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-सपा के राज्यसभा प्रत्याशियों में सभी करोड़पति
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राज्यसभा के उम्मीदवारों में अमर सिंह सबसे अमीर हैं जबकि संजय सेठ के पास कार नहीं है। अमर सिंह के पास 131 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है जबकि संजय सेठ के पास तकरीबन 67 करोड़ रुपये संपत्ति है। बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन करने वाले सातों प्रत्याशी करोड़पति हैं।
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दो साल में अमर की संपत्ति बढ़ी 35 करोड़
अमर सिंह की संपत्ति गत दो वर्ष में 96.16 करोड़ रुपये से बढ़कर 131.2 करोड़ रुपये हो गयी है। अमर सिंह से अधिक संपत्ति पत्नी पंकजा कुमारी सिंह के पास दर्शायी है। नामांकन पत्र दाखिल करते समय अमर सिंह के पास कुल 62.50 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति दर्शायी गयी है तो पत्नी के पास 68.52 करोड़ रुपये की संपत्ति होना बताया गया। वर्ष 2014 में अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था तब उन्होंने अपने पास 56.16 करोड़ तथा पत्नी के पास 40 करोड़ रुपये की चल अचल संपत्ति हलफनामे में दर्शायी थी। विधि स्नातक अमर सिंह के नाम एक टोयटा लेक्सस व मारूति स्विफ्ट कार है जबकि पत्नी के नाम एक मर्सडीज गाड़ी है। करीब तीन करोड़ रुपये के जेवरात और दो लाख 54 हजार रुपये बैंक बैलेंस पत्नी के नाम है। अमर सिंह के पास 5 लाख 91 हजार की फिक्स डिपोजिट मौजूद है।
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64 करोड़ संपत्ति, 27 करोड़ कर्ज
पहली बार राजनीति में दाखिल हो रहे बिल्डर संजय सेठ ने अपने हलफनामे में कुल 64 करोड़ की संपत्ति होने और 27 करोड़ कर्ज होने का जिक्र किया है। उनके पास 8.81 लाख रुपये पत्नी लीना सेठ के पास 2.28 लाख और बेटी रिया के पास 12 हजार रुपये नकद हैं। इन तीनों के बैंक खातों व निवेश के रूप में 5.94 करोड़ रुपये हैं। बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने वाले संजय के पास कृषि भूमि नहीं है। गुडग़ांव में पांच करोड़ का एक भूखंड और दिल्ली में 20 करोड़ की आवासीय संपत्ति है। संजय के पास व्यावसायिक संपत्ति नहीं है हालांकि उनकी पत्नी के पास लखनऊ में राणा प्रताप मार्ग, लालबाग में तीन व्यावसायिक संपत्ति हैं, जिनकी कीमत सिर्फ 3.75 करोड़ दिखायी गयी है। पति-पत्नी के पास लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर दो मकान हैं। 20 हजार 412 वर्ग फुट के पहले मकान की कीमत 12.50 करोड़ व 4500 वर्ग फुट के दूसरे मकान की कीमत सिर्फ तीन करोड़ रुपये बतायी गयी है। इसके अलावा महात्मा गांधी मार्ग पर एक लाख 38 हजार 521 वर्ग फुट का बंगला है, जिसकी कीमत पांच करोड़ दिखायी गयी है। इसके अतिरिक्त लखनऊ में सात करोड़ के दो आवास संजय के नाम और डेढ़ करोड़ का एक आवास पत्नी के नाम भी है। बीकाम पास संजय ने अपने खिलाफ कोई मुकदमा न होने की बात कही है।
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7.78 करोड़ के मालिक बेनी मगर ई- मेल नहीं
