Friday 1 July 2016

रामगोपाल विचार, अखिलेश चेहरा और शिवपाल रीढ़

-समाजवादी परिवार की जुटान में मतभेद भी दिखे,
-दार्शनिक अंदाज में वार, निष्ठा भी जतायी गई
 लखनऊ : समाजवादी परिवार में द्वंद्व की झलक बुधवार को फिर नजर आयी। प्रो.रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर जुटे कुनबे के सदस्यों ने दार्शनिक अंदाज अख्तियार किया। अमर सिंह ने 'जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं, मैं तो मर कर भी मेरी जान तुम्हें चाहूंगा,Ó सुनाकर कोई मतभेद न होने का दावा किया तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'मोहब्बत में तो जुदाई का हक है।Ó
प्रो.रामगोपाल यादव के 70वें जन्मदिन पर बुधवार को लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में उनकी पुस्तक 'संसद में मेरी बातÓ का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर रामगोपाल ने कहा कि वह तो टीचर थे, नेताजी उन्हें राजनीति में लाये और जुलाई 1992 में राज्यसभा भेजा। दो दशक से संसद में है मगर उन्हें राजनीति पर गलतफहमी नहीं है। इसे कौमी एकता दल के विलय को लेकर शिवपाल यादव की नाराजगी की ओर इशारा समझा गया। शिवपाल यादव बोले कि राजनीति में विचार का अभाव होता जा रहा है। युवा समाजवादी हैं मगर उन्हें 'समाजवाद का ज्ञानÓ नहीं। नई पीढ़ी लोहिया, मुलायम और जनेश्वर को पढ़े। आने वाले चुनाव में सांप्रदायिक शक्तियों से सीधी लड़ाई होगी, तब विचार ही काम आयेंगे। संकेत साफ था कि समाजवादी पार्टी को भाजपा से करीब होने के इल्जाम से बाहर निकलना होगा।
अमर सिंह बोलने खड़े हुए तो उन्होंने राम गोपाल को सपा का विचार, अखिलेश यादव को चेहरा और शिवपाल को रीढ़ की संज्ञा देते हुए कहा कि कहीं कोई मतभेद नहीं है। सपाई एक हैं, कहीं कोई लड़ाई नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी और सुब्रह्मïण्यम स्वामी पर हमले करते हुए फिर सपा की ओर लौटे और मुलायम सिंह द्वारा एक वकील की मृत्यु के बाद भी उनके परिवार के सदस्य की मदद का जिक्र करते हुए 'जिंदगी में तो सभी प्यार किया करते हैं, मैं तो मर कर भी मेरी जान तुम्हें चाहूंगा,Ó पंक्तियां पढ़ीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के जितने नेता हैं, सभी नेताजी के बनाये हुए हैं। उन्होंने अमर सिंह की लाइनों का जिक्र कर उनमें 'मोहब्बत में जुदाई का भी हकÓ पंक्ति जोड़ दी। मुख्यमंत्री ने रामगोपाल यादव की अच्छी सेहत का जिक्र करते हुए जोड़ा कि वक्ता भले ही उनकी उम्र घटा रहे हैं। कोई 44 बता रहा है, कोई 45 लेकिन मैं कहता हूं कि वह 25 के हैं। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, मंत्री अहमद हसन, अरविंद सिंह गोप, सांसद नरेश अग्रवाल, पूर्व सांसद उदय प्रताप, वेद प्रताप वैदिक आदि भी मौजूद थे।
---
दर्शकों में बैठे शिवपाल
कौमी एकता दल (कौएद) का विलय रद होने के तरीके व अन्य सियासी कारणों से नाराज शिवपाल यादव समारोह में पहुंचे तो पर सीधे दर्शकों केबीच बैठ गए। उन्हें मनाकर मंच पर लाया गया तो यहां वह पहले पिछली पंक्ति में बैठे। इस बीच मुख्यमंत्री ने इशारे से उन्हें अगली पंक्ति में लाने का इशारा किया। शिवपाल आगे बैठे जरूर लेकिन उत्साहित नहीं दिखे।
---
सपा समाधान सुझाती है : मुलायम
मुलायम सिंह यादव ने भी ज्यादा बोलने से गुरेज किया। कहा कि सपा ऐसी पार्टी है जो देश-दुनिया की समस्याओं के साथ समाधान भी सुझाती है। युवा कार्यकर्ता अगर अच्छी राजनीति करना चाहते हैं तो उन्हें पढऩा चाहिये, चाहे वह उपन्यास ही क्यों न पड़ें। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रकरण का जिक्र करते हुए मुलायम ने कहा कि हमने भी संसद में वहां हुई घटना की निंदा की थी, जिसकी अरुण जेटली समेत ढेरों मंत्रियों ने सराहना की।
---
राजनीति में कुछ लोग आकस्मिक दुर्घटना : अमर
अमर सिंह ने कहा राजनीति में कुछ लोग आकस्मिक दुर्घटना होते हैं, जैसे रामूवालिया पंजाब में पड़े थे, मुलायम ने उन्हें लाकर मंत्री बना दिया। फिर उन्होंने खुद को भी उसी में जोड़ लिया।

No comments:

Post a Comment