१-०४-२०१६
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अपडेट:मुस्लिमों के सहारे असम में जमीन की तलाश
ध्यानार्थ: इन्ट्रो में बदलाव किया गया है।
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-सपा ने 15 प्रत्याशी उतारे, इनमें 12 मुस्लिम
-प्रचार के लिए जाएंगे आठ मुस्लिम मंत्री
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार चला रही समाजवादी पार्टी (सपा) अब असम में सियासी जमीन तैयार करने में जुट गयी है। राज्य की मुस्लिम बहुल सीटों में से 12 पर न सिर्फ प्रत्याशी उतारे हैं बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रमुख मुलायम सिंह और राज्य के आठ मुस्लिम मंत्रियों को स्टार प्रचारक नियुक्त किया है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में भी असम की 26 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, मगर तब पार्टी के रणनीतिकार उत्तर प्रदेश की चुनावी तैयारी में ही जुटे थे, लिहाजा वहां कोई भी प्रचार करने नहीं गया था। बावजूद इसके पार्टी को तीन फीसद वोट मिले थे। इस बार सपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में है और नेतृत्व सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की मुहिम में जुटा है। असम की मुस्लिम बहुल सीटों में से 12 पर प्रत्याशी उतराने और उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाने के पीछे यही रणनीति मानी जा रही है। पार्टी ने कुल 15 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रत्याशियों की क्षेत्रीय पकड़ दिखी और सपा के नाम पर मुस्लिम वोटों में बंटवारा हुआ तो भाजपा को उसका फायदा भी हो सकता है।
सपा के स्टार प्रचारकों में मोहम्मद आजम खां व श्रम मंत्री शाहिद मंजूर का नाम सबसे ऊपर है जिन्हें मुस्लिमों का अलंबरदार माना जाता है। इनके अलावा मंत्री अहमद हसन, इकबाल महमूद, कमाल अख्तर, महबूब अली, वसीम अहमद, सांसद मुनव्वर सलीम, युवाजन सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफीस अहमद, महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी, राष्ट्रीय महसचिव मौलाना यासीन अली उस्मानी का नाम शामिल है। इससे इतर आरक्षित वर्ग खासकर पिछड़ों को लुभाने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा को असम में कैम्प करने का निर्देश दिया गया है। उनके साथ राज्यसभा सदस्य विशंभर निषाद को भी लगाया गया है। पार्टी ने चुनावी अभियान की कमान महासचिव किरनमय नंदा को सौंपी है। जरूरत पडऩे पर मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की जनसभा कराने की बात भी कही गयी है।
असम के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज रशीद अहमद चौधरी ने फोन पर बताया कि इस बार न सिर्फ पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा बल्कि पार्टी कुछ सीटें भी जीतेगी। पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि देश के सबसे बड़े सूबे की जनता ने सपा को बहुमत दिया है, दूसरे राज्यों में भी यहां के विकास कार्यों की जानकारी दी जा रही है। इसका फायदा उन राज्यों में भी मिलेगा।
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२-०५-२०१६
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सपा ने भी किया 'गांव की ओरÓ रुख
-साइकिलयात्रियों के साथ रात्रि पंचायत में जाएं बड़े नेता
-केंद्र की वादाखिलाफी के साथ गिनाएं सपा की योजनाएं
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लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ग्रामोदय अभियान के जवाब में समाजवादी पार्टी ने मंत्रियों, विधायकों व पूर्व सांसदों के साथ 'गांव की ओरÓ रुख करने का फैसला लिया है। पार्टी ने नेताओं से साइकिल यात्रियों द्वारा आयोजित रात्रि पंचायत में हिस्सा लेने का हुक्म दिया है।
समाजवादी पार्टी को ग्रामीण क्षेत्रों में पैठ वाला दल माना जाता रहा है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने पार्टी को 'मार्डन नजरियाÓ दिया और जिसका नतीजा विधानसभा में पूर्ण बहुमत के रूप के सामने आया। अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हुई तो केन्द्र सरकार ने 'ग्रामोदय से भारत उदयÓ अभियान का एलान किया। भाजपा इस अभियान की हमसफर बन गयी। इससे चौकन्ना समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों ने भी कार्यकर्ताओं को गांव-गिरांव का रुख करने का हुक्म सुनाया है।
