हारी सीटों पर सपा ने घोषित किए 141 उम्मीदवार
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-पीस पार्टी के विधायक कमाल युसूफ, अनीसुर्रहमान और निर्दल विजय सिंह को सपा का टिकट
-टिकट पाने वालों में विधान परिषद सदस्य अंबिका चौधरी व उमर अली खान भी
-हारी हुई 25 और सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा बाकी
-सूची जारी करने के ढाई घंटे बाद उम्मीदवारों पर सपा का असमंजस शुरू
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने 2017 के विधान सभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। चुनाव से करीब एक वर्ष पहले ही हारी हुई सीटों पर 141 उम्मीदवार प्रस्तावित कर दिए गए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इन उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें पीस पार्टी के दो और एक निर्दल विधायक के साथ ही सपा के दो विधान परिषद सदस्यों का भी नाम शामिल है।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में मंत्री अरविन्द सिंह गोप और राजेन्द्र चौधरी के साथ आये शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से कहा कि शेष सीटों पर उम्मीदवारों का नाम राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने बताया कि अभी 25 हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाने बाकी हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में मुरादाबाद के कांठ सीट से पीस पार्टी के टिकट पर जीते अनीसुर्रहमान और सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज से जीते मलिक कमाल युसूफ तथा फर्रुखाबाद से निर्दल जीते विजय सिंह को सपा ने उम्मीदवार बनाया है। यह पूछे जाने पर कि आपके यहां घोषित करने के बाद उम्मीदवारों के बदलने का सिलसिला चलता रहता है, शिवपाल ने कहा कि उम्मीदवार बदलने का काम सेंट्रल पार्लियामेंट कमेटी या राष्ट्रीय अध्यक्ष कर सकते हैं। अध्यक्ष को उम्मीदवार बदलने का पूरा अधिकार है। पार्टी ने पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे ज्यादातर उम्मीदवारों को फिर मौका दिया है। पार्टी में उम्मीदवारों को लेकर असमंजस की स्थिति सूची जारी करने के ढाई घंटे बाद ही शुरू हो गयी। पार्टी ने पहले मुजफ्फरनगर के मीरापुर से शाहनवाज राणा को उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन बाद में वापस ले लिया। सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारन सीट पर पहले विश्वदयाल छोटन को उम्मीदवार बनाया लेकिन ढाई घंटे बाद विमला राकेश का नाम प्रस्तावित कर दिया।
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तीन प्रत्याशियों पर पुनर्विचार होगा
प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही कुछ प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध के स्वर उभरने लगे। सबसे ज्यादा हैरानी फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी घोषित राज कुमार चहार को लेकर थी। चहार को जिला इकाई के लोग भी नहीं जानते थे। ऐसे ही फीरोजाबाद के प्रत्याशी शमशाद अहमद बाबा और खैरागढ़ के प्रत्याशी विनोद कुमार सिकरवार के प्रत्याशिता को लेकर विरोध के स्वर नेतृत्व तक पहुंच गये। इस पार्टी ने इन तीनों टिकट पर पुनर्विचार का फैसला किया है। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि प्रत्याशियों के बारे में पार्टी का फैसला सर्वो'च होता है, कार्यकर्ताओं की ओर से कोई बात आती है तो नेतृत्व पर उस पर विचार करता है। इन मामलों में भी पार्टी पुनर्विचार करेगी। संकेत है कि तीनों प्रत्याशी बदले जा सकते हैं।
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विधान सभा क्षेत्र - प्रस्तावित उम्मीदवार
1. बेहट - उमर अली खान
2. सहारनपुर नगर - संजय गर्ग
&. सहारनपुर देहात - अब्दुल वाहिद
4. रामपुर मनिहारन सुरक्षित - विमला राकेश
5. गंगोह - रुद्रसेन चौधरी
6. थाना भवन - किरनपाल कश्यप
7. शामली - मनीष कुमार चौहान
8. चरथावल - मुकेश कुमार चौधरी
9. पुरकाजी सुरक्षित - उमा किरन
10. खतौली- श्यामलाल ब'ची सैनी
11. मुगलसराय (चंदौली) - बाबूलाल यादव
12. नजीबाबाद - अबरार आलम अंसारी
1&. बढ़ापुर - शेख सुलेमान
14. नहटौर सुरक्षित - मुन्ना लाल प्रेमी
15. चांदपुर - शेरबाज पठान
16. नूरपुर - नईमुल हसन
17. कांठ - अनीसुर्रहमान
18. सरधना - अतुल प्रधान
19. मेरठ कैंट - सरदार परविन्दर सिंह
20. मेरठ शहर - रफीक अंसारी
21. मेरठ दक्षिण - हाजी आदिल चौधरी
22. छपरौली - हाजी तराबुद्दीन
2&. बड़ौत - चौधरी साहब सिंह
24. बागपत - डॉ. कुलदीप उज्ज्वल
25. लोनी - ईश्वर मावी
26. मुरादनगर - दिशांत त्यागी
27. साहिबाबाद - राशिद मलिक
28. गाजियाबाद - डॉ. सागर शर्मा
29. मोदी नगर - राम आसरे शर्मा
&0. हापुड़ सुरक्षित - तेजपाल सिंह
&1. नोएडा - अशोक कुमार चौहान
&2. दादरी - विक्रम सिंह भाटी
&&. सिकंदराबाद - अब्दुल रब
&4. बुलंदशहर - मोहम्मद मुस्तकीम अल्वी
&5. अनूप शहर - हिमायत अली
&6. ख्ुार्जा सुरक्षित - सुनीता चौहान
&7. खैर सुरक्षित - प्रशांत कुमार बाल्मिकी
&8. बरौली - सुभाष बाबू लोधी
&9. इगलास सुरक्षित - कन्हैया लाल दिवाकर
40. हाथरस सुरक्षित - राम नारायण काके
41. सिकंदराराऊ - यशपाल सिंह चौहान
42. छाता - लोक मणि कांत जादौन
4&. मांट - जगदीश नोहवार
44. गोवद्र्धन - किशोर सिंह
45. एतमादपुर - डॉ. प्रेम सिंह बघेल
46. आगरा ग्रामीण - हेमलता दिवाकर
47. फतेहपुर सीकरी - राजकुमार चाहर
48. खैरागढ़ - विनोद कुमार सिकरवार
49. फतेहाबाद - डॉ. राजेन्द्र सिंह
50. आगरा कैंट सुरक्षित - चंद्रसेन टपलू
51. टूंडला सुरक्षित - महराज सिंह धनगर
52. फीरोजाबाद - शमशाद अहमद बाबा