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशी व पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा 7.78 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। दो बार केन्द्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा के पास कोई ई-मेल आइडी नहीं है। अलबत्ता उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने समेत छह धाराओं में दो मुकदमे दर्ज हैं। राज्यसभा सदस्य के नामांकन पत्र के साथ संलग्न हलफनामे के मुताबिक उनके पास साढ़े तीन लाख और उनकी पत्नी मालती देवी के पास 50 हजार रुपये नकद हैं। चार बैंक खातों में 52.70 लाख रुपये जमा हैं। उनके पास दस लाख 20 हजार मूल्य की तीन कारें व तीन लाख 24 हजार मूल्य के तीन असलहे (पिस्तौल, रायफल, बंदूक) भी हैं। बेनी के पास 45 हजार रुपये मूल्य की एक चेन व अंगूठी है, वहीं उनकी पत्नी के पास 1.36 लाख रुपये के जेवर हैं। उनके पास बाराबंकी जिले में विरासत की 97.08 लाख रुपये कीमत की कृषि भूमि है। उनके पास बाराबंकी में दो मकान सहित लखनऊ के गोमतीनगर में दो मकान भी हैं जिनकी कीमत 6.08 लाख रुपये बतायी गयी है। लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाले बेनी पर कोई कर्ज नहीं है।
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सुखराम के पास थर्टी कार्बाइन
सुखराम सिंह पर कोई मुकदमा नहीं है। लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी सुखराम असलहों के शौकीन हैं। अपने शपथ पत्र में उन्होंने बताया है कि उनके पास थर्टी एमएम की कार्बाइन और एक बंदूक है। पत्नी के पास रिवाल्वर है। सुखराम के पास कृषि भूमि और आवासीय संपत्ति भी है। पति-पत्नी के पास लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर में फ्लैट और अपार्टमेंट हैं। सुखराम ने खुद से दो करेाड़ 15 लाख रुपये की संपत्ति बनाई जबकि उनकी पत्नी ने एक करोड़ 59 लाख 50 हजार रुपये की संपत्ति बनायी है। सुखराम को विरासत में एक करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपये की संपत्ति मिली है। कानपुर नगर के रतनलालनगर निवासी सुखराम सिंह ने वाहन के लिए एक लाख 15 हजार 222 रुपये का ऋण लिया है। उन पर बैंकों का कुल दायित्व तीन लाख 15 हजार 222 रुपये जबकि उनकी पत्नी और परिवारीजन पर 15 लाख 61 हजार रुपये का दायित्व है। सुखराम के पास 515 ग्राम सोना है जबकि पत्नी नीता के पास 700 ग्राम। सुखराम वोक्स वैगन-पोलो गाड़ी रखे हैं जबकि पत्नी टाटा सफारी। सुखराम ने आर्यन चौधरी से 13 लाख 91 हजार 142 और नीता सिंह से 11 लाख 73 हजार 813 रुपये ऋण लिए हैं। नीता सिंह ने आर्यन चौधरी से 12 लाख तीन हजार छह सौ रुपये ऋण ली हैं। कुंवर के पास टोयटा फाच्र्यूनर गाड़ी है।
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नागर के पास 25 करोड़ का बंगला
पश्चिमी उप्र में दूध के बड़े कारोबारी सुरेंद्र सिंह नागर ने हलफनामे में 2015-16 में आयकर रिटर्न में दर्शायी गई अपनी आमदनी 73.05 लाख रुपये और पत्नी की 1113979 बतायी है। उनके पास 54077 हजार रुपये और उनकी पत्नी के पास 12943 रुपये नकद है। उनका बैंक डिपाजिट 6.17 लाख रुपये, पत्नी का 79205 रुपये और तीन आश्रितों का कुल डिपाजिट 4.72 लाख रुपये है। बांड, शेयर, डिबेंचर व म्यूचुअल फंड में उन्होंने 99.49 लाख रुपये और राष्ट्रीय बचत योजना, पोस्टल सेविंग, बीमा पॉलिसियों में दो लाख रुपये का निवेश किया है। उन्होंने 8.53 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी ने 1.91 करोड़ रुपये का पर्सनल लोन/एडवांस दिया है। उनकी पत्नी के पास 1.9 करोड़ रुपये और उनके एक आश्रित के पास 30 लाख रुपये के जेवर, बुलियन हैं। नागर, उनकी पत्नी व आश्रितों की कुल चल संपत्तियों का मूल्य 16.94 करोड़ रुपये है। इसमें से 11.62 करोड़ रुपये की चल संपत्ति नागर और 3.82 करोड़ रुपये की उनकी पत्नी के पास है। उनकी कुल अचल संपत्ति का मूल्य 28 करोड़ रुपये है। उनके पास बुलंदशहर में उनके गांव गुलावटी में जो जमीनें हैं, उनका वर्तमान मूल्य 1.28 करोड़ रुपये है। उनके पास बुलंदशहर में ही 1.07 लाख वर्ग फीट गैर कृषि भूमि है जिसकी मौजूदा कीमत 1.1 करोड़ रुपये है। ग्रेटर नोएडा में 5382 वर्ग फीट के उनके बंगले की कीमत तीन करोड़ रुपये और नई दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में साढ़े चार हजार वर्ग फीट के उनके बंगले की कीमत 25 करोड़ रुपये है। उनके उपर 3.02 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी पर 50 लाख रुपये का कर्ज है।
