1 DEC 2016
- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पूर्णकालिक शिक्षकों के 1727 पद मगर कार्यरत 661
- संविदा पर नियुक्त हैं 616 शिक्षक मगर कक्षा खत्म होते ही छोड़ देते हैं कॉलेज परिसर
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परवेज अहमद, लखनऊ : यूं तो सरकार ने चार साल में पांच नए मेडिकल कालेज खुलवा दिये, एमबीबीएस की ढेरों सीटें बढ़ा दी, दाखिला ले लिया मगर छात्रों को चिकित्सा विज्ञान की गूढ़ता कौन कहे, मानव शरीर की संरचना पढ़ाने वाले शिक्षकों का इंतजाम नहीं कर सकी है। राज्य के 15 सरकारी कॉलेजों के लिए स्वीकृत शिक्षकों के1727 पूर्णकालिक पदों में से सिर्फ 661 भरे हैं।
समाजवादी सरकार ने बांदा, बदायूं, सहारनपुर, जालौन और आजमगढ़ में नए मेडिकल कालेज शुरू किए। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने नए कॉलेजों के साथ अंबेडकरनगर, कन्नौज स्थित मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस में दाखिले की मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे एमबीबीएस की सात सौ से अधिक सीटें बढ़ गई। दाखिले भी हो गए। मगर छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। पांच नए कॉलेजों में से चार में माइक्रोबॉयोलाजी और फिजियोलॉजी जैसे प्रारम्भिक विषय भी पार्ट टाइमर पढ़ा रहे हैं। इन विषयों को ही चिकित्सा विज्ञान की नींव माना जाता है। ऐसे में इन कालेजों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों का भविष्य क्या होगा? यह सवाल चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों में चर्चा का विषय है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि पूर्णकालिक शिक्षकों के साथ संविदा पर 616 शिक्षक नियुक्त किए हैं जो छात्रों को पढ़ा रहे हैं। विभाग के इस दावे से इतर कुछ छात्रों का कहना है कि संविदा पर ऐसे शिक्षक कार्य कर रहे हैं जो रहते बड़े शहरों में रहते हैं। सुबह क्लास के बाद शाम को लौट जाते हैं। ऐसे में कुछ सवाल पूछना होता है तो अगली कक्षा का इंतजार करना होता है।
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रिक्त हैं एलएमओ के पद
एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के नियमों के मुताबिक प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एलएमओ (लेडी मेडिकल आफिसर) होना अनिवार्य है, मगर पांचों नए कॉलेजों के लिए स्वीकृत सभी पद रिक्त चल रहे हैं। अंबेडकरनगर में एलएमओ के पांच, कन्नौज में तीन, जालौन में दो, आजमगढ़ में पांच पर स्वीकृत हैं और सभी खाली हैं। जबकि बरसों पुराने गोरखपुर, झांसी, कानपुर के मेडिकल कालेजों के लिए स्वीकृत तीन-तीन पदों में से सिर्फ एक-एक पद भरा है, जिस पर प्रवक्ता स्तर के लोग तैनात हैं। ऐसे में इन कॉलेजों में पहुंचने वाले मेडिको लीगल में ढेरों दुश्वारी हो रही है।
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''सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। छोटे शहरों के कॉलेजों के लिए पूर्णकालिक शिक्षक उपलब्ध हों, इसके लिए कॉलेज परिसर में ही मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास चल रहा है। जल्द ही यह समस्या खत्म हो जाएगीÓÓ
-प्रो. वीएन त्रिपाठी, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा
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पुराने कॉलेज स्वीकृत भरे पद रिक्त पद
एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा-233 (नियमित-123, संविदा-43) 67
जीएसवीएम कॉलेज, कानपुर- 224 (नियमित-97, संविदा-51) 76
जेके कैंसर इंस्टीट्यूट, कानपुर- 13 (नियमित-03, संविदा-07) तीन
एमएलएन मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद-182(नियमित-95, संविदा-61) 26
एलएलआरएम कॉलेज, मेरठ-178 (नियमित-69, संविदा-59) 50
एमएलबी मेडिकल कॉलेज, झांसी-140 (नियमित-54, संविदा-52)34
हृदय रोग संस्थान, कानपुर-34 (नियमित-11, संविदा-05) 18
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर-126 (नियमित-71, संविदा-38) 17
एम राजकीय मेडिकल कॉलेज, अंबेडकरनगर-105 (नियमित-27, संविदा-54) 24
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नए कॉलेज स्वीकृत भरे पद रिक्त
सहारनपुर कॉलेज-94 (नियमित-14, संविदा-50)- 30
बांदा कॉलेज-49 (नियमित-07, संविदा-37)-05
कन्नौज कॉलेज-107 (नियमित-38, संविदा 47)-22
आजमगढ़ कॉलेज-100 (नियमित 29, संविदा 45) -26
जालौन कॉलेज-97 (नियमित 17,संविदा 48) -32
बदायूं कॉलेज-45(नियमित 06, संविदा 19) - 20
- सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पूर्णकालिक शिक्षकों के 1727 पद मगर कार्यरत 661
- संविदा पर नियुक्त हैं 616 शिक्षक मगर कक्षा खत्म होते ही छोड़ देते हैं कॉलेज परिसर
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परवेज अहमद, लखनऊ : यूं तो सरकार ने चार साल में पांच नए मेडिकल कालेज खुलवा दिये, एमबीबीएस की ढेरों सीटें बढ़ा दी, दाखिला ले लिया मगर छात्रों को चिकित्सा विज्ञान की गूढ़ता कौन कहे, मानव शरीर की संरचना पढ़ाने वाले शिक्षकों का इंतजाम नहीं कर सकी है। राज्य के 15 सरकारी कॉलेजों के लिए स्वीकृत शिक्षकों के1727 पूर्णकालिक पदों में से सिर्फ 661 भरे हैं।
समाजवादी सरकार ने बांदा, बदायूं, सहारनपुर, जालौन और आजमगढ़ में नए मेडिकल कालेज शुरू किए। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने नए कॉलेजों के साथ अंबेडकरनगर, कन्नौज स्थित मेडिकल कॉलेज में भी एमबीबीएस में दाखिले की मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे एमबीबीएस की सात सौ से अधिक सीटें बढ़ गई। दाखिले भी हो गए। मगर छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। पांच नए कॉलेजों में से चार में माइक्रोबॉयोलाजी और फिजियोलॉजी जैसे प्रारम्भिक विषय भी पार्ट टाइमर पढ़ा रहे हैं। इन विषयों को ही चिकित्सा विज्ञान की नींव माना जाता है। ऐसे में इन कालेजों से एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने वाले डॉक्टरों का भविष्य क्या होगा? यह सवाल चिकित्सा विज्ञान के विशेषज्ञों में चर्चा का विषय है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि पूर्णकालिक शिक्षकों के साथ संविदा पर 616 शिक्षक नियुक्त किए हैं जो छात्रों को पढ़ा रहे हैं। विभाग के इस दावे से इतर कुछ छात्रों का कहना है कि संविदा पर ऐसे शिक्षक कार्य कर रहे हैं जो रहते बड़े शहरों में रहते हैं। सुबह क्लास के बाद शाम को लौट जाते हैं। ऐसे में कुछ सवाल पूछना होता है तो अगली कक्षा का इंतजार करना होता है।
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रिक्त हैं एलएमओ के पद
एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) के नियमों के मुताबिक प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एलएमओ (लेडी मेडिकल आफिसर) होना अनिवार्य है, मगर पांचों नए कॉलेजों के लिए स्वीकृत सभी पद रिक्त चल रहे हैं। अंबेडकरनगर में एलएमओ के पांच, कन्नौज में तीन, जालौन में दो, आजमगढ़ में पांच पर स्वीकृत हैं और सभी खाली हैं। जबकि बरसों पुराने गोरखपुर, झांसी, कानपुर के मेडिकल कालेजों के लिए स्वीकृत तीन-तीन पदों में से सिर्फ एक-एक पद भरा है, जिस पर प्रवक्ता स्तर के लोग तैनात हैं। ऐसे में इन कॉलेजों में पहुंचने वाले मेडिको लीगल में ढेरों दुश्वारी हो रही है।
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''सरकार शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। छोटे शहरों के कॉलेजों के लिए पूर्णकालिक शिक्षक उपलब्ध हों, इसके लिए कॉलेज परिसर में ही मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास चल रहा है। जल्द ही यह समस्या खत्म हो जाएगीÓÓ
-प्रो. वीएन त्रिपाठी, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा
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पुराने कॉलेज स्वीकृत भरे पद रिक्त पद
एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा-233 (नियमित-123, संविदा-43) 67
जीएसवीएम कॉलेज, कानपुर- 224 (नियमित-97, संविदा-51) 76
जेके कैंसर इंस्टीट्यूट, कानपुर- 13 (नियमित-03, संविदा-07) तीन
एमएलएन मेडिकल कॉलेज, इलाहाबाद-182(नियमित-95, संविदा-61) 26
एलएलआरएम कॉलेज, मेरठ-178 (नियमित-69, संविदा-59) 50
एमएलबी मेडिकल कॉलेज, झांसी-140 (नियमित-54, संविदा-52)34
हृदय रोग संस्थान, कानपुर-34 (नियमित-11, संविदा-05) 18
बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर-126 (नियमित-71, संविदा-38) 17
एम राजकीय मेडिकल कॉलेज, अंबेडकरनगर-105 (नियमित-27, संविदा-54) 24
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नए कॉलेज स्वीकृत भरे पद रिक्त
सहारनपुर कॉलेज-94 (नियमित-14, संविदा-50)- 30
बांदा कॉलेज-49 (नियमित-07, संविदा-37)-05
कन्नौज कॉलेज-107 (नियमित-38, संविदा 47)-22
आजमगढ़ कॉलेज-100 (नियमित 29, संविदा 45) -26
जालौन कॉलेज-97 (नियमित 17,संविदा 48) -32
बदायूं कॉलेज-45(नियमित 06, संविदा 19) - 20
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