5&. अमापुर - वीरेन्द्र सिंह सोलंकी
54. बिल्सी - उदयवीर सिंह शाक्य
55. दातागंज - अवनीश यादव
56. बिथरी चैनपुर - वीरपाल सिंह यादव
57. बरेली शहर - शेर अली जाफरी आल्वी
58. बरेली कैंट - हाजी इस्लाम बाबू
59. आंवला - महिपाल सिंह यादव
60. बीसलपुर - नीरज गंगवार
61. जलालाबाद - शरदवीर सिंह
62. तिलहर - अनवर अली उर्फ जकीउर्रहमान
6&. शाहजहांपुर - तनवीर अहमद खां
64. पलिया - अनीता यादव
65. धौरहरा - यशपाल चौधरी
66. मोहम्मदी - डॉ. आरए उस्मानी
67. हरगांव सुरक्षित - मनोज कुमार राजवंशी
68. लहरपुर - अनिल कुमार वर्मा
69. सवाइजपुर - पद्मराग सिंह यादव पम्मू
70. बिलग्राम मल्लावां - सुभाष पाल
71. मोहान सुरक्षित - भगवती प्रसाद
72. उन्नाव - मनीषा दीपक
7&. लखनऊ पूर्वी - डॉ. श्वेता सिंह
74. तिलोई - मयंकेश्वर सिंह
75. रायबरेली सदर - आरपी यादव
76. जगदीशपुर सुरक्षित - विजय कुमार पासी
77. फर्रुखाबाद - विजय सिंह
78. सिकंदरा - महेन्द्र कटियार
79. गोविंदनगर - सुनील शुक्ला
80. आर्यनगर - श्रीमती रीता बहादुर सिंह
81. किदवईनगर - ओम प्रकाश मिश्रा
82. कानपुर कैंट - हाजी परवेज अंसारी
8&. महराजपुर - अरुणा तोमर
84. माधौगढ़ - लाखन सिंह कुशवाहा
85. कालपी - चौधरी विष्णुपाल सिंह उर्फ नन्नू राजा
86. ललितपुर - श्रीमती ज्योति लोधी
87. महरौनी सुरक्षित- रमेश कुमार खटीक
88. राठ सुरक्षित - अम्बेश कुमारी
89. महोबा - सिद्धगोपाल साहू
90. तिंदवारी - दीपा सिंह गौर
91. नरैनी सुरक्षित - भरत लाल दिवाकर
92. बांदा - देवराज गुप्ता-टिकट कटा अब कमल सिंह मौर्य प्रत्याशी (नया नाम, चित्रकूट में घर)
9&. मानिकपुर - निर्भय सिंह पटेल
94. बिंदकी - समरजीत सिंह -टिकट कटा नया नाम घोषित नहीं (०६.०४ का निर्णय)
95. फतेहपुर - चंद्रप्रकाश लोधी
96. अयाहशाह - दलजीत निषाद -टिकट कटा श्रीमती रीता प्रजापति प्रत्याशी (मंत्री गायत्री की सिफारिश)
97. हुसैनगंज - मोहम्मद शफीर
98. खागा सुरक्षित - ओमप्रकाश गिहार- टिकट कटा विनोद पासवान प्रत्याशी (०६.०४ का निर्णय)
99. विश्वनाथगंज - संजय पाण्डेय
100. मंझनपुर सुरक्षित - हेमंत कुमार टुन्नू
101. चायल - चंद्रबली सिंह पटेल
102. करछना - उज्ज्वल रमण सिंह
10&. इलाहाबाद पश्चिम - ज्योति यादव
104. कोरांव - रामदेव निडर कोल
105. रुदौली - अब्बास अली जैदी
106. महसी - राजेश त्रिपाठी
107. कैसरगंज - रामतेज यादव
108. कटरा बाजार - बैजनाथ दुबे
109. बांसी - लालजी यादव
110. डुमरियागंज - कमाल यूसुफ
111. कप्तानगंज - राना कृष्ण किंकर सिंह
112. रुधौली - अनूप पाण्डेय
11&. खलीलाबाद - सुबोध चंद्र यादव
114. पनियारा- कृष्णभान सिंह सैंथवार
115. कैम्पियरगंज - चिंता यादव
116. गोरखपुर सदर - संजय सिंह
117. सहजनवां - यशपाल सिंह रावत- २३.४ को टिकट कटा अब मनोज यादव प्रत्याशी (यह घोषणा जगजीवन प्रसाद ने की)
118. खजनी सुरक्षित - जोखू पासवान
119. चौरीचौरा - केशव यादव
120. बांसगांव - संजय पहलवान
121. चिल्लूपार - राजेन्द्र सिंह पहलवान
122. खड्डा - नथुनी कुशवाहा
12&. पडऱौना - बिजेन्द्र पाल सिंह यादव
124. तमकुही राज - डॉ. पीके राय
125. फाजिलनगर - विश्वनाथ सिंह
126. रुद्रपुर - प्रदीप यादव
127. मुबारकपुर - रामदर्शन यादव
128. मधुबन - राजेन्द्र मिश्रा
129. मऊ - अल्ताफ अंसारी
1&0. रसड़ा - सनातन पाण्डेय
1&1. फेफना - अंबिका चौधरी
1&2. जौनपुर - जावेद सिद्दीकी
1&&. मुंगरा बादशाहपुर - ज्वाला प्रसाद यादव
1&4. मोहम्दाबाद - राजेश कुशवाहा
1&5. सकलडीहा - प्रभु नारायण सिंह यादव
1&6. पिंड्रा - डॉ. रामबालक सिंह पटेल
1&7. अजगरा सुरक्षित - लालजी सोनकर
1&8. शिवपुर - अरविंद कुमार मौर्य
1&9. वाराणसी उत्तरी - हाजी अब्दुल समद अंसारी
140. वाराणसी दक्षिण - अशफाक अहमद डब्लू
141. वाराणसी कैंट - श्रीमती रीबू श्रीवास्तव
142-कैन्ट लखनऊः श्रीमती अर्पणा यादव विष्ट (मुलायम की बहू)
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फेरबदल के बाद नए प्रत्याशी
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143-अयाहशाह : रीता प्रजापति
144-खागा (सु): विनोद पासवान
145-बांदा : कमल सिंह मौर्य
146-बिंदकी : टिकट कटा नया घोषित नहीं
147-मडि़हान : रविन्द्र बहादुर पटेल
148-बस्ती : उमाशंकर पटवा
149-आगरा दक्षिण : डॉ.रोली मिश्र
150-पनियरा : श्रीमती सुमन ओझा
151-बिंदकी : अमर जीत सिंह जनसेवक
152-आगरा (उत्तर) : कुंजलिका शर्मा
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सपा ने हारी सीटों पर बदले आधे से ज्यादा चेहरे
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-पहली सूची में 76 टिकट बदलकर रोचक मुकाबले की कोशिश
-65 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों में भी &1 बदले
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गयी पहली सूची में 76 टिकट बदलकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है। पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे &1 प्रत्याशियों सहित हारी सीटों पर आधे से ज्यादा चेहरे बदल दिये गए हैं।
शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने जिन 141 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है, उनमें सीट-दर-सीट समीकरणों का ध्यान रखा गया है। यही कारण है कि पिछली बार चुनाव लड़े 76 लोग इस बार चुनाव मैदान में नहीं दिखेंगे। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा इन 141 सीटों में से तीन सीटें जीती थीं, किन्तु बीच में हुए उपचुनावों में उसे यह सीटें गंवानी पड़ीं। इनमें से उन्नाव में दीपक कुमार की पत्नी मनीषा दीपक, प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज सीट पर राजाराम पाण्डेय के पुत्र संजय पाण्डेय टिकट पाए हैं। फतेहपुर सीट भी सपा के पास थी, जिस पर चंद्र प्रकाश लोधी को उतारा गया है। दूसरे स्थान पर रहे 65 प्रत्याशी भी अपनी टिकट नहीं बचा सके हैं। इनमें से &1 के टिकट बदल गए हैं और सिर्फ &4 को ही इस बार फिर मौका मिला है।
