Thursday 1 December 2016

05 nov-गठबंधन की नींव, डोर मुलायम के हाथ



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- सपा रजत जयंती समारोह में भाजपा को सत्ता से दूर रखने का संकल्प

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में हार के बाद 'जनता परिवारÓ के एका और बिहार चुनाव से पूर्व आई दरार भरने की नए सिरे से पहल हुई है। शनिवार को समाजवादी पार्टी के  रजत जयंती समारोह में उत्तर प्रदेश चुनाव में गठबंधन की तामीर का जिम्मा मुलायम सिंह यादव को सौंपा गया।
जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित समारोह में जनतादल (एस) के एचडी देवगौड़ा, राष्ट्रीय लोकदल के अजित सिंह, जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव, राजद प्रमुख लालू यादव व इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला ने देश की सत्ता से भाजपा को खदेडऩे की शुरुआत उत्तर प्रदेश से करने के लिए एकजुटता पर जोर दिया। मुलायम सिंह यादव को गठबंधन तैयार करने का जिम्मा भी सौंपा गया। मंच पर लगी मुख्य होर्डिंग में डा.राममनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और जयप्रकाश नारायण के चित्र भी चुनावी गठबंधन की मंशा का इशारा कर रहे थे। हालांकि जनता दल (यू) अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समारोह में शामिल न होना गठबंधन की तस्वीर को धुंधला कर रहा था मगर उनका प्रतिनिधित्व कर रहे शरद यादव ने सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए समाजवादी पार्टी में एकजुटता के साथ समान विचारधारा वाले अन्य दलों को जोडऩे पर बल दिया। उनका कहना था कि बड़ी पार्टी होने के नाते मुलायम की जिम्मेदारी बनती है कि वह जोडऩे का दायित्व निभाएं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने स्वागत भाषण में ही गठबंधन की चर्चा की और लोहियावादी, जेपी, गांधी और चरणसिंह समर्थकों की एकजुटता जरूरी बताते हुए कहा कि धर्म निरपेक्ष विचाराधाओं को एक साथ खड़े होने की जरूरत है। किसानों, गरीबों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ों की लड़ाई लडऩे के लिए एक जुट होना पड़ेगा। शिवपाल की पहल का समर्थन करते हुए रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने पुराने रिश्तों की याद ताजा कराते हुए कहा कि मुलायम ने सपा को मजबूत करने के लिए जितना पसीना बहाया उसी तरह शुरूआती दौर में लोकदल को भी मजबूत किया था। अब वक्त आ गया जब मुजफ्फरनगर व बिजनौर जैसे दंगे और कैराना जैसे मुद्दे उछाल कर समाज को बांटने वालों का मुकाबला किया जाए। उन्होंने कहा  वर्ष 2017 में भाजपा को न हराया तो 2019 में भी मुश्किल होगी। उन्होंने मुलायम की ओर इशारा करते हुए गठबंधन के प्रयास को आगे बढ़ाने को भी कहा। जद (यू) सांसद शरद यादव ने भी सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एकजुटता को जरूरी बताया। शरद की चिंता समाजवादी परिवार में जारी तकरार को लेकर भी दिखी, कहा कि पुरानी बातें भूल कर एकता बनायी जानी चाहिए। सब दिल बड़ा कर एक होंगे तो केंद्र की भाजपा सरकार को बदला जा सकेगा। वहीं, राजद अध्यक्ष लालू यादव की भूमिका एक कदम आगे की दिखी। उन्होंने वोटों का विभाजन रोकने के लिए 2017 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार न उतराने का एलान किया। इशारों में भाजपाइयों को 'रंगा सियारÓ बता कर प्रदेश से बाहर से करने की अपील की। इनेलो(इंडियन नेशनल लोकदल) के अभय चौटाला ने हरियाणा की भाजपा व कांग्रेस सरकारों के जनविरोधी काम का हवाला देते हुए प्रदेश में संभावित गठबंधन को ताकत देने का आश्वासन भी दिया। मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने भी मुलायम से गठजोड़ तैयार करने को कहा, जिसकी राष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका हो।
गैर भाजपा, कांग्रेस दल की ओर से गठबंधन तामीर करने का जिम्मा सौंपे जाने के बाद खड़े हुए मुलायम ने भी स्वीकारा कि जिस तरह की चुनौतियां है, उसमें सब का साथ लिए बिना सरकार नहीं बनाई जा सकती है, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि गैर बराबरीवाद को खत्म करने के लिए भी गठबंधन की जरूरत है।
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इनसेट.....
मगर चुप रहे अखिलेश
विधानसभा चुनाव में जनता परिवार के पुराने सदस्यों की ओर से गठबंधन की तामीर का जिम्मा मुलायम सिंह यादव को सौंपा गया, मगर समाजवादी पार्टी के चेहरा और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पर चुप्पी साधे रखी। गठबंधन के सवाल पर वह पहले भी कह चुके हैं कि अपने काम के बल पर वोट मांगने के लिए रथ पर सवार हो गए हैं और बाकी काम पार्टी को करना है। नेताजी (मुलायम) का जो फैसला होगा, वह अंतिम होगा। शनिवार मंच पर गठनबंधन की तामीर की आवाज बुलंद होने के दौर में भी अखिलेश खामोश ही बने रहे जिसके कई मायने निकाले जा रहे।