रविवार से शुरू हुई प्रदेशव्यापी साइकिल यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं को गांव में रात्रि पंचायत लगाने को कहा गया है। पार्टी नेतृत्व ने राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों को भी पंचायतों में शामिल होने की हिदायत दी है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रात्रि पंचायत में केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यो की तुलना करने का कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है। कहा गया है कि काला धन वापस नहीं होने, सबके खाते में 15 लाख आने का वादा झूठा होने, महंगाई बढऩे के लिए केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाए और राज्य की समाजवादी पेंशन योजना, बुंदेलखण्ड में तीन माह मुफ्त खाद्यान्न वितरण, एक्सप्रेसवे, एम्बुलेंस सेवा 108-102 के बारे में विस्तार से बताया जाये। पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश सचिव व एमएलसी एसआरएस यादव को समन्वय बनाने का जिम्मा सौंपा है।
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जनता ने भी चलायी साइकिल
सपा प्रवक्ता व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि कड़ी धूप के बावजूद आगरा, इलाहाबाद, झांसी, सहारनपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, मीरजापुर, फैजाबाद, बलरामपुर, बस्ती, रायबरेली, कानपुर, सुलतानपुर, बहराइच में साइकिल यात्रा में जनता भी शामिल हुई। लखनऊ में महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष व लखनऊ पूर्व की प्रत्याशी डॉ.श्वेता सिंह व कैन्ट की प्रत्याशी अपर्णा यादव ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में साइकिल चलायी। ग्राम्य विकास मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने साइकिल यात्रियों को रवाना किया और अपने क्षेत्र रामनगर में रात्रि चौपाल लगायी।
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३.-०५.२०१६
आयोग भी जुटा चुनावी तैयारी में
-जर्जर, ध्वस्त मतदान केन्द्रों का ब्यौरा मांगा
-राजनीतिक दलों की सहमति से नए प्रस्ताव मांगे
लखनऊ : चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव-2017 के इम्तिहान की तैयारी शुरू कर दी है। जिला निर्वाचन अधिकारियों को जर्जर या ध्वस्त हो चुके मतदान केन्द्रों का ब्योरा जुटाने और राजनीति दलों के क्षेत्रीय नुमाइंदों के साथ बैठक कर नये केन्द्रों का 30 जून तक प्रस्ताव आयोग को भेजने को कहा गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है, सियासी दलों ने अपने लश्कर और तरकश दुरुस्त करने शुरू कर दिये हैं तो चुनाव आयोग भी पीछ नहीं है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंहल ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से उनके क्षेत्र में ध्वस्त, जर्जर मतदान केन्द्रों की ब्यौरा तैयार करने और विकल्प के रूप में नए केन्द्रों का प्रस्ताव बनाने का हिदायत दी है।
जिला निर्वाचन अधिकारियों से गया है कि नए मतदान केन्द्रों का प्रस्ताव तैयार करने से पहले सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय नुमाइंदों के साथ संयुक्त बैठक की जाये और आम सहमति सेमतदान केन्द्रों का चयन किया जाए। 30 जून तक प्रस्ताव आयोग को भेजने को कहा गया है। आयोग अधिकारियों का कहना है कि पांच सालों में कई मतदान केन्द्र गिर जाते हैं। कई भवन का विस्तार हो जाता है, ऐसे में चुनाव से पहले की यह सामान्य कवायद होती है। नए मतदान केन्द्रों का प्रस्ताव आने पर उसे केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाता है।
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-अभी पोलिंग बूथों की संख्या-1,40,259
-पोलिंग स्टेशनों की संख्या-89,377
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०४.०५.२०१६
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एक मतदान केन्द्र पर सिर्फ दो बूथ होंगे
-चुनाव आयोग ने शुरू की कवायद
-अभी दो से अधिक बूथ बनते रहे हैं
लखनऊ : चुनाव आयोग एक मतदान केन्द्र पर सिर्फ दो बूथ बनाने की कवायद में जुट गया है। अभी एक केन्द्र पर दो से अधिक बूथ बनते रहे हैं। इस प्रयास के पीछे मतदान के दौरान सुरक्षा पुख्ता करने की मंशा है।