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तीसरे स्थान पर रहे 24 पाए टिकट
घोषित 141 सीटों में से पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी 42 सीटों पर तीसरे और 24 सीटों पर चौथे स्थान पर रही थी। तीसरे स्थान पर रहे लोगों में से 24 लोग दोबारा टिकट पाने में सफल हो गए हैं। सिर्फ 18 लोगों के ही टिकट बदले गए हैं। पिछली बार चौथे स्थान पर रहे तीन लोग भी इस बार टिकट पा गए हैं। चौैथे स्थान पर रहने वाले 24 में से 21 को इस बार टिकट नहीं मिले हैं और इन सीटों पर नए चेहरे दिखाई देंगे।
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...पर ये निकले खुशकिस्मत
शुक्रवार को घोषित प्रत्याशियों का आकलन करें तो पिछले चुनाव में दूसरे, तीसरे व चौथे स्थान पर रहने वाले 70 लोगों को भले ही टिकट न दिया गया हो, पर पांचवें स्थान पर रहे पांच में से दो प्रत्याशी टिकट पा गए हैं। शेष तीन प्रत्याशियों को इस बार मौका नहीं मिलेगा। इसी तरह छठे व आठवें स्थान पर रहे एक-एक प्रत्याशी भी इस बार सपा की सूची में अपना स्थान नहीं बना सके हैं।
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नये तरीके पर सहेजे पुराने समीकरण
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-20 फीसद मुसलमान, 10 फीसद महिला प्रत्याशी
-15 फीसद पहली दफा महसूस करेंगे चुनाव का ताप
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लखनऊ : सत्ता-संगठन की कमान युवा हाथों में सौंपने का प्रयोग कर चुकी समाजवादी पार्टी ने अब चुनावी डुगडुगी से महीनों पहले प्रत्याशी घोषित करने का दांव चला है। वर्ष 2012 में हारी सीटों में से 141 के प्रत्याशियों की पहली सूची में 20 फीसद टिकट मुसलमानों व दस फीसद महिलाओं की झोली में डालकर वोट बैंक साधने का प्रयास भी हुआ है।
समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 के चुनावों से पहले ही संगठन की कमान अखिलेश यादव को सौंप दी थी। बाद में वे ही मुख्यमंत्री भी बने। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद अखिलेश यादव ने भी ग्रामीणों की पार्टी वाली छवि तोड़कर सपा को ट्विटर, फेसबुक और अंग्रेजी बोलने वाली माडर्न पार्टी बनाने का प्रयास किया। अब विधानसभा चुनाव-2017 की डुगडुगी से बहुत पहले वर्ष 2012 में हारी सीटों में से 141 प्रत्याशी घोषित करने का प्रयोग किया है। पार्टी के लिए इतने पहले प्रत्याशी घोषित करना नया प्रयोग माना जा रहा है। वैसे सूची जारी होते ही बदलने व प्रत्याशिता रोकने का सिलसिला भी शुरू हो गया। अभी कुछ और टिकट बदलने की चर्चा भी रात तक होती रही। हालांकि, इस टिकट वितरण में पार्टी ने परंपरागत समीकरणों पर भी भरोसा बनाये रखा। मुसलमान, पिछड़ा, अति पिछड़े, ब्राह्मïण, क्षत्रिय को टिकट देने की पार्टी की पुरानी लाइन पर चलने की कोशिश हुई है। युवा ब्रिगेड के निर्भय सिंह पटेल, अतुल प्रधान व डॉ.श्वेता सिंह को हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी बनाने का जोखिम भी पार्टी ने उठाया है। इस सूची के प्रत्याशियों में 15 फीसद ऐसे हैं जो पहली बार विधानसभा के समर का ताप महसूस करेंगे। इस सूची में जिताऊ उम्मीदवारों की आस में दूसरे दलों में सेंध लगाने का प्रयास भी दिखायी दे रहा है। पीस पार्टी के मौजूदा विधायक अनीसुर्ररहमान को मुरादाबाद की कांठ सीट और निर्दल विधायक विजय सिंह को फर्रुखाबाद से उम्मीदवार बनाया जाना, इसी कड़ी का हिस्सा है। राष्ट्रीय लोकदल से आये अबरार आलम को भी नजीबाबाद से प्रत्याशी बनाया है जबकि समरजीत सिंह बिंदकी से प्रत्याशी बनाये गये हैं। टिकट बंटवारे में पार्टी ने पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों व पदाधिकारियों के परिवार को तवज्जो देने से गुरेज नहीं किया है। आधा दर्जन लोग परिवार कोटे से टिकट पाने में कामयाब रहे हैं।
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वर्ष-2012 की दलीय स्थिति
समाजवादी पार्टी- 224
बसपा- 80
भाजपा- 47
कांग्रेस- 28
रालोद- 09
निर्दल- 06
छोटे दल- 09
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-वर्ष 2012 में रालोद के जयंत चौधरी के सीट छोडऩे के बाद हुए उपचुनाव में माठ सीट तृणमूल कांग्र्रेस के प्रत्याशी ने जीत थी।
-वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद 16 सीटों के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने नौ, भाजपा ने पांच और कांग्रेस व अपना दल ने एक-एक सीट जीती थी।
-वर्ष 2015 में फरेंदा व चरखारी विधानसभा के उपचुनाव हुए और दोनों सीटें सपा के खाते में गयीं।
-वर्ष 2016 में देवबंद, मुजफ्फरनगर और बीकापुर विधानसभा के चुनाव में एक सपा, एक भाजपा और एक कांग्र्रेस ने झटक ली।
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अब दलीय स्थिति
समाजवादी पार्टी- 227
बसपा- 80
भाजपा- 41
कांग्रेस- 29
रालोद- 08
निर्दल- 06
छोटे दल: 10
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रिक्त सीटें : जंगीपुर, बिलारी
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शहनवाज राणा को टिकट देकर दो घन्टे के अंदर ही काटा गया।
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११ अप्रैल २०१६
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सपा में थमेगी 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़!
-वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव प्रदेश प्रभारी नियुक्त
-पहली बार किसी को बनाया गया प्रदेश प्रभारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : विधानसभा चुनाव का कील-कांटा दुरुस्त करने में जुटे समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एक अप्रत्याशित फैसले में राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव को सपा का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी में पहली बार यह पद सृजित किया गया है, इसे विपक्ष की 'आक्रामकÓ रणनीति का जवाब और पार्टी के अंदर 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़ थामने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
अक्टूबर 1992 में गठन के बाद से अब तक समाजवादी पार्टी के सफर में कभी प्रदेश प्रभारी नियुक्त नहीं किया गया। प्रदेश अध्यक्ष संगठन की कमान संभालते रहे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले नेतृत्व ने युवा अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और उन्हीं को आगे कर चुनाव लड़ा, फिलहाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं मगर मुलायम सिंह ने सोमवार को एक अप्रत्याशित फैसले में शिवपाल को प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर दिया है। यह पद अध्यक्ष से ऊपर माना जाता है। इस फैसले को लेकर सपा में कयासबाजी शुरू हो गयी है, हालांकि सपा मुखिया केमीडिया सलाहकार त्रिलोक सिंह मेहता का कहना है कि चुनाव करीब है, संगठन का काम बढ़ेगा। इसकी जिम्मेदारियां बांटी जानी है, पार्टी अध्यक्ष का निर्णय इसी दिशा में है। जबकि कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विपक्षी खासकर भाजपा व बसपा 'आक्रामकÓ चुनावी रणनीति की राह पर दिख रहे हैं, चुनाव नजदीकी आते ही सांप्रदायिक, जातीय गोलबंदी का प्रयास बढ़ेगा। ऐसे में विपक्षियों को उन्हीं की जुबान में जवाब देने के लिए शिवपाल को मोर्चे पर लगाया गया है। तर्क है कि पार्टी नेतृत्व अखिलेश के साफ-सुथरे चेहरे को सामने कर चुनावी समर में कूदने की तैयारी में हैं, ऐसे में वह उन्हें विवाद में फंसने से बचाना चाहती है जबकि एक तबका मुलायम के इस निर्णय को 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़ से जोड़कर देख रहा है।
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रिपीट होगी सपा सरकार:शिवपाल
प्रदेश प्रभारी नियुक्त होने के बाद शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी से बड़ा, ताकतवर और जुझारू संगठन किसी भी दल के पास नहीं है। संगठन की ताकत और अखिलेश सरकार के विकास कार्यो के बल पर समाजवादी सरकार रिपीट होगी। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी है, वह उसको पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे। यादव का कहना है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश के साथ चर्चा के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
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१२ अप्रैल २०१६
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मुलायम-शिवपाल के बीच हुआ चुनावी मंथन
-प्रभारी बनने पर मुलायम से मिलने पहुंचे शिवपाल
-तकरीबन एक घंटे बंद कमरे में दोनों ने की चर्चा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त होने के दूसरे ही दिन शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। एक घंटे की इस मुलाकात में विधानसभा चुनाव की तैयारी, प्रत्याशी चयन, संगठन को प्रभावशाली बनाने पर चर्चा हुई। जल्द संगठन में फेरबदल के संकेत मिले हैं।
शिवपाल यादव यूं तो सपा मुखिया मुलायम सिंह के छोटे भाई हैं और दूसरे-तीसरे दोनों की मुलाकात होती रहती है, मगर प्रदेश प्रभारी नियुक्त होने केदूसरे ही दिन विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर मुलायम से उनकी भेंट को सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सपा सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में हारी सीटों पर घोषित 144 प्रत्याशियों में 50 से 60 फीसद के बदले जाने की चर्चा से संभावित नुकसान और कार्यकर्ताओं में असमंजस पर बातचीत हुई। जिसमें सपा मुखिया ने 'जिताऊÓ की श्रेणी से बाहर प्रत्याशी बदलने का इशारा किया तो निष्ठावान प्रत्याशियों को पूरी ताकत देने की बात भी प्रभारी से कही।
सपा सूत्रों का कहना है कि टिकट बंटवारे में युवा ब्रिगेड को तवज्जो देने पर भी दोनों ने राय बनायी। जातीय-क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित करने की क्षमता के बावजूद उपेक्षित महसूस कर रहे 'ओहदेदारोंÓ में नई ऊर्जा भरने को लेकर भी रणनीति बनायी है। समझा जा रहा है कि आने वाले दिनों में ऐसे लोगों का सरकार या संगठन में महत्व बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व को यह अंदेशा भी है कि चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले विपक्षी पार्टियां प्रभावशाली सपाइयों का दल-बदल कराने का प्रयास कर सकती हैं, ऐसे में 'अपनोंÓ को एकजुट करने की जिम्मेदारी भी शिवपाल यादव को सौंपी गयी है। सपा सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी की इस मुलाकात उभरे सवालों का जवाब तलाशने के लिए जल्द ही 'समाजवादी परिवारÓ बैठक हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महसाचिव प्रो.राम गोपाल यादव, मंत्री आजम खां, बलराम यादव, महासचिव अरविंद सिंह गोप, सचिव एसआरएस यादव और मंत्री राजेन्द्र चौधरी को शामिल किया जा सकता है। नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी व मंत्री शिवपाल यादव का कहना है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिष्टाचार मुलाकात करने गये थे। कहा कि दो राजनीतिक व्यक्ति बैठेंगे तो राजनीति पर ही चर्चा होगी।