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रेवती रमण के पास 17 लाख के गहने
पेशे से किसान समाजवादी पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री कुंवर रेवती रमण सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक हैं। कुंवर रेवती रमण सिंह ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास सत्रह लाख के गहने हैं। खुद से उन्होंने तीन करोड़ 23 लाख 46 हजार रुपये संपत्ति अर्जित की जबकि दो करोड़ 95 हजार रुपये की संपत्ति विरासत में मिली। उन पर कोई ऋण नहीं है। कुंवर के पास इलाहाबाद के बरांव में अविभाजित कोठी है जबकि लखनऊ में गोमतीनगर के विनय खंड और फरीदाबाद के रिट्रीटफार्म में आवास है। कुंवर पर कोई मुकदमा भी नहीं है।
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कृषि, वकालत के साथ राजनीति भी पेशा
कांशीराम से राजनीति का ककहरा सीखने वाले विशंभर निषाद ंने अपने हलफनामे में कृषि राजनीति व वकालत को पेशा बताया है। उनके व उनकी पत्नी के पास 3.29 करोड़ की संपत्ति है। उनके पास तीन असलहे और उनकी पत्नी के पास पिस्टल है। विशंभर के पास 69.45 लाख की अचल संपत्ति और उनकी पत्नी के पास 1.38 करोड़ की अचल संपत्ति है। विशंभर पर 13.96 लाख का कर्ज भी है। उन पर तीन मुकदमे भी दर्ज हैं जिनमें दो धारा 188 के और एक आम्र्स एक्ट का है।
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फिर एक मंच पर सपा का पुराना कुनबा
-गुटबाजी की आशंका से एक तबका बेचैन
-क्षेत्रीय क्षत्रप परिस्थिति के आकलन में जुटे
लखनऊ : पूर्व मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह के राज्यसभा के लिए नामांकन करने के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) का पुराना कुनबा फिर एक मंच पर तो आ गया है लेकिन इससे गुटबाजी में बढ़ोतरी की आशंका ने भी जन्म ले लिया है।
सपा के संस्थापक सदस्य रहे बेनी प्रसाद वर्मा ने पार्टी छोडऩे के बाद सियासी दल बनाया, कांग्रेस की सियासत में हिस्सेदारी की और गत दिनों फिर घर वापसी की। ऐसे ही सपा को 'मॉडर्नÓ शक्ल देने वाले अमर सिंह ने निकाले जाने के बाद अपनी पार्टी बनायी। रालोद के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ा और मुलायम सिंह के साथ दिली रिश्तों के चलते अब सदस्यता लेने की घोषणा के बगैर राज्यसभा का टिकट पा गए। बुधवार को दोनों ने पांच अन्य उम्मीदवारों के साथ राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकन दाखिल किया। इसके साथ ही पुराना कुनबा फिर समाजवादी पार्टी के मंच पर आ गया। इन पर अब समाजवादी पार्टी के मिशन-2017 की कामयाबी का जिम्मा होगा मगर दिक्कत यह है कि एक और संस्थापक सदस्य आजम खां व पार्टी के रणनीतिकार प्रो.राम गोपाल यादव अलग-अलग कारणों से टिकट बंटवारे को लेकर रूठे हुए हैं। गुजरे पांच-छह सालों में इन्ही पुराने दिग्गजों पर हमले कर लोगों को एकजुट करते रहे क्षेत्रीय क्षत्रप अब सियासी अनहोनी की आशंका में है। इस मनोविज्ञान को भांपकर सियासी दिग्गज पार्टी में गुटबंदी बढऩे की आशंका जता रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि रूठने-मनाने का सियासी मामला चलता रहेगा मगर पार्टी में नई रीति-नीति के आगाज की आशंका के साथ नफा-नुकसान का आकलन शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पुराने कार्यकर्ता अमर व बेनी की कार्यशैली से वाकिफ हैं, ऐसे में आशंका होना स्वाभाविक है। हालांकि वह यह भी जोड़ते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव कार्यकर्ताओं का सम्मान सबसे ऊपर रखते आये हैं।
