तीन सितंबर २०१६
नौ क्षेत्रों में सपा ने और दिए टिकट, 17 में बदले
----
-सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित
----
लखनऊ : समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित कर दिए जबकि 17 क्षेत्रों के उम्मीदवार बदल दिए। सपा ने अब तक हारी हुई सीटों पर 172 उम्मीदवार घोषित किये थे। सोमवार को शिवपाल द्वारा नौ और क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब यह संख्या 181 हो गयी है।
सोमवार को जारी सूची के मुताबिक सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र से मोहम्मद इरशाद, बहराइच की नानपारा से जयशंकर सिंह और पयागपुर से मुकेश श्रीवास्तव, महराजगंज के नौतनवां से अमन मणि त्रिपाठी, सोनभद्र के ओबरा से संजय यादव, बुलंदशहर के डिबाई से हरीश लोधी, हरदोई के गोपामऊ सुरक्षित से राजेश्वरी और सांडी से ऊषा वर्मा तथा अंबेडकरनगर के जलालपुर से सुभाष राय को उम्मीदवार घोषित किया है।
जिन 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में घोषित उम्मीदवारों की जगह नये उम्मीदवार घोषित किये गये हैं उनमें सहारनपुर की रामपुर मनिहारन से विमला राकेश की जगह जसवीर बाल्मिकी, शामली के थाना भवन से किरनपाल कश्यप की जगह शेर सिंह राणा, मुजफ्फरनगर के मीरापुर से मोहम्मद इलियास की जगह शाहनवाज राणा, बिजनौर के नजीबाबाद से अबरार आलम अंसारी की जगह तस्लीम अहमद, मेरठ के सरधना में अतुल प्रधान की जगह मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, मेरठ कैंट से सरदार परविंदर सिंह की जगह आरती अग्रवाल, मेरठ शहर से रफीक अंसारी की जगह अय्यूब अंसारी, बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र से सुनीता चौहान की जगह रवीन्द्र बाल्मिकी, हाथरस सुरक्षित से राम नारायण काके की जगह मूलचंद्र जाटव, आगरा के फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर की जगह श्रीनिवास शर्मा, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार की जगह रानी पक्षालिका सिंह, रायबरेली के जगदीशपुर सुरक्षित विजय कुमार पासी की जगह अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद, कानपुर देहात के सिकंदरा से महेन्द्र कटियार की जगह सीमा सचान, ललितपुर से ज्योति लोधी की जगह चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुडडू राजा, कौशांबी के चायल से चंद्रबलि सिंह पटेल की जगह बालम द्विवेदी, मीरजापुर के मडि़हान से रविन्द्र बहादुर सिंह पटेल की जगह सुरेन्द्र सिंह पटेल और वाराणसी के शिवपुर से अरविन्द कुमार मौर्य की जगह अवधेश पाठक को उम्मीदवार घोषित किया है। समाजवादी पाटी ने 2012 के चुनाव में 224 सीटें जीती थीं। सपा ने अपनी सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। दल छोडऩे वाले श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित की डिबाई सीट पर भी उम्मीदवार घोषित किया है।
-------------------
तुरुप के इक्के का इंतजार करें : अखिलेश
सपा कलह
-------
-सपा के टिकट वितरण में अनदेखी पर मुख्यमंत्री की टीस
-कहा, अधिकार छोड़ दिये लेकिन आदतें नहीं बदल सकता
-------