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फैसले का स्वागत
समाजवादी प्रबुद्धसभा ने शिवपाल यादव को प्रदेश प्रभारी नियुक्त करने का स्वागत किया है। सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि इससे संगठन को मजबूती मिलेगी और विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।
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१८ अप्रैल २०१६
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सपा की 'शह पर भाजपा का 'दांव
-चुनावी समर से पहले प्रत्याशी टूटने से बेचैनी
-अब बाकी प्रत्याशियों पर नजर, बदलेगी रणनीति
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लखनऊ : विधानसभा चुनाव की डुगडुगी में अभी वक्त है मगर प्रदेश की बिसात पर तैयार खड़े मोहरों को पाले में कर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने के दांव चले जाने लगे हैं। सपा ने हाल ही में आगरा की एक फायरब्रांड नेत्री व फतेहपुर के एक अखाड़ेबाज को भाजपा से अपने पाले में लाकर जो 'शहÓ दी थी, दो दिन बाद ही भाजपा ने आगरा (ग्रामीण) की सपा प्रत्याशी को अपने साथ मिलाकर अपना दांव चला है। यह दांव 'शहÓ के जवाब में 'मातÓ के रूप में तब्दील होगा कि नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा किन्तु चुनावी समर से पहले प्रत्याशी टूटने से समाजवादी पार्टी में खासी बेचैनी है।
समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 में हारी हुई सीटों में 143 पर मार्च में प्रत्याशी घोषित कर विपक्षी दलों पर बढ़त का प्रयास किया मगर सूची जारी होते ही प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया। सहारनपुर से प्रत्याशी बनाये गए शहनवाज राणा का नाम कुछ घंटों में कट गया। वाराणसी, फतेहपुर, बांदा, बस्ती, महराजगंज में प्रत्याशियों का विरोध सड़क पर आ गया। जिसे थामने के प्रयास नाकाम होने पर पार्टी ने बांदा, अयाहशाह, खागा (सु), बांदा, बिंदकी और पनियरा के प्रत्याशी बदल दिये गए। मगर कई जिलों में प्रत्याशियों का विरोध बरकरार है, ऐसे में पार्टी ने दूसरे दलों के कुछ प्रभावशाली लोगों को पार्टी में लाकर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने का नुस्खा आजमाने का प्रयास किया। इसके अंतर्गत हाल ही में भड़काऊ बयान देकर चर्चा में आयीं भाजपा की बृज क्षेत्र उपाध्यक्ष कुंजलिका शर्मा व फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र निवासी पूर्व मंत्री अमरजीत जनसेवक को समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ाने का ऐलान तक कर दिया। यह बढ़त कोई नया गुल खिलाती इससे पहले ही भाजपा ने आगरा ग्र्रामीण से सपा की प्रत्याशी हेमलता दिवाकर को तोड़कर समाजवादी पार्टी को उसी के अंदाज में जवाब दिया। सियासी विश्लेषकों की नजर से देखा जाए तो प्रदेश सरकार चला रही पार्टी की घोषित प्रत्याशी का विपक्षी खेमें में चले जाने को सियासत की बड़ी 'मातÓ माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आगरा ग्र्रामीण की प्रत्याशी से मिले झटके के बाद समाजवादी पार्टी ने हारी हुई सीटों पर घोषित प्रत्याशियों की कार्य प्रणाली पर न सिर्फ नजर टिका दी है बल्कि उसके दूसरे दलों से दोस्ती के प्रभाव का आंकलन भी किया जा रहा है। पार्टी जल्दी ही हारी हुई सीटों पर बचे हुए प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली थी, लेकिन आगरा से मिले झटके ने रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले प्राधिकारी क्षेत्र कोटे की विधान परिषद सीटों के चुनाव में सहारनपुर से शहनवाज राणा को प्रत्याशी घोषित किया था, मगर वह नामांकन दाखिल करने से पहले ही 'बीमारÓ हो गए। इसी तरह बांदा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा की घोषित प्रत्याशी दीपा गौर ने चुनाव लडऩे से ही इनकार कर दिया और गोरखपुर, सीतापुर में पार्टी के नेताओं ने घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध बगावत कर जीत हासिल की थी। सपा के रणनीतिकार अब इन सब बिन्दुओं पर मंथन में जुट गये हैं। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेश दीक्षित का कहना है कि पार्टी के पास इस बात की पुख्ता सूचना थी कि हेमलता दिवाकर का जनता में जनाधार नहींं है, लिहाजा वह क्षेत्र में टिकट में बदलाव पर विचार कर रही थी। इसकी जानकारी होने पर ही उन्होंने पाला बदला है।
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फेरबदल के बाद नए प्रत्याशी
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अयाहशाह: रीता प्रजापति
खागा (सु): विनोद पासवान
बांदा: कमल सिंह मौर्य
बिंदकी: टिकट कटा नया घोषित नहीं
मडिहान: रविन्द्र बहादुर पटेल
बस्ती: उमाशंकर पटवा
आगरा दक्षिण: डॉ.रोली मिश्र
पनियरा: श्रीमती सुमन ओझा
बिंदकी: अमर जीत सिंह जनसेवक
आगरा (उत्तर): कुंजलिका शर्मा
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17.06.2016 को घोषित
-सपा ने विधानसभा 11 और प्रत्याशी घोषित किये
-नये चेहरों पर दांव, रूबी, विजय अब सपा प्रत्याशी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: विधानसभा-2017 के चुनावी समर में सियासी योद्धा उतारने में अग्र्रणी समाजवादी पार्टी ने ग्यारह और प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। राज्यसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर सपा उम्मीदवारों को वोट करने वाले विजय बहादुर और दुद्धी (सोनभद्र) की विधायक रूबी प्रसाद को भी सपा ने टिकट दिया है। इससे सपा के घोषित उम्मीदवारों की संख्या 158 हो गयी है।