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अमर व बेनी समेत 15 ने नामांकन कराया
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-राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के सात उम्मीदवारों ने पर्चे भरे
-विधान परिषद के लिए बलराम, बुक्कल सहित आठ ने किया नामांकन
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए बुधवार को अमर सिंह व बेनी वर्मा समेत समाजवादी पार्टी के सात प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए गए। वहीं विधान परिषद चुनाव के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव, बुक्कल नवाब सहित सपा के आठ उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा कराया।
सपा महासचिव रामगोपाल यादव व शिवपाल यादव की उपस्थिति में राज्यसभा के लिए नामांकन करने वालों में संजय सेठ, सुखराम यादव, रेवती रमण सिंह, विशम्भर निषाद और सुरेंद्र नागर भी शामिल थे। जबकि विधान परिषद के लिए शतरुद्र प्रकाश, यशवंत सिंह, रामसुंदर दास निषाद, जगजीवन प्रसाद, कमलेश पाठक व रणविजय सिंह ने भी पर्चे दाखिल किये। विधान सभा के प्रमुख सचिव और पीठासीन अधिकारी प्रदीप दुबे ने बताया कि सभी उम्मीदवारों ने दो-दो सेट में नामांकन कराया है।
बुधवार को नामांकन का दूसरा दिन सपा के नाम रहा। विधान भवन के सेंट्रल हाल में सभी सपा प्रत्याशी एक साथ नामांकन पत्र जमा कराने पहुंचे। दोपहर 12.45 बजे सबसे पहले अमर सिंह ने पर्चा दाखिल किया। इस मौके पर उनकी पत्नी और दो बेटियां भी साथ थीं। इसके बाद बेनी प्रसाद वर्मा ने पर्चा भरा, फिर कुंवर रेवती रमण सिंह, संजय सेठ, सुखराम यादव, विशंभर निषाद व सुरेंद्र नागर ने एक-एक करके नामांकन कराया।
विधान परिषद चुनाव के लिए यशवंत सिंह, बलराम यादव, बुक्कल नवाब, राम सुंदर निषाद, रणविजय सिंह, कमलेश पाठक व जगजीवन प्रसाद ने नामांकन पत्र दाखिल कराया। इससे पहले सपा मुख्यालय पर उम्मीदवार व पार्टी नेता एकत्र हुए और मुलायम सिंह से मिलकर काफिले के रूप में विधानसभा की ओर कूच किया। नामांकन के दौरान वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।
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बसपा उम्मीदवार आज नामांकन करेंगे
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी गुरुवार को नामांकन कराएंगे। बसपा ने सतीश मिश्रा व अशोक सिद्धार्थ को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं अतर सिंह राव, दिनेश चंद्रा व सुरेश कश्यप विधान परिषद के उम्मीदवार होंगे। चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी हुई थी लेकिन पहले दिन कोई चर्चा नहीं भरा गया था। नामांकन 31 मई तक कराए जाएंगे और जांच एक जून को होगी।
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कांग्रेस के सिब्बल राज्यसभा, दीपक एमएलसी प्रत्याशी
लखनऊ : कयासों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उन्हें पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है। सिब्बल 30 मई यानी सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजे नामांकन करेंगे।
सिब्बल की उम्मीदवारी के साथ ही उप्र से राज्यसभा पहुंचने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, इमरान मसूद, कैप्टन सतीश शर्मा की दावेदारी खत्म हो गई है। उप्र कांग्रेस कमेटी के कम्युनिकेशन विभाग के वाइस चेयरमैन वीरेंद्र मदान ने बताया कि पार्टी ने कांग्रेस के प्रदेश महासचिव दीपक सिंह को विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है। दीपक अमेठी के शाहगढ़ ब्लॉक के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और गांधी परिवार के करीबी हैं।