लखनऊ : सरकार और सत्ताधारी दल में अंतर्कलह अभी थमी नहीं है बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की आंच झेल रहे अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से सपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनका एजेंडा विकास है और यदि यह पार्टी के अंदर की बात है तो हमारी राय आप जानते हैं। अमनमणि मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। इस बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने साफगोई से कहा-'या तो मैं सच बोलूं या पॉलिटिकल हो जाऊं। सच तो यह है कि मैं अपनी कुछ पुरानी आदतें नहीं बदल सकता।Ó इशारा यही था कि दागी छवि के लोगों को सपा का टिकट दिये जाने के विरोध के अपने पुराने स्टैंड पर वह कायम हैं।
टिकट बंटवारे में अधिकार मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैने सब अधिकार छोड़ दिये हैं।Ó क्या टिकटों के बंटवारे की जानकारी आपको नहीं दी गई? अखिलेश बोले, 'यह मामला मेरी जानकारी में ही नहीं आया, मैं तो कार्यालय का उद्घाटन करने आया था।Ó जब उनसे प्रश्न हुआ कि समाजवादी पार्टी की रथयात्रा कब से शुरू होगी तो उन्होंने कटाक्ष किया कि इसकी जानकारी देने वाली मेल मेरे पास तो आयी नहीं है, हो सकता है आपके (मीडिया) के पास आयी हो।
यादव परिवार में बीते दिनों मचे घमासान के दौरान अखिलेश विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में अपनी निर्णायक भूमिका को लेकर बेहद आग्रही थे। मुख्यमंत्री ने कहा वैसे तो वह शतरंज खेलते हैं लेकिन ताश के खेल में वही जीतता है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। जब उनसे पूछा गया कि टिकट वितरण तो हो गया तो वह अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ बोले, 'कोई तुरुप का पत्ता चलेगा तो कोई तुरुप का उससे बड़ा पत्ता डालेगा।Ó फिर कहा कि सियासत कोई खेल नहीं है। क्या बसपा को मालूम था कि नेता विरोधी दल पार्टी छोड़कर चले जाएंगे? अपनी बात उन्होंने भेद भरे दो वाक्यों के साथ खत्म की। यह कहते हुए कि 'राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इसलिए तुरुप के इक्के का इंतजार करिये।Ó
-----
कुनबे की कलह कुछ और उजागर
----
-टिकट बंटवारे में भी उभरी वर्चस्व की लड़ाई
- भविष्य में बड़ा दांव चलने का अखिलेश ने दिया संकेत
----
लखनऊ : समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने की कहानी नई नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सुलतानपुर की लंभुआ सीट पर सपा ने सात बार टिकट बदले। इस तरह कई और क्षेत्रों के भी उदाहरण हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने जिस तरह 17 क्षेत्रों के घोषित उम्मीदवार बदल दिए, उससे यह साफ संकेत मिला है कि अब समाजवादी कुनबे की कलह थमने वाली नहीं है।
शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की अनुमति से उम्मीदवारों के बदलने की घोषणा की है पर इनमें कई ऐसे उम्मीदवारों का टिकट कटा जो मुख्यमंत्री और प्रोफेसर राम गोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। जाहिर है वर्चस्व की लड़ाई अब तेज होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री के नए कार्यालय 'लोकभवनÓ का उद्घाटन और कैबिनेट की बैठक थी। इसके ठीक पहले ही शिवपाल ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। मुलायम व अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल भी लोकार्पण समारोह में गये, लेकिन शिवपाल के चेहरे पर तनाव बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने भी जिस तरह के बयान दिए उससे साफ लगा कि वह इस फैसले से खुश नहीं। मुख्यमंत्री ने खुद को शतरंज का खिलाड़ी बताकर अपने समर्थकों का प्रकारांतर से हौसला बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तुरुप के पत्ते का इंतजार करिए। अखिलेश अपने संकेतों के जरिये जाहिर कर रहे थे कि भविष्य में वह कोई बड़ा दांव चलने वाले हैं।
