मुलायम के इन 5 फैसलों के कारण महागठबंधन से अलग हुई समाजवादी पार्टी
10/09/2015
मुलायम के इन 5 फैसलों के कारण महागठबंधन से अलग हुई समाजवादी पार्टी
महागठबंधन में सीट बंटवारे से नाराज सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिहार में विधानसभा चुनाव अपने दम पर लडऩे का ऐलान कर दिया है। सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने गुरूवार को कहा कि सपा की संसदीय बैठक में यह फैसला लिया गया है, हालांकि इस चुनाव में सपा कितनी सीटों पर लड़ेगी इसकी घोषणा नही हुई है। इससे पहले महागठबंधन से नाराज चल रहे मुलायम सिंह यादव पटना में आयोजित स्वाभिमान रैली से किनारा कर लिया था, लेकिन इस रैली में उन्होंने अपने भाई रामगोपाल को जरूर भेजा था। राजद अध्यक्ष लालू यादव के 5 सीटें देने के बावजूद सपा सुप्रीमों ने अपनी सहमति नहीं जताई और अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया।
आइये जानते हैं मुलायम के फैसले के पांच कारण-
1.बिहार में सीटों के बंटवारे में समाजवादी पार्टी से बात ही नहीं की गई। जब सीटों का बंटवारा सामने आया तो पार्टी को दर्शक की भूमिका में रखा गया। सपा का मानना है कि पांच सीटों पर चुनाव लडऩे से पार्टी का कद घटेगा।
2. सपा नेताओं का मानना है कि पांच सीटों पर लडऩे से यूपी की सबसे बड़ी पार्टी की छवि को धक्का लगेगा। स्वाभिमान रैली में मुलायम सिंह यादव
की जगह शिवपाल के जरिये नाराजगी का संदेश गठबंधन के अन्य नेताओं तक पहुंचा दिया था।
3. यही नहीं अगर पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ते हैं तो जीत की उम्मीद और कम हो जाएगी और सपा के राष्ट्रीय स्तर विस्तार की संभावनाओं को इससे कोई बल नहीं मिलेगा।
4. पार्टी का बिहार में जनाधार नाम मात्र का है, इसलिए केवल पांच सीटों पर लडऩे से इसमें कोई इजाफा होने वाला नहीं है, उल्टे लालू के साथ जाने से सपा की छवि को नुकसान हो सकता है।
5. सपा के थिंक टैंक का मानना है कि अगर बाहर से समर्थन दिया तो छवि और गठबंधन दोनों बचे रहेंगे। सपा की सेक्युलर छवि को कोई नुकसान नहीं होगा और साथ ही सांप्रदायिक शक्तियों से लडऩे का उसका दावा भी कायम रहेगा, जो उसे निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।
10/09/2015
मुलायम के इन 5 फैसलों के कारण महागठबंधन से अलग हुई समाजवादी पार्टी
महागठबंधन में सीट बंटवारे से नाराज सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बिहार में विधानसभा चुनाव अपने दम पर लडऩे का ऐलान कर दिया है। सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने गुरूवार को कहा कि सपा की संसदीय बैठक में यह फैसला लिया गया है, हालांकि इस चुनाव में सपा कितनी सीटों पर लड़ेगी इसकी घोषणा नही हुई है। इससे पहले महागठबंधन से नाराज चल रहे मुलायम सिंह यादव पटना में आयोजित स्वाभिमान रैली से किनारा कर लिया था, लेकिन इस रैली में उन्होंने अपने भाई रामगोपाल को जरूर भेजा था। राजद अध्यक्ष लालू यादव के 5 सीटें देने के बावजूद सपा सुप्रीमों ने अपनी सहमति नहीं जताई और अकेले चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया।
आइये जानते हैं मुलायम के फैसले के पांच कारण-
1.बिहार में सीटों के बंटवारे में समाजवादी पार्टी से बात ही नहीं की गई। जब सीटों का बंटवारा सामने आया तो पार्टी को दर्शक की भूमिका में रखा गया। सपा का मानना है कि पांच सीटों पर चुनाव लडऩे से पार्टी का कद घटेगा।
2. सपा नेताओं का मानना है कि पांच सीटों पर लडऩे से यूपी की सबसे बड़ी पार्टी की छवि को धक्का लगेगा। स्वाभिमान रैली में मुलायम सिंह यादव
की जगह शिवपाल के जरिये नाराजगी का संदेश गठबंधन के अन्य नेताओं तक पहुंचा दिया था।
3. यही नहीं अगर पांच सीटों पर ही चुनाव लड़ते हैं तो जीत की उम्मीद और कम हो जाएगी और सपा के राष्ट्रीय स्तर विस्तार की संभावनाओं को इससे कोई बल नहीं मिलेगा।
4. पार्टी का बिहार में जनाधार नाम मात्र का है, इसलिए केवल पांच सीटों पर लडऩे से इसमें कोई इजाफा होने वाला नहीं है, उल्टे लालू के साथ जाने से सपा की छवि को नुकसान हो सकता है।
5. सपा के थिंक टैंक का मानना है कि अगर बाहर से समर्थन दिया तो छवि और गठबंधन दोनों बचे रहेंगे। सपा की सेक्युलर छवि को कोई नुकसान नहीं होगा और साथ ही सांप्रदायिक शक्तियों से लडऩे का उसका दावा भी कायम रहेगा, जो उसे निकट भविष्य में उत्तर प्रदेश चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।
No comments:
Post a Comment