समाजवादी पार्टी ने मार्च में हारी हुई सीटों पर 141 प्रत्याशियों में पहली सूची जारी की थी, फिर आधा दर्जन उम्मीदवार बदल दिये। शुक्रवार को प्रदेश प्रभारी व मंत्री शिवपाल यादव ने दस और सीटों के प्रत्याशी घोषित किये। इसमें गोरखपुर (ग्र्रामीण) से भाजपा विधायक विजय बहादुर यादव का भी नाम है। सपा ने उन्हें गोरखपुर (ग्र्रामीण) से अपनी उम्मीदवार बनाया है। यादव ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के ह्विïप का उल्लंघन कर सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट दिया था। उनको प्रत्याशी बनाने के लिये पूर्व में घोषित प्रत्याशी जफर अमीन 'डक्कूÓ का टिकट काट दिया गया है। वर्ष 2012 के चुनाव में डक्कू 41864 वोट पाकर दूसरे स्थान पर थे। कांग्र्रेस के समर्थन से दुद्धी (सोनभद्र) से चुनाव जीती रूबी प्रसाद को भी सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। उपचुनाव में कांग्र्रेस प्रत्याशी से पराजित हुई स्व:राजेन्द्र सिंह राणा की पत्नी मीना राणा पर सपा ने फिर दांव लगाते हुए उन्हें देवबंद से प्रत्याशी घोषित किया है। दस प्रत्याशियों की इस सूची में खास बात यह है कि पार्टी ने वर्ष 2012 में प्रत्याशी रहे लोगों को टिकट देने से गुरेज किया है। उनके स्थान परनये चेहरों को मौका दिया गय है, जो सपा की भविष्य की सियासी दिशा का संकेत भी है। बरेली के मीरगंज सीट के प्रत्याशी जाहिद हुसैन गुड्डू जरूर अपवाद हैं, पिछले चुनाव में गुड्डू 35,299 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे, मगर पार्टी ने इस बार भी उन पर विश्वास जताया है।
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श्याम सुंदर सपा में शामिल, प्रत्याशी बने
झांसी निवासी व विधान परिषद सदस्य रहे श्याम सुंदर यादव ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्र्रहण कर ली, वह पहले भी सपा में रह चुके है। उनकी 'घर वापसीÓ कराने के साथ प्रदेश प्रभारी शिवपाल यादव ने उन्हें बबीना से पार्टी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। इस सीट से पिछला चुनाव चन्द्रपाल यादव ने लड़ा था और हार गये थे। बाद में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया।
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कौन कहां से प्रत्याशी
1-देवबंद- श्रीमती मीना राणा
2-जेवर-वेवन नागर
3-मथुरा- डॉ.अशोक अग्रवाल
4-आगरा ग्रामीण-राकेश बघेल
5-मीरगंज-हाजिद जाहिद हुसैन गुड्डू
6-बबीना-श्याम सुंदर यादव (पूर्व एमएलसी)
7-झांसी नगर-दीप माला कुशवाहा
8-गोरखपुर ग्रामीण- विजय बहादुर यादव
9-देवरिया- विजय प्रताप यादव
10-मझंवा-प्रभावती यादव
11-दुद्धी-रूबी प्रसाद (मौजूदा विधायक)
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-पीस पार्टी के विधायक कमाल युसूफ, अनीसुर्रहमान और निर्दल विजय सिंह को सपा का टिकट
-टिकट पाने वालों में विधान परिषद सदस्य अंबिका चौधरी व उमर अली खान भी
-हारी हुई 25 और सीटों पर अभी उम्मीदवारों की घोषणा बाकी
-सूची जारी करने के ढाई घंटे बाद उम्मीदवारों पर सपा का असमंजस शुरू
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने 2017 के विधान सभा चुनाव को लेकर अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। चुनाव से करीब एक वर्ष पहले ही हारी हुई सीटों पर 141 उम्मीदवार प्रस्तावित कर दिए गए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इन उम्मीदवारों की घोषणा की। इनमें पीस पार्टी के दो और एक निर्दल विधायक के साथ ही सपा के दो विधान परिषद सदस्यों का भी नाम शामिल है।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में मंत्री अरविन्द सिंह गोप और राजेन्द्र चौधरी के साथ आये शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से कहा कि शेष सीटों पर उम्मीदवारों का नाम राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने बताया कि अभी 25 हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाने बाकी हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में मुरादाबाद के कांठ सीट से पीस पार्टी के टिकट पर जीते अनीसुर्रहमान और सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज से जीते मलिक कमाल युसूफ तथा फर्रुखाबाद से निर्दल जीते विजय सिंह को सपा ने उम्मीदवार बनाया है। यह पूछे जाने पर कि आपके यहां घोषित करने के बाद उम्मीदवारों के बदलने का सिलसिला चलता रहता है, शिवपाल ने कहा कि उम्मीदवार बदलने का काम सेंट्रल पार्लियामेंट कमेटी या राष्ट्रीय अध्यक्ष कर सकते हैं। अध्यक्ष को उम्मीदवार बदलने का पूरा अधिकार है। पार्टी ने पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे ज्यादातर उम्मीदवारों को फिर मौका दिया है। पार्टी में उम्मीदवारों को लेकर असमंजस की स्थिति सूची जारी करने के ढाई घंटे बाद ही शुरू हो गयी। पार्टी ने पहले मुजफ्फरनगर के मीरापुर से शाहनवाज राणा को उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन बाद में वापस ले लिया। सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारन सीट पर पहले विश्वदयाल छोटन को उम्मीदवार बनाया लेकिन ढाई घंटे बाद विमला राकेश का नाम प्रस्तावित कर दिया।
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तीन प्रत्याशियों पर पुनर्विचार होगा
प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही कुछ प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध के स्वर उभरने लगे। सबसे ज्यादा हैरानी फतेहपुर सीकरी से प्रत्याशी घोषित राज कुमार चहार को लेकर थी। चहार को जिला इकाई के लोग भी नहीं जानते थे। ऐसे ही फीरोजाबाद के प्रत्याशी शमशाद अहमद बाबा और खैरागढ़ के प्रत्याशी विनोद कुमार सिकरवार के प्रत्याशिता को लेकर विरोध के स्वर नेतृत्व तक पहुंच गये। इस पार्टी ने इन तीनों टिकट पर पुनर्विचार का फैसला किया है। सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि प्रत्याशियों के बारे में पार्टी का फैसला सर्वो'च होता है, कार्यकर्ताओं की ओर से कोई बात आती है तो नेतृत्व पर उस पर विचार करता है। इन मामलों में भी पार्टी पुनर्विचार करेगी। संकेत है कि तीनों प्रत्याशी बदले जा सकते हैं।