विधानसभा के चुनाव की कुछ माह के अंदर उल्टी गिनती शुरू होगी, लिहाज चुनाव आयोग अभी से अपनी तैयारी में जुट गया है। इस बार एक मतदान केन्द्र पर अधिकतम दो बूथ बनाने की कवायद शुरू की गयी है। दरअसल, 15 सौ मतदाता पर एक बूथ बनाने का नियम है, राज्य में तकरीबन तीन हजार ऐसे मतदान केन्द्र हैं, जहां एक बूथ पर 15 दूसरे पर आठ सौ मतदाता हैं। यानी एक बूथ में कम और दूसरे में काफी ज्यादा मतदाता हैं, लिहाजा ऐसे केन्द्रों पर आयोग तीन बूथ बनाने की इजाजत देता रहा है, इस बार एक मतदान केन्द्र पर दो से अधिक बूथ नहीं बनाने की हिदायत दी गयी है यदि तीसरा बूथ बनाने के सिवाय विकल्प नहीं होने पर उसका कारण भी स्पष्ट करना होगा।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि एक मतदान केन्द्र के जिन दो बूथों में मतदाताओं की संख्या में अंतर है, वहां मतदाता संख्या का समान बंटवारा कर दिया जाएगा। इससे तीसरा बूथ बनाने की जरूरत खत्म हो जाएगा। इससे चुनाव में संसाधन कम होगा। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सकेगी। आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से ऐसे केन्द्रों का ब्यौरा मांगा है। ध्यान रहे, गत दिनों चुनाव आयोग जिला निर्वाचन अधिकारियों को पांच सालों के अंतराल में जर्जर या ध्वस्त हो गए मतदान केन्द्रों का ब्यौरा तैयार करने की हिदायत दी है। ताकि ऐसे मतदान केन्द्रों में बदलाव किया जा सके।
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२२.०४.२०१६
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नजर में रहेंगी बूथ कमेटियां
-अब हर दो माह में होगी राज्य कार्य कारिणी की बैठक
-अखिलेश यादव चेहरा होंगे और शिवपाल संगठन संभालेंगे
lucknow : समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनावी अभियान का रंग धीरे-धीरे चटक हो रहा है। हारी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा फिर एक अप्रत्याशित फैसले में प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति के बाद अब मुलायम सिंह यादव बूथ कमेटियों के गठन की निगरानी भी करेंगे। और हर दो माह पर राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी। सपा छह माह से 'एक बूथ-बीस यूथÓ की रणनीति पर चल रही है।
सपा अपने प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि व प्रदेश प्रभारी शिवपाल यादव की संगठनात्मक क्षमता के बूते विधानसभा-2017 के चुनावी मैदान में कूदने की रणनीति तैयार कर रही है। कुछ माह पहले शुरू हुए एक बूथ पर बीस यूथ की योजना पर अमल की समीक्षा भी शुरू हो गयी है। प्रभारी नियुक्त होने के बाद शिवपाल यादव ने जिलाध्यक्षों को एक पखवारे के अंदर बूथ कमेटियों के गठन का कार्य पूरा करने की हिदायत दी है। पदाधिकारियों को बताया गया है कि चुनावी साल में पार्टी पूर्व की भांति दो माह पर राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करेगी, जिसमें अपनी चुनावी तैयारियों व विपक्ष की रणनीति पर चर्चा होगी। इसमें सामने आयी जानकारी उसी दिन जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष व महामंत्रियों के साथ साझा की जाएगी। बैठक को मुलायम सिंह यादव भी संबोधित किया करेंगे।
सपा के लोगों का दावा है कि मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश की छवि साफ-सुथरी है, लिहाजा उन्हें विकास की राह पर ही चलते रहने का मंत्र दिया गया है, जबकि शिवपाल को विपक्ष के हमले पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के साथ संगठन को सक्रिय बनाने का दायित्व दिया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनावी कार्यो में विभाजन के बाद भी मुलायम खुद बूथ कमेटियों की समीक्षा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बीते सप्ताह में दो बार मुलायम ने दाधिकारियों से बूथ कमेटियों की तैयारियों की जानकारी ली है। जिलाध्यक्षों को भी वह लगातार चेता रहे हैं कि अगर एक भी बूथ कमेटी फर्जी मिली को उसी समय अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी, उसके परिणाम चाहे जो हों। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि पार्टी का संगठन सबसे बड़ा है, बूथ कमेटियों के गठन का कार्य पूरा हो गया है। कार्यकर्ता उत्साह में है। इन्ही कार्यकर्ताओं के बल समाजवादी पार्टी की सरकार रिपीट होगी।
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अपडेट:मुस्लिमों के सहारे असम में जमीन की तलाश