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खून की कुर्बानी और तलवार की धार!
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कामन इंट्रो
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समाजवादी पार्टी में कलह-सुलह के प्रयासों के बीच शनिवार को जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित रजत जयंती समारोह में सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जहां कहा कि लाख अपमान के बाद भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जो चाहिए मांग लें हर कुर्बानी को तैयार हूं, मगर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का अपमान बर्दाश्त न होगा, वहीं पहले से नरम अखिलेश ने कहा कि तलवार थमाते हैं और चलाने भी नहीं देते? अब तलवार मिली है तो चलाऊंगा, इससे संकेत साफ है कि एकता की दुहाई के बावजूद दो पीढिय़ों में अधिकारों का संग्र्राम थमा नहीं है।
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खून मांगों गे तो वह भी दे दूंगा: शिवपाल

लखनऊ: शनिवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि मैं, अखिलेश जी से कहना चाहता हूं कि मुझे मुख्यमंत्री कभी नहीं बनना। कितना भी मेरा अपमान कर लेना, कितनी बार मुझे बर्खास्त कर लेना, इसका कोई दर्द नहीं है। जो भी जिम्मेदारी दी, उसे निभाया। अब भी जो चाहना मांग लेना, यहां तक कि खून मांगोगे तो खून भी दे देंगे। मैंने लगातार सहयोग किया है। भावनाओं की लहरों पर सवार शिवपाल ने कहा कि सरकार ने अच्छा काम किया है। मगर चार सालों में मेरे विभाग ने आपके विभागों से कम अच्छा काम नहीं किया। मैं, जानबूझकर कहना चाहता हूं कि राजस्व संहिता में अधिकारियों ने बहुत रोड़े अटकाए, यह काम तीन माह में होना चाहिए थे, वर्षों लग गए। दो साल में 42 नयी तहसीलें बनायी हैं।
शिवपाल फिर रौ में आए और कहा कि हम जानते हैं कि हम लोगों के बीच कुछ घुसपैठिये बैठ गए हैं, वे ऐसा माहौल पैदा करते रहते हैं। उनसे सावधान रहो। नेताजी का अपमान हम और यूपी के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री जी इस कार्यक्रम में हम आपका दिल की गहराइयों से स्वागत करते हैं। मेरा भी संघर्ष के दिनों में बहुत सहयोग है, मैने भी बड़े जोखिम लिए हैं। जब मैंने कहा था कि कुछ लोगों को भाग्य से मिल जाता है। कुछ लोगों को मेहनत से मिलता है। कुछ को विरासत में मिल जाता है और कुछ लोग जिंदगी भर काम करकेमर जाते हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलता, यह बात आपको बुरी लगी। क्या यह ठीक नहीं थी? सपा में बहुत से उपेक्षित लोग हैं। कुछ लोगों ने चापलूसी कर सरकार का मजा लूटा।
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मेरी भी सुनेंगे सब बिगडऩे के बाद: अखिलेश

 लखनऊ : यह विधानसभा चुनाव की करीब आती डुगडुगी का असर है या फिर मुलायम का 'दबावÓ सब ठीक होने का संदेश दे रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने  पार्टी का नुकसान हो जाने की बात  इशारे में करते हुए कहा कि 'मेरी भी कुछ लोग सुनेंगे जरूर मगर समाजवादी पार्टी का सब कुछ बिगड़ जाने के बादÓ।
सवाल किया कि कौन नहीं चाहता है कि सरकार बने। हमारे वरिष्ठ पार्टी के नेता, नौजवान भी भाजपा, बसपा से लड़ें हैं। युवा ब्रिगेड की पैरवी करते हुए कहा कि मैं, नहीं कहता कि पंडाल में बैठे किसी व्यक्ति की परीक्षा की जरूरत है, मैं परीक्षा देने को तैयार हूं। फिर थोड़ा तंजिया अंदाज में कहा कि आप लोग हमे तलवार भेंट में देते हो और कहते हो कि तलवार न चलाऊ, फिर जोड़ा कि अगर तलवार मिलेगी तो चलाऊंगा ही। यादव ने यह भी कहा कि हम यह नहीं कहते कि मेरी वजह से समाजवादी पार्टी सत्ता में आई है। सच यह है कि यहां मौजूद लोगों की मेहनत और सहयोग से सरकार बनी है। बोले-मैं और सवालों के जवाब नहीं देना चाहता मगर लोगों का आह्वïान करना चाहता हूं कि 2017 में प्रदेश में सपा की सरकार लाने का संकल्प लेकर जाना है और 2019 में भी देश में समाजवादियों की सरकार बनवाने के लिए जुटना है। हमें कितनी भी मेहनत करनी पड़े, हम सरकार बनाने के लिए काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी पार्टी को बधाई देना चाहता हूं। नेताजी (मुलायम) और उनके तमाम साथियों को बधाई देना चाहता हूं कि संघर्ष के कठिन और ऊबड़-खाबड़ रास्तों को तय करके शानदार समाजवादी पार्टी खड़ी की है। आने वाला चुनाव भारत का भविष्य तय करेगा। भाजपा को सूबे से 70 से ज्यादा सांसद मिले मगर उन्होंने प्रदेश के लिए कुछ नहीं किया। भाजपा ने समाज में खाई पैदा की है। सौहार्द बिगाडऩे के तमाम बिन्दु खड़े किये क्योकि उनकी सत्ता का रास्ता वहीं से निकलता है। यादव ने कहा हम भरोसा दिलाते हैं कि सत्ता में वापस आएंगे और ऐसी ताकतों को बढऩे नहीं देंगे। इस सरकार ने तमाम योजनाओं से देश में उदाहरण रखे हैं। यह सही है कि समाजवादियों को अंग्रेजी और कम्प्यूटर के खिलाफ माना जाता था, 2011 में चुनाव की शुरुआत होने वाली थी, तब हमने विज्ञापन दिया था कि हम अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं है, मगर उससे हमारी अपनी भाषाएं दब जाएंगी तो हम इसका विरोध करेंगे।

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