परवेज़ अहमद
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद दो सीटों के उपचुनाव का मतदान 29 मई को होगा। ये
सीटें विधानसभा सदस्य (एमएलए) कोटे की हैं, इसलिए विधायक मतदाता होंगे। जिसके लिये
भाजपा व समाजवादी पार्टी दोनों ने दो-दो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। चुनाव
आयोग ने इन सीटों के लिए प्रथृक नोटिफिकेशन (अधिसूचना) किया है। जिससे विधायकों को
दोनों सीटों के लिए अलग-अलग वोट डालने का अधिकार मिलेगा। संख्या बल के हिसाब से
सत्तारूढ़ भाजपा व गठबंधन के पास 274 सदस्य हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल के पास
जाहिरा तौर पर सिर्फ 115 सदस्य हैं। एक सदस्य की जीत के लिए 203 वोटों की आवश्यकता
है जाहिर है सपा इस संख्या से बहुत पीछे है। भारी उलट-पलट हो जाए तब भी जादुई
संख्या तक नहीं पहुंचा जा सकता। भाजपा के दोनों प्रत्याशियों की जीत तकरीबन तय है।
फिर भी सपा ने चुनावी अखाड़े में दोनों प्रत्याशी क्यों उतारे ? अपने दो प्रत्याशियों की पराजय की फजीहत के लिए
क्यों तैयार हुई ? क्या है उसकी राजनीतिक रणनीति ?
रिक्त सीटों की संख्या- 02
रिक्तता का कारण और कार्यकाल
-एक सीट लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के राज्यपाल नियुक्त होने पर 15 फरवरी 2023
को रिक्त हुई थी। इस सीट पर निर्वाचित होने वाले सदस्य का कार्यकाल 30 जनवरी 2027
तक होगा।
-दूसरी सीट बनवारी लाल के निधन से रिक्त हुई जिसे 15 फरवरी 2023 को रिक्त
घोषित किय गया, इस सीट पर निर्वाचित होने वाले सदस्य का कार्यकाल 6 जुलाई 2028 तक
होगा।
फैक्ट फाइंडिंग
अधिसूचना : 11 मई 2023
नामांकन की अंतिम तिथिः 18 मई
नाम वापसी की अंतिम तिथिः 22 मई
मतदानः 29 मई (नौ बजे से शाम चार बजे तक)
मतगणनाः 29 मई शाम 5 बजे से परिणाम आने तक
एमएलए के मतों से होगा चुनाव
विधान परिषद के लिए रिक्त हुई दोनों सीटों का निर्वाचन विधायकों के मतों से
होना है। मौजूदा समय में भाजपा के 255 हैं। उसके सहयोगी दलों के विधायकों की
संख्या 19 है। यानी कुल विधायकों की संख्या 274 है। समाजवादी पार्टी के पास 109 विधायक
हैं। उसके गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों की संख्या 06 है। सुहैल
देव समाज पार्टी 2022 का विधानसभा चुनाव सपा के साथ लड़ी थी लेकिन अभी वह गठबंधन
से पृथक है। उसका एक विधायकों की संख्या 6 है लेकिन एक कासगंज जेल में बंद हैं।
जीत के लिए वोटों का गणित
भारत निर्वाचन आयोग ( चुनाव आयोग) ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए
रिक्त दोनों सीटों के लिए पृथक ( सेपरेट) चुनाव अधिसूचना जारी की है, पर दोनों
सीटों की मतदान की तिथि एक ही है। इसलिए विधायकों को दो प्रत्याशियों को वोट दे
सकेंगे। दोनों सीटों के लिए मत बॉक्स अलग-अलग रखे जाएँगे। इस हिसाब से जो भी
व्यक्ति प्रथम वरीयता के 203 वोट पा जाएगा, उसकी जीत सुनिश्चित होगी । हालांकि इस
चुनाव में विधायकों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय वरीयता के मत देने का अधिकार होता
है।
सदस्यों की दलीय स्थिति
भाजपा-255
सपा-109
अपनादल (सोनेलाल)-13
आरएलडी-09
कांग्रेस-02
बसपा-01
सुभासपा-06
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल-06
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक दल-02