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विधान सभा क्षेत्र - प्रस्तावित उम्मीदवार
1. बेहट - उमर अली खान
2. सहारनपुर नगर - संजय गर्ग
&. सहारनपुर देहात - अब्दुल वाहिद
4. रामपुर मनिहारन सुरक्षित - विमला राकेश
5. गंगोह - रुद्रसेन चौधरी
6. थाना भवन - किरनपाल कश्यप
7. शामली - मनीष कुमार चौहान
8. चरथावल - मुकेश कुमार चौधरी
9. पुरकाजी सुरक्षित - उमा किरन
10. खतौली- श्यामलाल ब'ची सैनी
11. मुगलसराय (चंदौली) - बाबूलाल यादव
12. नजीबाबाद - अबरार आलम अंसारी
1&. बढ़ापुर - शेख सुलेमान
14. नहटौर सुरक्षित - मुन्ना लाल प्रेमी
15. चांदपुर - शेरबाज पठान
16. नूरपुर - नईमुल हसन
17. कांठ - अनीसुर्रहमान
18. सरधना - अतुल प्रधान
19. मेरठ कैंट - सरदार परविन्दर सिंह
20. मेरठ शहर - रफीक अंसारी
21. मेरठ दक्षिण - हाजी आदिल चौधरी
22. छपरौली - हाजी तराबुद्दीन
2&. बड़ौत - चौधरी साहब सिंह
24. बागपत - डॉ. कुलदीप उज्ज्वल
25. लोनी - ईश्वर मावी
26. मुरादनगर - दिशांत त्यागी
27. साहिबाबाद - राशिद मलिक
28. गाजियाबाद - डॉ. सागर शर्मा
29. मोदी नगर - राम आसरे शर्मा
&0. हापुड़ सुरक्षित - तेजपाल सिंह
&1. नोएडा - अशोक कुमार चौहान
&2. दादरी - विक्रम सिंह भाटी
&&. सिकंदराबाद - अब्दुल रब
&4. बुलंदशहर - मोहम्मद मुस्तकीम अल्वी
&5. अनूप शहर - हिमायत अली
&6. ख्ुार्जा सुरक्षित - सुनीता चौहान
&7. खैर सुरक्षित - प्रशांत कुमार बाल्मिकी
&8. बरौली - सुभाष बाबू लोधी
&9. इगलास सुरक्षित - कन्हैया लाल दिवाकर
40. हाथरस सुरक्षित - राम नारायण काके
41. सिकंदराराऊ - यशपाल सिंह चौहान
42. छाता - लोक मणि कांत जादौन
4&. मांट - जगदीश नोहवार
44. गोवद्र्धन - किशोर सिंह
45. एतमादपुर - डॉ. प्रेम सिंह बघेल
46. आगरा ग्रामीण - हेमलता दिवाकर
47. फतेहपुर सीकरी - राजकुमार चाहर
48. खैरागढ़ - विनोद कुमार सिकरवार
49. फतेहाबाद - डॉ. राजेन्द्र सिंह
50. आगरा कैंट सुरक्षित - चंद्रसेन टपलू
51. टूंडला सुरक्षित - महराज सिंह धनगर
52. फीरोजाबाद - शमशाद अहमद बाबा
5&. अमापुर - वीरेन्द्र सिंह सोलंकी
54. बिल्सी - उदयवीर सिंह शाक्य
55. दातागंज - अवनीश यादव
56. बिथरी चैनपुर - वीरपाल सिंह यादव
57. बरेली शहर - शेर अली जाफरी आल्वी
58. बरेली कैंट - हाजी इस्लाम बाबू
59. आंवला - महिपाल सिंह यादव
60. बीसलपुर - नीरज गंगवार
61. जलालाबाद - शरदवीर सिंह
62. तिलहर - अनवर अली उर्फ जकीउर्रहमान
6&. शाहजहांपुर - तनवीर अहमद खां
64. पलिया - अनीता यादव
65. धौरहरा - यशपाल चौधरी
66. मोहम्मदी - डॉ. आरए उस्मानी
67. हरगांव सुरक्षित - मनोज कुमार राजवंशी
68. लहरपुर - अनिल कुमार वर्मा
69. सवाइजपुर - पद्मराग सिंह यादव पम्मू
70. बिलग्राम मल्लावां - सुभाष पाल
71. मोहान सुरक्षित - भगवती प्रसाद
72. उन्नाव - मनीषा दीपक
7&. लखनऊ पूर्वी - डॉ. श्वेता सिंह
74. तिलोई - मयंकेश्वर सिंह
75. रायबरेली सदर - आरपी यादव
76. जगदीशपुर सुरक्षित - विजय कुमार पासी
77. फर्रुखाबाद - विजय सिंह
78. सिकंदरा - महेन्द्र कटियार
79. गोविंदनगर - सुनील शुक्ला
80. आर्यनगर - श्रीमती रीता बहादुर सिंह
81. किदवईनगर - ओम प्रकाश मिश्रा
82. कानपुर कैंट - हाजी परवेज अंसारी
8&. महराजपुर - अरुणा तोमर
84. माधौगढ़ - लाखन सिंह कुशवाहा
85. कालपी - चौधरी विष्णुपाल सिंह उर्फ नन्नू राजा
86. ललितपुर - श्रीमती ज्योति लोधी
87. महरौनी सुरक्षित- रमेश कुमार खटीक
88. राठ सुरक्षित - अम्बेश कुमारी
89. महोबा - सिद्धगोपाल साहू
90. तिंदवारी - दीपा सिंह गौर
91. नरैनी सुरक्षित - भरत लाल दिवाकर
92. बांदा - देवराज गुप्ता-टिकट कटा अब कमल सिंह मौर्य प्रत्याशी (नया नाम, चित्रकूट में घर)
9&. मानिकपुर - निर्भय सिंह पटेल
94. बिंदकी - समरजीत सिंह -टिकट कटा नया नाम घोषित नहीं (०६.०४ का निर्णय)
95. फतेहपुर - चंद्रप्रकाश लोधी
96. अयाहशाह - दलजीत निषाद -टिकट कटा श्रीमती रीता प्रजापति प्रत्याशी (मंत्री गायत्री की सिफारिश)
97. हुसैनगंज - मोहम्मद शफीर
98. खागा सुरक्षित - ओमप्रकाश गिहार- टिकट कटा विनोद पासवान प्रत्याशी (०६.०४ का निर्णय)
99. विश्वनाथगंज - संजय पाण्डेय
100. मंझनपुर सुरक्षित - हेमंत कुमार टुन्नू
101. चायल - चंद्रबली सिंह पटेल
102. करछना - उज्ज्वल रमण सिंह
10&. इलाहाबाद पश्चिम - ज्योति यादव
104. कोरांव - रामदेव निडर कोल
105. रुदौली - अब्बास अली जैदी
106. महसी - राजेश त्रिपाठी
107. कैसरगंज - रामतेज यादव
108. कटरा बाजार - बैजनाथ दुबे
109. बांसी - लालजी यादव
110. डुमरियागंज - कमाल यूसुफ
111. कप्तानगंज - राना कृष्ण किंकर सिंह
112. रुधौली - अनूप पाण्डेय
11&. खलीलाबाद - सुबोध चंद्र यादव
114. पनियारा- कृष्णभान सिंह सैंथवार
115. कैम्पियरगंज - चिंता यादव
116. गोरखपुर सदर - संजय सिंह
117. सहजनवां - यशपाल सिंह रावत- २३.४ को टिकट कटा अब मनोज यादव प्रत्याशी (यह घोषणा जगजीवन प्रसाद ने की)
118. खजनी सुरक्षित - जोखू पासवान
119. चौरीचौरा - केशव यादव
120. बांसगांव - संजय पहलवान
121. चिल्लूपार - राजेन्द्र सिंह पहलवान
122. खड्डा - नथुनी कुशवाहा
12&. पडऱौना - बिजेन्द्र पाल सिंह यादव
124. तमकुही राज - डॉ. पीके राय
125. फाजिलनगर - विश्वनाथ सिंह
126. रुद्रपुर - प्रदीप यादव
127. मुबारकपुर - रामदर्शन यादव
128. मधुबन - राजेन्द्र मिश्रा
129. मऊ - अल्ताफ अंसारी
1&0. रसड़ा - सनातन पाण्डेय
1&1. फेफना - अंबिका चौधरी
1&2. जौनपुर - जावेद सिद्दीकी
1&&. मुंगरा बादशाहपुर - ज्वाला प्रसाद यादव
1&4. मोहम्दाबाद - राजेश कुशवाहा
1&5. सकलडीहा - प्रभु नारायण सिंह यादव
1&6. पिंड्रा - डॉ. रामबालक सिंह पटेल
1&7. अजगरा सुरक्षित - लालजी सोनकर
1&8. शिवपुर - अरविंद कुमार मौर्य