ध्यानार्थ: इन्ट्रो में बदलाव किया गया है।
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-सपा ने 15 प्रत्याशी उतारे, इनमें 12 मुस्लिम
-प्रचार के लिए जाएंगे आठ मुस्लिम मंत्री
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार चला रही समाजवादी पार्टी (सपा) अब असम में सियासी जमीन तैयार करने में जुट गयी है। राज्य की मुस्लिम बहुल सीटों में से 12 पर न सिर्फ प्रत्याशी उतारे हैं बल्कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रमुख मुलायम सिंह और राज्य के आठ मुस्लिम मंत्रियों को स्टार प्रचारक नियुक्त किया है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में भी असम की 26 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, मगर तब पार्टी के रणनीतिकार उत्तर प्रदेश की चुनावी तैयारी में ही जुटे थे, लिहाजा वहां कोई भी प्रचार करने नहीं गया था। बावजूद इसके पार्टी को तीन फीसद वोट मिले थे। इस बार सपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में है और नेतृत्व सपा को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की मुहिम में जुटा है। असम की मुस्लिम बहुल सीटों में से 12 पर प्रत्याशी उतराने और उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मंत्रियों को स्टार प्रचारक बनाने के पीछे यही रणनीति मानी जा रही है। पार्टी ने कुल 15 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रत्याशियों की क्षेत्रीय पकड़ दिखी और सपा के नाम पर मुस्लिम वोटों में बंटवारा हुआ तो भाजपा को उसका फायदा भी हो सकता है।
सपा के स्टार प्रचारकों में मोहम्मद आजम खां व श्रम मंत्री शाहिद मंजूर का नाम सबसे ऊपर है जिन्हें मुस्लिमों का अलंबरदार माना जाता है। इनके अलावा मंत्री अहमद हसन, इकबाल महमूद, कमाल अख्तर, महबूब अली, वसीम अहमद, सांसद मुनव्वर सलीम, युवाजन सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफीस अहमद, महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबु आसिम आजमी, राष्ट्रीय महसचिव मौलाना यासीन अली उस्मानी का नाम शामिल है। इससे इतर आरक्षित वर्ग खासकर पिछड़ों को लुभाने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा को असम में कैम्प करने का निर्देश दिया गया है। उनके साथ राज्यसभा सदस्य विशंभर निषाद को भी लगाया गया है। पार्टी ने चुनावी अभियान की कमान महासचिव किरनमय नंदा को सौंपी है। जरूरत पडऩे पर मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव की जनसभा कराने की बात भी कही गयी है।
असम के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज रशीद अहमद चौधरी ने फोन पर बताया कि इस बार न सिर्फ पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ेगा बल्कि पार्टी कुछ सीटें भी जीतेगी। पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि देश के सबसे बड़े सूबे की जनता ने सपा को बहुमत दिया है, दूसरे राज्यों में भी यहां के विकास कार्यों की जानकारी दी जा रही है। इसका फायदा उन राज्यों में भी मिलेगा।
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२-०५-२०१६
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सपा ने भी किया 'गांव की ओरÓ रुख
-साइकिलयात्रियों के साथ रात्रि पंचायत में जाएं बड़े नेता
-केंद्र की वादाखिलाफी के साथ गिनाएं सपा की योजनाएं
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लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ग्रामोदय अभियान के जवाब में समाजवादी पार्टी ने मंत्रियों, विधायकों व पूर्व सांसदों के साथ 'गांव की ओरÓ रुख करने का फैसला लिया है। पार्टी ने नेताओं से साइकिल यात्रियों द्वारा आयोजित रात्रि पंचायत में हिस्सा लेने का हुक्म दिया है।
समाजवादी पार्टी को ग्रामीण क्षेत्रों में पैठ वाला दल माना जाता रहा है। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने पार्टी को 'मार्डन नजरियाÓ दिया और जिसका नतीजा विधानसभा में पूर्ण बहुमत के रूप के सामने आया। अब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू हुई तो केन्द्र सरकार ने 'ग्रामोदय से भारत उदयÓ अभियान का एलान किया। भाजपा इस अभियान की हमसफर बन गयी। इससे चौकन्ना समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों ने भी कार्यकर्ताओं को गांव-गिरांव का रुख करने का हुक्म सुनाया है।