---
दागियों पर दांव
सपा उम्मीदवारों की सूची में बहुत से साफ सुथरी छवि के हैं, लेकिन कई ऐसे नाम हैं जो पूरी पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। राजधानी की सड़कों पर सरेशाम गुंडई और फिर अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोपों में सीबीआइ जांच से घिरे अमनमणि त्रिपाठी हों या फिर एनआरएचएम घोटाले के आरोपों में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे कांग्रेस से आए विधायक मुकेश श्रीवास्तव को शिवपाल ने उम्मीदवार बनाकर साफ कर दिया कि उन्हें हर कीमत पर जीत चाहिए और इसके लिए वह किसी भी तरह के व्यक्ति पर दांव लगा सकते हैं। अमनमणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कवयित्री मधुमिता की हत्या के आरोप में उम्र कैद भुगत रहे हैं। फरारी के दिनों में भी अमनमणि विधानसभा से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों तक शिवपाल के करीब देखे जाते रहे।
---
अखिलेश के करीबियों को किया किनारे
अखिलेश की युवा बिग्रेड के सदस्यों को पार्टी से बाहर करने के बाद शिवपाल ने इस बिग्रेड के एक प्रमुख सदस्य अतुल प्रधान का सरधना और रामगोपाल के करीबी रफीक अंसारी का मेरठ से टिकट काट दिया। बांकी क्षेत्रों में भी ज्यादातर उम्मीदवार मुख्यमंत्री की पसंद के ही थे। मीरापुर में इलियास की जगह शाहनवाज राणा को मौका देकर शिवपाल ने अपनी पसंद भी जताने की कोशिश की है।
--
ब्राह्मणों को मौका
टिकट बदलने में जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश की गयी है। कई ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे गए हैं। वाराणसी के शिवपुर में अरविन्द मौर्य की जगह अवधेश पाठक और कौशांबी के चायल में चंद्रबलि पटेल की जगह बालम द्विवेदी का नाम प्रमुख है। मुसलमानों का टिकट काटने में यह एहतियात जरूर बरती गई कि मुसलमान उम्मीदवार को ही मौका मिला।
---
कोई मतभेद नहीं
सोमवार दोपहर तक प्रोफेसर राम गोपाल यादव भी लखनऊ आ गये थे। मुलायम सिंह के पांच विक्रमादित्य स्थित आवास पर पहुंचते ही शिवपाल यादव और राम गोपाल भी कुछ देर बाद पहुंचे। तीनों के बीच गुफ्तगू शुरू हुई। थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री भी वहीं पहुंच गए। बैठक के बाद प्रोफेसर राम गोपाल ने मीडिया से कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। टिकट बांटना संसदीय बोर्ड का काम है। अखिलेश और शिवपाल में किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इन्कार किया।
---
और भी कट सकते हैं टिकट
शिवपाल के अध्यक्ष बनते ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि टिकट तो वह खुद बांटेंगे। शायद शिवपाल को यह बात अंदर तक चुभ रही थी। इसीलिए सोमवार को उनकी पहली सूची आते ही अखिलेश के लोगों में मायूसी दिखी।
----------------
कई खूबियों से लैस है 'लोकभवनÓ
-सुविधा, सज्जा और सुरक्षा के खास इंतजाम
-नए दफ्तर में भी पंचम तल पर बैठेंगे मुख्यमंत्री
लोक भवन-खास बातें
लागत - 601.89 करोड़ रुपये
क्षेत्रफल - 25380.00 वर्ग मीटर (6.30 एकड़)