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बसपा प्रत्याशियों ने किया नामांकन
-राज्यसभा सदस्य के लिए सतीश मिश्र व अशोक सिद्धार्थ ने भरा परचा
-विधान परिषद सदस्य के लिए भी तीन ने किए नामांकन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश कोटे की 11 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सतीश चंद्र मिश्र व अशोक सिद्धार्थ ने नामांकन किया। विधान परिषद सदस्य के लिए दिनेश चंद्रा, अतर सिंह और सुरेश कश्यप ने परचा दाखिल किया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, विधान परिषद में नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी के राज्यसभा व विधान परिषद प्रत्याशियों के साथ शनिवार दोपहर 12 बजे विधान भवन के राजर्षि टंडन सभागार में पहुंचे। सबसे पहले राज्यसभा सीट के प्रत्याशी के तौर पर सतीश चंद्र मिश्र ने प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे को नामांकन पत्र सौंपा। बसपा ने राज्यसभा के लिए मिश्र को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है। मिश्र के बाद फर्रुखाबाद निवासी कई मंडलों के जोनल कोआर्डिनेटर व दक्षिण भारत के राज्यों के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकन किया। राज्यसभा के प्रत्याशियों के नामांकन की कार्यवाही पूरी होने के बाद विधान परिषद सदस्यों की नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। पहले अतर सिंह फिर सुरेश कश्यप और आखिर में दिनेश चन्द्र ने नामांकन कराया।
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राज्यसभा के नौ, परिषद के 11 परचे दाखिल
बसपा प्रत्याशियों के नामांकन के साथ राज्यसभा की 11 सीटों के लिए दावेदारी करने वालों की संख्या नौ और विधान परिषद की 13 सीटों के नामांकन कराने वालों की संख्या 11 हो गयी है। नामांकन की अधिसूचना जारी होने के बाद 25 मई को समाजवादी पार्टी के अमर सिंह, बेनी वर्मा, बिल्डर संजय सेठ समेत सात लोगों ने राज्यसभा के लिए और आठ लोगों ने विधान परिषद सदस्य के लिए नामांकन कराया था। शनिवार को बसपा प्रत्याशियों ने भी परचा दाखिल कर दिया है।
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बंद रहा टंडन हाल का एसी
बसपा प्रत्याशियों के नामांकन के समय राजर्षि टंडन हाल का एसी पूरी तरह बंद रहा। इससे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को खासी दिक्कत हुई। जिस पर बसपाई राज्य सरकार को कोसते नजर आये, हालांकि अधिकारियों का कहना था कि शनिवार होने के चलते आपरेटर के आने में विलंब हो गया, जिससे एसी नहीं चल पाया।
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बसपा प्रत्याशियों ने किया नामांकन
-राज्यसभा सदस्य के लिए सतीश मिश्र व अशोक सिद्धार्थ ने भरा परचा
-विधान परिषद सदस्य के लिए भी तीन ने किए नामांकन
लखनऊ : उत्तर प्रदेश कोटे की 11 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए शनिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सतीश चंद्र मिश्र व अशोक सिद्धार्थ ने नामांकन किया। विधान परिषद सदस्य के लिए दिनेश चंद्रा, अतर सिंह और सुरेश कश्यप ने परचा दाखिल किया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य, विधान परिषद में नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी पार्टी के राज्यसभा व विधान परिषद प्रत्याशियों के साथ शनिवार दोपहर 12 