Thursday 17 September 2015

मुलायम सिंह के विरुद्ध मुकदमे का आदेश

17.09.2015

मुलायम सिंह के विरुद्ध मुकदमे का आदेश
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लखनऊ : आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सोम प्रभा मिश्रा ने बुधवार को इंस्पेक्टर हजरतगंज कोतवाली को सपा प्रमुख मुलायम सिंह के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।
अदालत ने यह आदेश निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर की अर्जी पर दिया। अर्जी में मुलायम सिंह के अलावा खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध भी आरोप लगाए गए हैं। वादी की ओर सेअधिवक्ता अखिलेश अवस्थी ने कहा कि अमिताभ ठाकुर की पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने खनन मंत्री के विरुद्ध लोकायुक्त के समक्ष शिकायत की थी। शिकायत के बाद तीन जनवरी को वादी को फोन से धमकी मिली कि उसकी पत्नी स्वयं को गायत्री प्रसाद की संपत्ति से अलग रखें, अन्यथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नूतन की शिकायत पर जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तब अदालत में मुकदमा दायर किया गया। नौ जुलाई को गोमती नगर थाने से रिपोर्ट भेजी गई कि रिपोर्ट 20 जून को दर्ज हो चुकी है। अर्जी में अमिताभ ने मुलायम सिंह यादव पर आरोप लगाया है कि जब वह आइजी नागरिक सुरक्षा के पद पर थे, तब 10 जुलाई की शाम उनके मोबाइल पर एक फोन आया था। कहा गया कि नेता जी बात करना चाहते हैं। वादी के पूछने पर मुलायम सिंह का नाम लिया गया। थोड़ी ही देर में उधर से मुलायम सिंह यादव की आवाज आई। उन्होंने छूटते ही कहा कि जसराना वाली घटना भूल गए, अब आपके साथ वही करना पड़ेगा। फोन पर मुलायम सिंह ने यह भी धमकी दी कि एफआइआर क्यों दर्ज कराई। यह भी कहा कि जसराना में जो भी कुछ हुआ उससे भी अधिक हो जाएगा। अंत में मुलायम सिंह ने शिकायत न करने की बात कहते हुए सुधर जाने के लिए कहा। अर्जी में ठाकुर ने जसराना की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 2006 में वह फीरोजाबाद में पुलिस अधीक्षक थे और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन जसराना विधायक रामवीर सिंह जो संभवत: मुलायम सिंह के समधी हैं, उनके गांव पैडस में मंत्री शिवपाल सिंह यादव का वीआइपी कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में शिवपाल सिंह हेलीकॉप्टर से आने वाले थे। आरोप है कि रामवीर सिंह तमाम गलत आदेशों का पालन कराना चाहते थे, जिसे पूरा न करने पर रामवीर सिंह नाराज थे। इस कार्यक्रम में शाम को मौके पर रामवीर सिंह व अन्य लोगों द्वारा इसी नाराजगी की वजह से वादी पर कातिलाना हमला किया गया। इस घटना की रिपोर्ट भी दर्ज न करने की हिदायत मुलायम सिंह यादव ने दी थी।
अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय की विधि व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि मामले में संज्ञेय अपराध प्रकट होता है। लिहाजा इंस्पेक्टर हजरतगंज कोतवाली समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करे।

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अमिताभ पर भ्रष्टïाचार का मुकदमा दर्ज
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-आय के सापेक्ष ठाकुर के व्यय का अनुपात 83.15 प्रतिशत ज्यादा
लखनऊ : सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ सीधे मोर्चा खोलने वाले निलंबित आइजी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान ने राजधानी के गोमतीनगर थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। उन पर आय से 83.15 प्रतिशत अधिक व्यय का आरोप है। शासन के निर्देश के बाद सतर्कता अधिष्ठान ने यह कार्रवाई की है।
सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक महेश सिंह ने बुधवार को गोमतीनगर थाने में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर के आधार पर ठाकुर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-13 (एक) (ई) और 13 (दो) (आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। ठाकुर पर आरोप है कि उनकी आय के जो भी ज्ञात स्रोत हैं, उसके सापेक्ष चेक की गयी अवधि में उनकी 98 लाख 12 हजार 164 रुपए अवैध आय पायी गयी है। रिपोर्ट के मुताबिक जांच के लिए निर्धारित अवधि में अमिताभ और उनके आश्रित परिजनों ने वैध स्रोत से एक करोड़ 17 लाख 99 हजार 465 रुपए की आय की जबकि इसके सापेक्ष दो करोड़ 16 लाख 11 हजार 629 रुपए व्यय किए। अमिताभ पर यह भी आरोप लगा है कि पर्याप्त अवसर देने के बावजूद उन्होंने इस संदर्भ में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। वर्ष 1992 बैच के निलंबित आइपीएस अमिताभ ठाकुर के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान के संयुक्त निदेशक ने खुली जांच पूरी कर शासन को चार सिंतबर को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था। इस रिपोर्ट पर विचार के बाद शासन के सतर्कता विभाग के उप सचिव एसपी सिंह ने मंगलवार को निदेशक सतर्कता अधिष्ठान भानु प्रताप सिंह को पत्र लिखकर अन्वेषण (मुकदमा दर्ज कर विवेचना पूरी करने) की आख्या उपलब्ध कराने को कहा। निदेशक/एडीजी भानु प्रताप सिंह के निर्देश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
ध्यान रहे, ठाकुर के खिलाफ सात जुलाई 2012 को आइजी कार्मिक ने सतर्कता जांच की सिफारिश की थी लेकिन हाल में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ठाकुर द्वारा धमकी की तहरीर देने के बाद इस जांच में तेजी आयी। अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने भी पिछले माह जांच की सिफारिश की थी।





























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