लखनऊ. यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने सोमवार को 5 केडी स्थित अपने सरकारी आवास पर शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। सीएम ने शिक्षामित्रों को आश्वासन देते हुए कहा कि आप लोग हिम्मत मत हारें। आत्महत्या न करें। सरकार आपके एडजस्टमेंट पर विचार कर रही है। आज यूपी दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ और महाराष्ट्र से आए एक डेलिगेशन ने भी सीएम से मुलाकात की और उन्हें महाराष्ट्र के पैटर्न का कागजात सौंपा। इस बारे में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार कानून का सम्मान करती है। हम लोग शिक्षामित्रों की हरसंभव मदद करेंगे। वहीं, मानदेय के सवाल पर बताया कि कैसा मानदेय। यह अब शिक्षक है तो मानदेय क्यों।
जनहित को ध्यान में रखकर सरकार लेती है फैसले
ने कहा- परेशान न हों शिक्षामित्र, सरकार कर रही उनके भविष्य पर विचारसड़क पर उतरे हजारों शिक्षामित्र, दो महिला सहित चार हुए बेहोशहाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्र नेताओं में छिड़ी बहस, लगाए आरोप
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, हमारा यही मानना है कि जब उत्तराखंड और महाराष्ट्र में टीईटी को छूट मिल सकती है, तो यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता यह 1.72 लाख शिक्षामित्रों और उनके परिवार का मामला है। सरकार कानून, जनहित, शिक्षा, समस्याओं और दूसरे सभी पहलुओं को देखते हुए ही फैसले लेती है। वहीं, मीटिंग के बाद संघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि हम लोगों ने एक मोर्च बनाकर सीएम से मुलाकात की। सीएम के सामने सारे मुद्दे रखें गए। सीएम ने हमारी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया है।
जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन
सुनील यादव ने कहा, हमारी आगे की रणनीति यही है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा संघ के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि पहले उन्होंने हम लोगों को अनुमति दे दी थी और बाद में वह मुकुर गए। उन्होंने कहा, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए अलग नियम और यूपी के लिए अलग नियम कैसे हो सकते है बनारस में पीएम मोदी ने जो हमे आश्वासन दिया है, उस पर उन्हें अमल करते हुए काम करना चाहिए। क्योंकि जो कमी रह गई है वह राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा संघ के चलते हुए ही हुई है। हम लोग सोमवार से सकूल जाएंगे और 1 बजे स्कूल समाप्त होने के बाद बैठक करेंगे।
सीएम को सौंपे गए कागजात
महाराष्ट्र से आए एमएलसी कपिल हरिश्चंद्र पाटिल समेत 6 लोगों का दल भी मिटिंग में मौजूद था। कपिल पाटिल ने बताया कि हम लोग सीएम अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं। हर तरह से कानून का सम्मान होगा और उसके अंदर रहकर ही हल निकाला जाएगा। महारष्ट्र में जो पैर्टन इस्तेमाल किया गया था, उसकी एक कॉपी सीएम को दी गई है। उम्मीद करता हूं कि जल्द ही अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
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क्यों कैंसिल हुई अप्वाइंटमेंट
शिक्षामित्रों को अप्वाइंट करने को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है। जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की कई दिन तक दलीलें सुनीं।
किस ग्राउंड पर ऑर्डर
हाईकोर्ट ने कहा, ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता। शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है। इसलिए इनके अप्वाइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का सिलेक्शन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है।
क्या कहते हैं शिक्षामित्र