बजे विधान भवन के राजर्षि टंडन सभागार में पहुंचे। सबसे पहले राज्यसभा सीट के प्रत्याशी के तौर पर सतीश चंद्र मिश्र ने प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे को नामांकन पत्र सौंपा। बसपा ने राज्यसभा के लिए मिश्र को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है। मिश्र के बाद फर्रुखाबाद निवासी कई मंडलों के जोनल कोआर्डिनेटर व दक्षिण भारत के राज्यों के प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकन किया। राज्यसभा के प्रत्याशियों के नामांकन की कार्यवाही पूरी होने के बाद विधान परिषद सदस्यों की नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। पहले अतर सिंह फिर सुरेश कश्यप और आखिर में दिनेश चन्द्र ने नामांकन कराया।
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राज्यसभा के नौ, परिषद के 11 परचे दाखिल
बसपा प्रत्याशियों के नामांकन के साथ राज्यसभा की 11 सीटों के लिए दावेदारी करने वालों की संख्या नौ और विधान परिषद की 13 सीटों के नामांकन कराने वालों की संख्या 11 हो गयी है। नामांकन की अधिसूचना जारी होने के बाद 25 मई को समाजवादी पार्टी के अमर सिंह, बेनी वर्मा, बिल्डर संजय सेठ समेत सात लोगों ने राज्यसभा के लिए और आठ लोगों ने विधान परिषद सदस्य के लिए नामांकन कराया था। शनिवार को बसपा प्रत्याशियों ने भी परचा दाखिल कर दिया है।
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बंद रहा टंडन हाल का एसी
बसपा प्रत्याशियों के नामांकन के समय राजर्षि टंडन हाल का एसी पूरी तरह बंद रहा। इससे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को खासी दिक्कत हुई। जिस पर बसपाई राज्य सरकार को कोसते नजर आये, हालांकि अधिकारियों का कहना था कि शनिवार होने के चलते आपरेटर के आने में विलंब हो गया, जिससे एसी नहीं चल पाया।
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छह साल में आठ गुना बढ़ी सतीश मिश्र की संपत्ति
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-हांडा सीआरवी व एस्काटर््स ट्रैक्टर की जगह आयीं मर्सिडीज बेंज
-दो करोड़ से अधिक के जेवरातों सहित 193 करोड़ की संपत्ति
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लखनऊ : बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चंद्र मिश्र की संपत्ति छह वर्षों में आठ गुना बढ़ी है। वर्ष 2010 में जहां उनके पास हांडा सीआरवी जैसी गाड़ी के साथ एस्कार्ट ट्रैक्टर भी था, अब मर्सिडीज बेंज हो गयी हैं। मिश्र के पास दो करोड़ से अधिक के जेवरातों सहित इस समय 193 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
छह वर्ष पूर्व तीन जून 2010 को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन कराते समय दाखिल हलफनामे में सतीश मिश्र ने कुल 24 करोड़ 17 लाख 10 हजार रुपये की चल-अचल संपत्ति की जानकारी दी थी। फिर से राज्यसभा सदस्य बनने के लिए शनिवार को नामांकन के साथ दाखिल हलफनामे में उन्होंने 193 करोड़ 49 हजार 59 रुपये कुल संपत्ति होने की जानकारी दी है। इस तरह से मिश्र की छह साल में कुल संपत्ति लगभग आठ गुना बढ़ गयी है। सतीश मिश्र व उनकी पत्नी कल्पना मिश्रा के पास महज चल-अचल संपत्ति ही नहीं नकदी में भी वृद्धि हुई है। छह साल पहले सतीश के पास 2.10 लाख रुपये नकद थे, वहीं अब 4,71,678 रुपये नकद हैं। पत्नी के पास उस समय 85 हजार रुपये थे, जो अब 1,24,389 रुपये हैं। 2010 में उनके पास हांडा सीआरवी, टोयोटा कैमरी कारों के साथ एक एस्कॉट्र्स ट्रैक्टर था। अब उनके पास मर्सिडीज बेंज है। 2010 में उनकी पत्नी के पास कोई कार नहीं थी, अब उनके पास भी हांडा ब्रियो आ गयी है। हलफनामे के मुताबिक जेवरों के मामले में भी समृद्धि बढ़ी है। 