कुल बेसमेंट एरिया - 21956.44 वर्ग मीटर
कुल कवर्ड एरिया - 37426.29 वर्ग मीटर
---
लखनऊ : सुविधा, सुसज्जा और सुरक्षा। ये वे कसौटियां हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त और कई खूबियों से लैस मुख्यमंत्री का नया कार्यालय 'लोकभवनÓ बनाया गया है। सोमवार को लोक भवन के लोकार्पण के मौके पर इसकी झलक पाने को आम जनता तो क्या, मंत्री भी बेताब दिखे।
दारुलशफा परिसर में बनाये गए लोक भवन में मुख्यमंत्री का कार्यालय बी-ब्लॉक में पंचम तल पर होगा। लोक भवन में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव समेत 1330 अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। नवनिर्मित परिसर में तीन ब्लॉक बनाये गए हैं। ब्लॉक-ए में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग और भूतल पर गार्ड रूम व पास ऑफिस होगा। ब्लॉक-बी में मुख्य भवन होगा। यह भूमिगत ऑडिटोरियम व भूतल सहित पांच मंजिला इमारत होगी। बी-ब्लाक के बेसमेंट में ऑडिटोरियम, लॉबी, विशिष्ट लाउन्ज, सात लिफ्ट व रिकॉर्ड रूम, भूतल पर 602 सीटों वाला आडिटोरियम, क्लोज सर्किट टीवी कंट्रोल रूम, प्रमुख सचिव सूचना व उनके स्टाफ रूम, टीवी स्टूडियो, मीडिया प्रतीक्षालय व प्रेस मीडिया हॉल है।
बी-ब्लॉक की पहली मंजिल पर मुख्य सचिव का कार्यालय, 100 सीटों वाला कांफ्रेंस रूम, उनके स्टाफ के दफ्तर, सचिव नागरिक उड्डयन, वीवीआईपी प्रवेश लॉबी, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम व प्रमुख सचिव नियुक्ति व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। दूसरी मंजिल पर प्रमुख सचिव कार्मिक व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। तीसरे तल पर वेटिंग लाउंज, उप सचिव, अनुसचिव, अनुभाग अधिकारी आदि के कमरे होंगे। चौथी मंजिल पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव तथा उनके के दफ्तर और एक कांफ्रेंस रूम होगा। पांचवें तल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय, कांफ्रेंस रूम, मुख्यमंत्री के लिए वीडियो कांफ्रेस रूम, कैबिनेट लाउंज, कैबिनेट ऑफिस स्टाफ रूम, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व उनके स्टाफ के लिए कक्ष तथा विधान सभा के सदस्यों के लिए वेटिंग लाउंज आदि होंगे।
ब्लॉक-सी भूमिगत पार्किंग व भूतल सहित सात मंजिला भवन होगा। भूमिगत पार्किंग में 392 और खुली पार्किंग में 22 वाहन खड़े किये जा सकेंगे। भूतल पर पास ऑफिस, वेटिंग लाउन्ज, क्लॉक रूम, आगंतुकों, स्टाफ व अफसरों के लिए कैंटीन, मेडिकल रूम है। इस ब्लॉक में सचिवालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के दफ्तर हैं।
---
वर्षा जल संचयन का ख्याल
लोक भवन में साउंड इन्सुलेशन के लिए डबल वैक्यूम ग्लास लगाये गए हैं। फर्श पर इटैलियन मार्बल, ग्रेनाइट, विट्रीफाइड टाइल्स व वुडेन फ्लोरिंग की गई है। परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्यूबवेल व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान किया गया है। भवन में विद्युत 33 केवी सब-स्टेशन, मॉडर्न इलेक्ट्रिकल पैनल, पावर बैकअप के लिए 1000 केवीए के तीन जेनरेटर और केंद्रीय वातानुकूलन और भवनों में बिजली बचाने के इंतजाम किये गए हैं।
नौ क्षेत्रों में सपा ने और दिए टिकट, 17 में बदले
----
-सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित
----