सोनभद्र में शिक्षामित्र पी.एस. खराटिया ने बताया, हाईकोर्ट का फैसला सुनने के बाद ऐसा लगा जैसे मेरी जान चली गई। कोर्ट का ये फैसला लंबे अरसे से रोजगार की आस लगाए बैठे शिक्षामित्रों पर कहर बनकर टूटा है। अप्वॉइंटमेंट कैंसिल होने से परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं, लखनऊ की शिक्षामित्र सुजाता का कहना है, कई साल से सहायक टीचर बनने की उम्मीद लगा रखी थी, कोर्ट के फैसले ने इसे एक पल में तोड़ दिया।
जनहित को ध्यान में रखकर सरकार लेती है फैसले
ने कहा- परेशान न हों शिक्षामित्र, सरकार कर रही उनके भविष्य पर विचारसड़क पर उतरे हजारों शिक्षामित्र, दो महिला सहित चार हुए बेहोशहाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षामित्र नेताओं में छिड़ी बहस, लगाए आरोप
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा, हमारा यही मानना है कि जब उत्तराखंड और महाराष्ट्र में टीईटी को छूट मिल सकती है, तो यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता यह 1.72 लाख शिक्षामित्रों और उनके परिवार का मामला है। सरकार कानून, जनहित, शिक्षा, समस्याओं और दूसरे सभी पहलुओं को देखते हुए ही फैसले लेती है। वहीं, मीटिंग के बाद संघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि हम लोगों ने एक मोर्च बनाकर सीएम से मुलाकात की। सीएम के सामने सारे मुद्दे रखें गए। सीएम ने हमारी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया है।
जंतर-मंतर पर करेंगे प्रदर्शन
सुनील यादव ने कहा, हमारी आगे की रणनीति यही है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा संघ के खिलाफ दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि पहले उन्होंने हम लोगों को अनुमति दे दी थी और बाद में वह मुकुर गए। उन्होंने कहा, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र के लिए अलग नियम और यूपी के लिए अलग नियम कैसे हो सकते है बनारस में पीएम मोदी ने जो हमे आश्वासन दिया है, उस पर उन्हें अमल करते हुए काम करना चाहिए। क्योंकि जो कमी रह गई है वह राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा संघ के चलते हुए ही हुई है। हम लोग सोमवार से सकूल जाएंगे और 1 बजे स्कूल समाप्त होने के बाद बैठक करेंगे।
सीएम को सौंपे गए कागजात
महाराष्ट्र से आए एमएलसी कपिल हरिश्चंद्र पाटिल समेत 6 लोगों का दल भी मिटिंग में मौजूद था। कपिल पाटिल ने बताया कि हम लोग सीएम अखिलेश यादव के साथ खड़े हैं। हर तरह से कानून का सम्मान होगा और उसके अंदर रहकर ही हल निकाला जाएगा। महारष्ट्र में जो पैर्टन इस्तेमाल किया गया था, उसकी एक कॉपी सीएम को दी गई है। उम्मीद करता हूं कि जल्द ही अच्छे नतीजे सामने आएंगे।
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क्यों कैंसिल हुई अप्वाइंटमेंट
शिक्षामित्रों को अप्वाइंट करने को लेकर वकीलों ने कहा था कि इनकी भर्ती अवैध रूप से हुई है। जजों ने प्राइमरी स्कूलों में शिक्षामित्रों की तैनाती बरकरार रखने और उन्हें असिस्टेंट टीचर के रूप में एडजस्ट करने के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष के वकीलों की कई दिन तक दलीलें सुनीं।
किस ग्राउंड पर ऑर्डर
हाईकोर्ट ने कहा, ये टीईटी पास नहीं हैं, इसलिए असिस्टट टीचर के पदों पर इन्हें अप्वॉइंट नहीं किया जा सकता। शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने नियम बनाकर इन्हें एडस्ट करने का फैसला लिया है। इसलिए इनके अप्वाइंटमेंट में कोई कानूनी दिक्कत नहीं है। यह भी कहा गया कि शिक्षामित्रों का सिलेक्शन प्राइमरी स्कूलों में टीचरों की कमी दूर करने के लिए किया गया है।
क्या कहते हैं शिक्षामित्र
सोनभद्र में शिक्षामित्र पी.एस. खराटिया ने बताया, हाईकोर्ट का फैसला सुनने के बाद ऐसा लगा जैसे मेरी जान चली गई। कोर्ट का ये फैसला लंबे अरसे से रोजगार की आस लगाए बैठे शिक्षामित्रों पर कहर बनकर टूटा है। अप्वॉइंटमेंट कैंसिल होने से परेशानियां बढ़ गई हैं। वहीं, लखनऊ की शिक्षामित्र सुजाता का कहना है, कई साल से सहायक टीचर बनने की उम्मीद लगा रखी थी, कोर्ट के फैसले ने इसे एक पल में तोड़ दिया।
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