2010 में सतीश के पास 24 लाख सात हजार और उनकी पत्नी के पास 86 लाख 13 हजार रुपये के जेवर थे। अब उनके पास 37,45,547 रुपये और पत्नी के पास एक करोड़ 70 लाख 30 हजार 91 रुपये के जेवर हैं। सतीश मिश्र के पास लखनऊ की सदर तहसील के काकोरी व बख्शी का तालाब तहसील के महोना क्षेत्र में कृषि संपत्ति के अलावा काकोरी, गोमती नगर के विपुल खंड व विंडसर प्लेस क्षेत्र में आवासीय संपत्तियां हैं। उनके पास मुंबई के बांद्रा कुर्ला काम्पलेक्स व अंधेरी के ओशीरवारा और दिल्ली के कनॉट प्लेस में भी व्यावसायिक संपत्तियां हैं। मिश्र के पास दिल्ली के सुंदर नगर व नोएडा में भी आवासीय संपत्तियां हैं। इस समय सतीश मिश्र के पास कुल 34.78 करोड़ की चल व 68.66 करोड़ की अचल और उनकी पत्नी के पास 25.41 करोड़ की चल व 64.15 करोड़ की अचल संपत्ति है। सतीश पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों व संगठनों की 17.13 करोड़ और उनकी पत्नी पर 21.11 करोड़ की देनदारियां भी हैं।
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अशोक सिद्धार्थ भी 6.87 करोड़ के मालिक
बसपा के दूसरे राज्यसभा प्रत्याशी अशोक सिद्धार्थ 6.87 करोड़ के मालिक हैं। यूं तो वह फर्रुखाबाद के निवासी हैं मगर उनके पास बाराबंकी, लखनऊ में जमीनें हैं। गाजियाबाद व दिल्ली में प्लाट खरीदने के लिए अग्रिम के रूप में तकरीबन 50 लाख रुपये दे रखे हैं। लखनऊ के विपुल खंड में उनका मकान है। आयकर विभाग में दाखिल रिटर्न में सिद्धार्थ ने सालाना आमदनी 12 लाख 14 हजार 810 रुपये और पत्नी सुनीता देवी की सालाना आय 10 लाख, 19 हजार 340 रुपये बतायी है। पति-पत्नी के पास एलआइसी की सात-सात पालिसी है। सिद्धार्थ के पास 170 ग्राम सोने के जेवर और उनकी पत्नी के पास 465 ग्र्राम सोने के जेवर हैं। उनके पास रायफल और रिवाल्वर का लाइसेंस भी है।
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दिनेश को असलहों व गाडिय़ों का शौक
विधान परिषद प्रत्याशी दिनेश चंद्र 2.19 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं। महंगाई गाडिय़ां और असलहों का भी इन्हें शौक है। नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामें में फाच्र्युनर, रेनाल्ट डस्टर और फोर्ड फिगो कार का मालिक होने का जिक्र किया है, उनकी पत्नी के पास एक्टिवा स्कूटर भी है। दिनेश के पास दोनाली बंदूक, रायफल और पिस्टल भी है। उनकी पत्नी के पास लखनऊ के मीरानपुर, अहमामऊ में गैर कृषि योग्य जमीने हैं। दिनेश के पास सुलतानपुर के अलावा फतेहपुर में भी मकान व जमीन है। इंटरमीडिएट उत्तीर्ण दिनेश चंद्र ईट भट्ठा के मालिक है।
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करोड़पति है सुरेश कुमार
बसपा प्रत्याशी सुरेश कुमार व उनकी पत्नी के पास 2.29 करोड़ रुपये की संपत्ति है। गाजियाबाद में मकान, शामली व लोनी में कृषि योग्य जमीन के मालिक कश्यप के पास पिस्टल और दो कारें भी हैं। पत्नी नौकरीपेशा हैं। म्युचुअल फंड में भी उनका निवेश है। उन्होने कर्ज भी ले रखा है। इंटरमीडिएट पास सुरेश कश्यप के खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं है।
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1.14 करोड़ के मालिक हैं अतर
विधान परिषद सदस्य पद के बसपा प्रत्याशी अतर सिंह व उनकी पत्नी के पास 1.14 करोड़ की संपत्ति है। अतर के पास बस और एक एक्टिवा स्कूटर है। एक पिस्टल और मेरठ में दो प्लाट हैं। मेरठ में विरासत में मिले मकान के भी वह मालिक हैं। विधि स्नातक अतर सिंह की पत्नी भी व्यापार करती हैं।
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