लखनऊ : समाजवादी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने नौ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार घोषित कर दिए जबकि 17 क्षेत्रों के उम्मीदवार बदल दिए। सपा ने अब तक हारी हुई सीटों पर 172 उम्मीदवार घोषित किये थे। सोमवार को शिवपाल द्वारा नौ और क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब यह संख्या 181 हो गयी है।
सोमवार को जारी सूची के मुताबिक सहारनपुर के नकुड़ क्षेत्र से मोहम्मद इरशाद, बहराइच की नानपारा से जयशंकर सिंह और पयागपुर से मुकेश श्रीवास्तव, महराजगंज के नौतनवां से अमन मणि त्रिपाठी, सोनभद्र के ओबरा से संजय यादव, बुलंदशहर के डिबाई से हरीश लोधी, हरदोई के गोपामऊ सुरक्षित से राजेश्वरी और सांडी से ऊषा वर्मा तथा अंबेडकरनगर के जलालपुर से सुभाष राय को उम्मीदवार घोषित किया है।
जिन 17 विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में घोषित उम्मीदवारों की जगह नये उम्मीदवार घोषित किये गये हैं उनमें सहारनपुर की रामपुर मनिहारन से विमला राकेश की जगह जसवीर बाल्मिकी, शामली के थाना भवन से किरनपाल कश्यप की जगह शेर सिंह राणा, मुजफ्फरनगर के मीरापुर से मोहम्मद इलियास की जगह शाहनवाज राणा, बिजनौर के नजीबाबाद से अबरार आलम अंसारी की जगह तस्लीम अहमद, मेरठ के सरधना में अतुल प्रधान की जगह मैनपाल सिंह उर्फ पिंटू राणा, मेरठ कैंट से सरदार परविंदर सिंह की जगह आरती अग्रवाल, मेरठ शहर से रफीक अंसारी की जगह अय्यूब अंसारी, बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र से सुनीता चौहान की जगह रवीन्द्र बाल्मिकी, हाथरस सुरक्षित से राम नारायण काके की जगह मूलचंद्र जाटव, आगरा के फतेहपुर सीकरी से राजकुमार चाहर की जगह श्रीनिवास शर्मा, खैरागढ़ से विनोद कुमार सिकरवार की जगह रानी पक्षालिका सिंह, रायबरेली के जगदीशपुर सुरक्षित विजय कुमार पासी की जगह अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद, कानपुर देहात के सिकंदरा से महेन्द्र कटियार की जगह सीमा सचान, ललितपुर से ज्योति लोधी की जगह चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुडडू राजा, कौशांबी के चायल से चंद्रबलि सिंह पटेल की जगह बालम द्विवेदी, मीरजापुर के मडि़हान से रविन्द्र बहादुर सिंह पटेल की जगह सुरेन्द्र सिंह पटेल और वाराणसी के शिवपुर से अरविन्द कुमार मौर्य की जगह अवधेश पाठक को उम्मीदवार घोषित किया है। समाजवादी पाटी ने 2012 के चुनाव में 224 सीटें जीती थीं। सपा ने अपनी सभी हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। दल छोडऩे वाले श्रीभगवान शर्मा उर्फ गुडडू पंडित की डिबाई सीट पर भी उम्मीदवार घोषित किया है।
-------------------
तुरुप के इक्के का इंतजार करें : अखिलेश
सपा कलह
-------
-सपा के टिकट वितरण में अनदेखी पर मुख्यमंत्री की टीस
-कहा, अधिकार छोड़ दिये लेकिन आदतें नहीं बदल सकता
-------
लखनऊ : सरकार और सत्ताधारी दल में अंतर्कलह अभी थमी नहीं है बल्कि वर्चस्व की यह लड़ाई और भी बढऩे के आसार हैं। सोमवार को अपने नए कार्यालय भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बेझिझक इसके भरपूर संकेत भी दिये। सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की ओर से सोमवार को नौ विधानसभा क्षेत्रों में सपा प्रत्याशियों की घोषणा किये जाने और 17 पार्टी उम्मीदवारों के टिकट बदले जाने के एलान पर अखिलेश ने कहा कि