रविवार से शुरू हुई प्रदेशव्यापी साइकिल यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं को गांव में रात्रि पंचायत लगाने को कहा गया है। पार्टी नेतृत्व ने राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों को भी पंचायतों में शामिल होने की हिदायत दी है। सपा के प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रात्रि पंचायत में केन्द्र व राज्य सरकार के कार्यो की तुलना करने का कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है। कहा गया है कि काला धन वापस नहीं होने, सबके खाते में 15 लाख आने का वादा झूठा होने, महंगाई बढऩे के लिए केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाए और राज्य की समाजवादी पेंशन योजना, बुंदेलखण्ड में तीन माह मुफ्त खाद्यान्न वितरण, एक्सप्रेसवे, एम्बुलेंस सेवा 108-102 के बारे में विस्तार से बताया जाये। पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश सचिव व एमएलसी एसआरएस यादव को समन्वय बनाने का जिम्मा सौंपा है।
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जनता ने भी चलायी साइकिल
सपा प्रवक्ता व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि कड़ी धूप के बावजूद आगरा, इलाहाबाद, झांसी, सहारनपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़, मीरजापुर, फैजाबाद, बलरामपुर, बस्ती, रायबरेली, कानपुर, सुलतानपुर, बहराइच में साइकिल यात्रा में जनता भी शामिल हुई। लखनऊ में महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष व लखनऊ पूर्व की प्रत्याशी डॉ.श्वेता सिंह व कैन्ट की प्रत्याशी अपर्णा यादव ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में साइकिल चलायी। ग्राम्य विकास मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने साइकिल यात्रियों को रवाना किया और अपने क्षेत्र रामनगर में रात्रि चौपाल लगायी।
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३.-०५.२०१६
आयोग भी जुटा चुनावी तैयारी में
-जर्जर, ध्वस्त मतदान केन्द्रों का ब्यौरा मांगा
-राजनीतिक दलों की सहमति से नए प्रस्ताव मांगे
लखनऊ : चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव-2017 के इम्तिहान की तैयारी शुरू कर दी है। जिला निर्वाचन अधिकारियों को जर्जर या ध्वस्त हो चुके मतदान केन्द्रों का ब्योरा जुटाने और राजनीति दलों के क्षेत्रीय नुमाइंदों के साथ बैठक कर नये केन्द्रों का 30 जून तक प्रस्ताव आयोग को भेजने को कहा गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय धीरे-धीरे करीब आ रहा है, सियासी दलों ने अपने लश्कर और तरकश दुरुस्त करने शुरू कर दिये हैं तो चुनाव आयोग भी पीछ नहीं है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अरुण सिंहल ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से उनके क्षेत्र में ध्वस्त, जर्जर मतदान केन्द्रों की ब्यौरा तैयार करने और विकल्प के रूप में नए केन्द्रों का प्रस्ताव बनाने का हिदायत दी है।
जिला निर्वाचन अधिकारियों से गया है कि नए मतदान केन्द्रों का प्रस्ताव तैयार करने से पहले सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय नुमाइंदों के साथ संयुक्त बैठक की जाये और आम सहमति सेमतदान केन्द्रों का चयन किया जाए। 30 जून तक प्रस्ताव आयोग को भेजने को कहा गया है। आयोग अधिकारियों का कहना है कि पांच सालों में कई मतदान केन्द्र गिर जाते हैं। कई भवन का विस्तार हो जाता है, ऐसे में चुनाव से पहले की यह सामान्य कवायद होती है। नए मतदान केन्द्रों का प्रस्ताव आने पर उसे केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दिया जाता है।
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-अभी पोलिंग बूथों की संख्या-1,40,259
-पोलिंग स्टेशनों की संख्या-89,377
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०४.०५.२०१६
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एक मतदान केन्द्र पर सिर्फ दो बूथ होंगे
-चुनाव आयोग ने शुरू की कवायद
-अभी दो से अधिक बूथ बनते रहे हैं
लखनऊ : चुनाव आयोग एक मतदान केन्द्र पर सिर्फ दो बूथ बनाने की कवायद में जुट गया है। अभी एक केन्द्र पर दो से अधिक बूथ बनते रहे हैं। इस प्रयास के पीछे मतदान के दौरान सुरक्षा पुख्ता करने की मंशा है।
