अरूणवीर सिंह, अक्षय प्रताप सिंह (दोनों सपा) दिनेश प्रताप सिंह (कांग्रेस)
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इंसर्ट
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अब तक के कार्यकारी सभापति
निजामुददीन-(छह मई 1958 से 19 जुलाई, 1958 तक),वीरेन्द्र स्वरूप-दो मार्च 1969 से 14 मार्च 1969 तक, देवेन्द्र प्रताप सिंह,-(छह मई, 1974 से 10 जून, 1974 तक), शिव प्रसाद गुप्ता-(छह मई, 1982 से दो मार्च 1983 तक), नित्यानन्द स्वामी- (सात जुलाई, 1992 से नौ मई, 1996 तक)
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बजट सत्र १२ फरवरी २०१६ को एेसी थी  तस्वीर
-समाजवादी पार्टी: 27
-बहुजन समाज पार्टी: 14
-भारतीय जनता पार्टी: सात
-कांग्रेस: एक
-रालोद: एक
शिक्षक दल (गैरराजनीतिक): पांच
निर्दल सदस्य: चार
नोट: यदि 29 जनवरी से शुरू होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले रिक्त चल रही नामित कोटे की पांच सीटों पर नामांकन हो गया तब सपा के सदस्यों की संख्या-32 हो जाएगा।