भले ही उन्होंने टिकटों के बंटवारे का अधिकार छोड़ दिया है लेकिन आखिर में जीत उसी की होगी, जो तुरुप का इक्का चलेगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में अपनी पत्नी सारा की मौत के मामले में सीबीआइ जांच की आंच झेल रहे अमनमणि त्रिपाठी को नौतनवा से सपा प्रत्याशी घोषित किये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री उनका एजेंडा विकास है और यदि यह पार्टी के अंदर की बात है तो हमारी राय आप जानते हैं। अमनमणि मधुमिता हत्याकांड में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र हैं। इस बारे में और कुरेदे जाने पर उन्होंने साफगोई से कहा-'या तो मैं सच बोलूं या पॉलिटिकल हो जाऊं। सच तो यह है कि मैं अपनी कुछ पुरानी आदतें नहीं बदल सकता।Ó इशारा यही था कि दागी छवि के लोगों को सपा का टिकट दिये जाने के विरोध के अपने पुराने स्टैंड पर वह कायम हैं।
टिकट बंटवारे में अधिकार मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 'मैने सब अधिकार छोड़ दिये हैं।Ó क्या टिकटों के बंटवारे की जानकारी आपको नहीं दी गई? अखिलेश बोले, 'यह मामला मेरी जानकारी में ही नहीं आया, मैं तो कार्यालय का उद्घाटन करने आया था।Ó जब उनसे प्रश्न हुआ कि समाजवादी पार्टी की रथयात्रा कब से शुरू होगी तो उन्होंने कटाक्ष किया कि इसकी जानकारी देने वाली मेल मेरे पास तो आयी नहीं है, हो सकता है आपके (मीडिया) के पास आयी हो।
यादव परिवार में बीते दिनों मचे घमासान के दौरान अखिलेश विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में अपनी निर्णायक भूमिका को लेकर बेहद आग्रही थे। मुख्यमंत्री ने कहा वैसे तो वह शतरंज खेलते हैं लेकिन ताश के खेल में वही जीतता है जिसके पास तुरुप का इक्का होता है। जब उनसे पूछा गया कि टिकट वितरण तो हो गया तो वह अर्थपूर्ण मुस्कान के साथ बोले, 'कोई तुरुप का पत्ता चलेगा तो कोई तुरुप का उससे बड़ा पत्ता डालेगा।Ó फिर कहा कि सियासत कोई खेल नहीं है। क्या बसपा को मालूम था कि नेता विरोधी दल पार्टी छोड़कर चले जाएंगे? अपनी बात उन्होंने भेद भरे दो वाक्यों के साथ खत्म की। यह कहते हुए कि 'राजनीति में कल क्या होगा, कोई नहीं जानता। इसलिए तुरुप के इक्के का इंतजार करिये।Ó
-----
कुनबे की कलह कुछ और उजागर
----
-टिकट बंटवारे में भी उभरी वर्चस्व की लड़ाई
- भविष्य में बड़ा दांव चलने का अखिलेश ने दिया संकेत
----
लखनऊ : समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने की कहानी नई नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में सुलतानपुर की लंभुआ सीट पर सपा ने सात बार टिकट बदले। इस तरह कई और क्षेत्रों के भी उदाहरण हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने जिस तरह 17 क्षेत्रों के घोषित उम्मीदवार बदल दिए, उससे यह साफ संकेत मिला है कि अब समाजवादी कुनबे की कलह थमने वाली नहीं है।