विधानसभा के चुनाव की कुछ माह के अंदर उल्टी गिनती शुरू होगी, लिहाज चुनाव आयोग अभी से अपनी तैयारी में जुट गया है। इस बार एक मतदान केन्द्र पर अधिकतम दो बूथ बनाने की कवायद शुरू की गयी है। दरअसल, 15 सौ मतदाता पर एक बूथ बनाने का नियम है, राज्य में तकरीबन तीन हजार ऐसे मतदान केन्द्र हैं, जहां एक बूथ पर 15 दूसरे पर आठ सौ मतदाता हैं। यानी एक बूथ में कम और दूसरे में काफी ज्यादा मतदाता हैं, लिहाजा ऐसे केन्द्रों पर आयोग तीन बूथ बनाने की इजाजत देता रहा है, इस बार एक मतदान केन्द्र पर दो से अधिक बूथ नहीं बनाने की हिदायत दी गयी है यदि तीसरा बूथ बनाने के सिवाय विकल्प नहीं होने पर उसका कारण भी स्पष्ट करना होगा।
आयोग के अधिकारियों का कहना है कि एक मतदान केन्द्र के जिन दो बूथों में मतदाताओं की संख्या में अंतर है, वहां मतदाता संख्या का समान बंटवारा कर दिया जाएगा। इससे तीसरा बूथ बनाने की जरूरत खत्म हो जाएगा। इससे चुनाव में संसाधन कम होगा। सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सकेगी। आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से ऐसे केन्द्रों का ब्यौरा मांगा है। ध्यान रहे, गत दिनों चुनाव आयोग जिला निर्वाचन अधिकारियों को पांच सालों के अंतराल में जर्जर या ध्वस्त हो गए मतदान केन्द्रों का ब्यौरा तैयार करने की हिदायत दी है। ताकि ऐसे मतदान केन्द्रों में बदलाव किया जा सके।
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२२.०४.२०१६
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नजर में रहेंगी बूथ कमेटियां
-अब हर दो माह में होगी राज्य कार्य कारिणी की बैठक
-अखिलेश यादव चेहरा होंगे और शिवपाल संगठन संभालेंगे
lucknow : समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनावी अभियान का रंग धीरे-धीरे चटक हो रहा है। हारी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा फिर एक अप्रत्याशित फैसले में प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति के बाद अब मुलायम सिंह यादव बूथ कमेटियों के गठन की निगरानी भी करेंगे। और हर दो माह पर राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी। सपा छह माह से 'एक बूथ-बीस यूथÓ की रणनीति पर चल रही है।
सपा अपने प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की छवि व प्रदेश प्रभारी शिवपाल यादव की संगठनात्मक क्षमता के बूते विधानसभा-2017 के चुनावी मैदान में कूदने की रणनीति तैयार कर रही है। कुछ माह पहले शुरू हुए एक बूथ पर बीस यूथ की योजना पर अमल की समीक्षा भी शुरू हो गयी है। प्रभारी नियुक्त होने के बाद शिवपाल यादव ने जिलाध्यक्षों को एक पखवारे के अंदर बूथ कमेटियों के गठन का कार्य पूरा करने की हिदायत दी है। पदाधिकारियों को बताया गया है कि चुनावी साल में पार्टी पूर्व की भांति दो माह पर राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करेगी, जिसमें अपनी चुनावी तैयारियों व विपक्ष की रणनीति पर चर्चा होगी। इसमें सामने आयी जानकारी उसी दिन जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष व महामंत्रियों के साथ साझा की जाएगी। बैठक को मुलायम सिंह यादव भी संबोधित किया करेंगे।
सपा के लोगों का दावा है कि मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश की छवि साफ-सुथरी है, लिहाजा उन्हें विकास की राह पर ही चलते रहने का मंत्र दिया गया है, जबकि शिवपाल को विपक्ष के हमले पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के साथ संगठन को सक्रिय बनाने का दायित्व दिया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चुनावी कार्यो में विभाजन के बाद भी मुलायम खुद बूथ कमेटियों की समीक्षा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बीते सप्ताह में दो बार मुलायम ने दाधिकारियों से बूथ कमेटियों की तैयारियों की जानकारी ली है। जिलाध्यक्षों को भी वह लगातार चेता रहे हैं कि अगर एक भी बूथ कमेटी फर्जी मिली को उसी समय अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी, उसके परिणाम चाहे जो हों। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि पार्टी का संगठन सबसे बड़ा है, बूथ कमेटियों के गठन का कार्य पूरा हो गया है। कार्यकर्ता उत्साह में है। इन्ही कार्यकर्ताओं के बल समाजवादी पार्टी की सरकार रिपीट होगी।
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