Tuesday 15 September 2015

दबाव का दर्द खुलकर छलका


- दबाव का दर्द खुलकर छलका जिस पर चढ़ाया सियासी मुलम्मा
-कहा, एक मुख्यमंत्री प्रेशर में हाफ सेंचुरी पूरी करने से पहले ही भाग गए
, लखनऊ:...'भाग दौड़, ऊपर से हर पल प्रेशर! आप नहीं जानते, सीएम पर कैसे-कैसे प्रेशर होते हैं।Ó सियासी थपेड़ों से मुकाबिल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन जुमलों के सहारे दिल का गुबार निकाला, फिर दर्द पर सियासी मुलम्मा चढ़ाते हुए बोले-एक मुख्यमंत्री तो प्रेशर में पचासा पूरा नहीं कर सके और भाग खड़े हुए। निशाना, अरविन्द केजरीवाल की ४९ दिन की सरकार की ओर था। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को लोकसभा का चुनाव जनता लड़ाएगी। जहां भ्रष्टाचार हो रहा हो,उसका खुलासा करें, कार्रवाई होगी।
दरअसल, शहरी स्वास्थ्य मिशन की शुरूआत के लिए गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के खुले मैदान में समारोह आयोजित था। जिसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेना था, वक्त शाम चार बजे का तय था। लेकिन मुख्यमंत्री साढ़े पांच बजे वहां पहुंचे। ये ठंड का असर  था इंतजार का, पैरामेडिकल के कुछ छात्र जाने के उपक्रम में हुए....तो अधिकारियों ने उन्हें बैठा दिया। मुख्यमंत्री की बारी आयी तो उन्होंने योजना और स्वास्थ्य महकमे की तारीफ करने के बाद अपना गुबार भी निकाला। कहा कि सुबह से निकला हूं। सदन गया। वहां बलिया गया, जो बिहार की सीमा से लगा है। लौटने में थोड़ी देर हो गयी। आप नहीं जानते कि सीएम पर कितने प्रेशर होते हैं। कैसे-कैसे प्रेशर होते हैं। फिर इस दर्द को सियासी जामा पहनाते हुए बोले कि-एक मुख्यमंत्री तो प्रेशर में आधी सेंचुरी से पहले ही भाग गए। फिर छात्रों की ओर मुखातिब हुए कहा शाम होने पर चिडिय़ां भी घोसलों की ओर लौट पड़ती हैं, आप को भी देर हो रही है। ज्यादा नहीं बोलूंगा और स्वास्थ्य संदेश वाहिनी को उसकी मंजिल की ओर रवाना करने पहुंचे।
यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी को लोकसभा का चुनाव जनता लड़ाएगी। वह सब देख रही है। जहां अच्छा काम हो रहा है, उसे बताएं। जहां करप्शन हो रहा है, उसे भी उजागर करें। समाजवादी य ह मानते हैं कि खामियां सामने नहीं आएंगी तो दूर भी नहीं होगी। इसलिए करप्शन को भी  उजागर कीजिए, मगर अच्छा काम को अच्छा भी कहिए। 

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