शिवपाल ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की अनुमति से उम्मीदवारों के बदलने की घोषणा की है पर इनमें कई ऐसे उम्मीदवारों का टिकट कटा जो मुख्यमंत्री और प्रोफेसर राम गोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। जाहिर है वर्चस्व की लड़ाई अब तेज होगी। सोमवार को मुख्यमंत्री के नए कार्यालय 'लोकभवनÓ का उद्घाटन और कैबिनेट की बैठक थी। इसके ठीक पहले ही शिवपाल ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। मुलायम व अखिलेश यादव के अलावा शिवपाल भी लोकार्पण समारोह में गये, लेकिन शिवपाल के चेहरे पर तनाव बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने भी जिस तरह के बयान दिए उससे साफ लगा कि वह इस फैसले से खुश नहीं। मुख्यमंत्री ने खुद को शतरंज का खिलाड़ी बताकर अपने समर्थकों का प्रकारांतर से हौसला बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि तुरुप के पत्ते का इंतजार करिए। अखिलेश अपने संकेतों के जरिये जाहिर कर रहे थे कि भविष्य में वह कोई बड़ा दांव चलने वाले हैं।
---
दागियों पर दांव
सपा उम्मीदवारों की सूची में बहुत से साफ सुथरी छवि के हैं, लेकिन कई ऐसे नाम हैं जो पूरी पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। राजधानी की सड़कों पर सरेशाम गुंडई और फिर अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोपों में सीबीआइ जांच से घिरे अमनमणि त्रिपाठी हों या फिर एनआरएचएम घोटाले के आरोपों में सीबीआइ जांच का सामना कर रहे कांग्रेस से आए विधायक मुकेश श्रीवास्तव को शिवपाल ने उम्मीदवार बनाकर साफ कर दिया कि उन्हें हर कीमत पर जीत चाहिए और इसके लिए वह किसी भी तरह के व्यक्ति पर दांव लगा सकते हैं। अमनमणि के पिता पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी कवयित्री मधुमिता की हत्या के आरोप में उम्र कैद भुगत रहे हैं। फरारी के दिनों में भी अमनमणि विधानसभा से लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों तक शिवपाल के करीब देखे जाते रहे।
---
अखिलेश के करीबियों को किया किनारे
अखिलेश की युवा बिग्रेड के सदस्यों को पार्टी से बाहर करने के बाद शिवपाल ने इस बिग्रेड के एक प्रमुख सदस्य अतुल प्रधान का सरधना और रामगोपाल के करीबी रफीक अंसारी का मेरठ से टिकट काट दिया। बांकी क्षेत्रों में भी ज्यादातर उम्मीदवार मुख्यमंत्री की पसंद के ही थे। मीरापुर में इलियास की जगह शाहनवाज राणा को मौका देकर शिवपाल ने अपनी पसंद भी जताने की कोशिश की है।
--
ब्राह्मणों को मौका
टिकट बदलने में जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश की गयी है। कई ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे गए हैं। वाराणसी के शिवपुर में अरविन्द मौर्य की जगह अवधेश पाठक और कौशांबी के चायल में चंद्रबलि पटेल की जगह बालम द्विवेदी का नाम प्रमुख है। मुसलमानों का टिकट काटने में यह एहतियात जरूर बरती गई कि मुसलमान उम्मीदवार को ही मौका मिला।
---
कोई मतभेद नहीं
सोमवार दोपहर तक प्रोफेसर राम गोपाल यादव भी लखनऊ आ गये थे। मुलायम सिंह के पांच विक्रमादित्य स्थित आवास पर पहुंचते ही शिवपाल यादव और राम गोपाल भी कुछ देर बाद पहुंचे। तीनों के बीच गुफ्तगू शुरू हुई। थोड़ी देर बाद मुख्यमंत्री भी वहीं पहुंच गए। बैठक के बाद प्रोफेसर राम गोपाल ने मीडिया से कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है। टिकट बांटना संसदीय बोर्ड का काम है। अखिलेश और शिवपाल में किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इन्कार किया।
---
और भी कट सकते हैं टिकट
शिवपाल के अध्यक्ष बनते ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि टिकट तो वह खुद बांटेंगे। शायद शिवपाल को यह बात अंदर तक चुभ रही थी। इसीलिए सोमवार को उनकी पहली सूची आते ही अखिलेश के लोगों में मायूसी दिखी।
----------------
कई खूबियों से लैस है 'लोकभवनÓ
-सुविधा, सज्जा और सुरक्षा के खास इंतजाम
-नए दफ्तर में भी पंचम तल पर बैठेंगे मुख्यमंत्री
लोक भवन-खास बातें
लागत - 601.89 करोड़ रुपये
क्षेत्रफल - 25380.00 वर्ग मीटर (6.30 एकड़)
कुल बेसमेंट एरिया - 21956.44 वर्ग मीटर
कुल कवर्ड एरिया - 37426.29 वर्ग मीटर
---
लखनऊ : सुविधा, सुसज्जा और सुरक्षा। ये वे कसौटियां हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त और कई खूबियों से लैस मुख्यमंत्री का नया कार्यालय 'लोकभवनÓ बनाया गया है। सोमवार को लोक भवन के लोकार्पण के मौके पर इसकी झलक पाने को आम जनता तो क्या, मंत्री भी बेताब दिखे।
दारुलशफा परिसर में बनाये गए लोक भवन में मुख्यमंत्री का कार्यालय बी-ब्लॉक में पंचम तल पर होगा। लोक भवन में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव समेत 1330 अधिकारियों व कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। नवनिर्मित परिसर में तीन ब्लॉक बनाये गए हैं। ब्लॉक-ए में दो मंजिला भूमिगत पार्किंग और भूतल पर गार्ड रूम व पास ऑफिस होगा। ब्लॉक-बी में मुख्य भवन होगा। यह भूमिगत ऑडिटोरियम व भूतल सहित पांच मंजिला इमारत होगी। बी-ब्लाक के बेसमेंट में ऑडिटोरियम, लॉबी, विशिष्ट लाउन्ज, सात लिफ्ट व रिकॉर्ड रूम, भूतल पर 602 सीटों वाला आडिटोरियम, क्लोज सर्किट टीवी कंट्रोल रूम, प्रमुख सचिव सूचना व उनके स्टाफ रूम, टीवी स्टूडियो, मीडिया प्रतीक्षालय व प्रेस मीडिया हॉल है।
बी-ब्लॉक की पहली मंजिल पर मुख्य सचिव का कार्यालय, 100 सीटों वाला कांफ्रेंस रूम, उनके स्टाफ के दफ्तर, सचिव नागरिक उड्डयन, वीवीआईपी प्रवेश लॉबी, सिक्योरिटी कंट्रोल रूम व प्रमुख सचिव नियुक्ति व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। दूसरी मंजिल पर प्रमुख सचिव कार्मिक व उनके स्टाफ के कार्यालय होंगे। तीसरे तल पर वेटिंग लाउंज, उप सचिव, अनुसचिव, अनुभाग अधिकारी आदि के कमरे होंगे। चौथी मंजिल पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त सचिव तथा उनके के दफ्तर और एक कांफ्रेंस रूम होगा। पांचवें तल पर मुख्यमंत्री का कार्यालय, कांफ्रेंस रूम, मुख्यमंत्री के लिए वीडियो कांफ्रेस रूम, कैबिनेट लाउंज, कैबिनेट ऑफिस स्टाफ रूम, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री व उनके स्टाफ के लिए कक्ष तथा विधान सभा के सदस्यों के लिए वेटिंग लाउंज आदि होंगे।
ब्लॉक-सी भूमिगत पार्किंग व भूतल सहित सात मंजिला भवन होगा। भूमिगत पार्किंग में 392 और खुली पार्किंग में 22 वाहन खड़े किये जा सकेंगे। भूतल पर पास ऑफिस, वेटिंग लाउन्ज, क्लॉक रूम, आगंतुकों, स्टाफ व अफसरों के लिए कैंटीन, मेडिकल रूम है। इस ब्लॉक में सचिवालय के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के दफ्तर हैं।
---
वर्षा जल संचयन का ख्याल
लोक भवन में साउंड इन्सुलेशन के लिए डबल वैक्यूम ग्लास लगाये गए हैं। फर्श पर इटैलियन मार्बल, ग्रेनाइट, विट्रीफाइड टाइल्स व वुडेन फ्लोरिंग की गई है। परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्यूबवेल व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का प्रावधान किया गया है। भवन में विद्युत 33 केवी सब-स्टेशन, मॉडर्न इलेक्ट्रिकल पैनल, पावर बैकअप के लिए 1000 केवीए के तीन जेनरेटर और केंद्रीय वातानुकूलन और भवनों में बिजली बचाने के इंतजाम किये गए हैं।
No comments:
Post a Comment