1&9. वाराणसी उत्तरी - हाजी अब्दुल समद अंसारी
140. वाराणसी दक्षिण - अशफाक अहमद डब्लू
141. वाराणसी कैंट - श्रीमती रीबू श्रीवास्तव
142-कैन्ट लखनऊः श्रीमती अर्पणा यादव विष्ट (मुलायम की बहू)
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फेरबदल के बाद नए प्रत्याशी
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143-अयाहशाह : रीता प्रजापति
144-खागा (सु): विनोद पासवान
145-बांदा : कमल सिंह मौर्य
146-बिंदकी : टिकट कटा नया घोषित नहीं
147-मडि़हान : रविन्द्र बहादुर पटेल
148-बस्ती : उमाशंकर पटवा
149-आगरा दक्षिण : डॉ.रोली मिश्र
150-पनियरा : श्रीमती सुमन ओझा
151-बिंदकी : अमर जीत सिंह जनसेवक
152-आगरा (उत्तर) : कुंजलिका शर्मा
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सपा ने हारी सीटों पर बदले आधे से ज्यादा चेहरे
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-पहली सूची में 76 टिकट बदलकर रोचक मुकाबले की कोशिश
-65 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशियों में भी &1 बदले
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए जारी की गयी पहली सूची में 76 टिकट बदलकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की है। पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे &1 प्रत्याशियों सहित हारी सीटों पर आधे से ज्यादा चेहरे बदल दिये गए हैं।
शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने जिन 141 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है, उनमें सीट-दर-सीट समीकरणों का ध्यान रखा गया है। यही कारण है कि पिछली बार चुनाव लड़े 76 लोग इस बार चुनाव मैदान में नहीं दिखेंगे। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा इन 141 सीटों में से तीन सीटें जीती थीं, किन्तु बीच में हुए उपचुनावों में उसे यह सीटें गंवानी पड़ीं। इनमें से उन्नाव में दीपक कुमार की पत्नी मनीषा दीपक, प्रतापगढ़ की विश्वनाथगंज सीट पर राजाराम पाण्डेय के पुत्र संजय पाण्डेय टिकट पाए हैं। फतेहपुर सीट भी सपा के पास थी, जिस पर चंद्र प्रकाश लोधी को उतारा गया है। दूसरे स्थान पर रहे 65 प्रत्याशी भी अपनी टिकट नहीं बचा सके हैं। इनमें से &1 के टिकट बदल गए हैं और सिर्फ &4 को ही इस बार फिर मौका मिला है।
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तीसरे स्थान पर रहे 24 पाए टिकट
घोषित 141 सीटों में से पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी 42 सीटों पर तीसरे और 24 सीटों पर चौथे स्थान पर रही थी। तीसरे स्थान पर रहे लोगों में से 24 लोग दोबारा टिकट पाने में सफल हो गए हैं। सिर्फ 18 लोगों के ही टिकट बदले गए हैं। पिछली बार चौथे स्थान पर रहे तीन लोग भी इस बार टिकट पा गए हैं। चौैथे स्थान पर रहने वाले 24 में से 21 को इस बार टिकट नहीं मिले हैं और इन सीटों पर नए चेहरे दिखाई देंगे।
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...पर ये निकले खुशकिस्मत
शुक्रवार को घोषित प्रत्याशियों का आकलन करें तो पिछले चुनाव में दूसरे, तीसरे व चौथे स्थान पर रहने वाले 70 लोगों को भले ही टिकट न दिया गया हो, पर पांचवें स्थान पर रहे पांच में से दो प्रत्याशी टिकट पा गए हैं। शेष तीन प्रत्याशियों को इस बार मौका नहीं मिलेगा। इसी तरह छठे व आठवें स्थान पर रहे एक-एक प्रत्याशी भी इस बार सपा की सूची में अपना स्थान नहीं बना सके हैं।
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नये तरीके पर सहेजे पुराने समीकरण
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-20 फीसद मुसलमान, 10 फीसद महिला प्रत्याशी
-15 फीसद पहली दफा महसूस करेंगे चुनाव का ताप
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लखनऊ : सत्ता-संगठन की कमान युवा हाथों में सौंपने का प्रयोग कर चुकी समाजवादी पार्टी ने अब चुनावी डुगडुगी से महीनों पहले प्रत्याशी घोषित करने का दांव चला है। वर्ष 2012 में हारी सीटों में से 141 के प्रत्याशियों की पहली सूची में 20 फीसद टिकट मुसलमानों व दस फीसद महिलाओं की झोली में डालकर वोट बैंक साधने का प्रयास भी हुआ है।
समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 के चुनावों से पहले ही संगठन की कमान अखिलेश यादव को सौंप दी थी। बाद में वे ही मुख्यमंत्री भी बने। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद अखिलेश यादव ने भी ग्रामीणों की पार्टी वाली छवि तोड़कर सपा को ट्विटर, फेसबुक और अंग्रेजी बोलने वाली माडर्न पार्टी बनाने का प्रयास किया। अब विधानसभा चुनाव-2017 की डुगडुगी से बहुत पहले वर्ष 2012 में हारी सीटों में से 141 प्रत्याशी घोषित करने का प्रयोग किया है। पार्टी के लिए इतने पहले प्रत्याशी घोषित करना नया प्रयोग माना जा रहा है। वैसे सूची जारी होते ही बदलने व प्रत्याशिता रोकने का सिलसिला भी शुरू हो गया। अभी कुछ और टिकट बदलने की चर्चा भी रात तक होती रही। हालांकि, इस टिकट वितरण में पार्टी ने परंपरागत समीकरणों पर भी भरोसा बनाये रखा। मुसलमान, पिछड़ा, अति पिछड़े, ब्राह्मïण, क्षत्रिय को टिकट देने की पार्टी की पुरानी लाइन पर चलने की कोशिश हुई है। युवा ब्रिगेड के निर्भय सिंह पटेल, अतुल प्रधान व डॉ.श्वेता सिंह को हारी हुई सीटों पर प्रत्याशी बनाने का जोखिम भी पार्टी ने उठाया है। इस सूची के प्रत्याशियों में 15 फीसद ऐसे हैं जो पहली बार विधानसभा के समर का ताप महसूस करेंगे। इस सूची में जिताऊ उम्मीदवारों की आस में दूसरे दलों में सेंध लगाने का प्रयास भी दिखायी दे रहा है। पीस पार्टी के मौजूदा विधायक अनीसुर्ररहमान को मुरादाबाद की कांठ सीट और निर्दल विधायक विजय सिंह को फर्रुखाबाद से उम्मीदवार बनाया जाना, इसी कड़ी का हिस्सा है। राष्ट्रीय लोकदल से आये अबरार आलम को भी नजीबाबाद से प्रत्याशी बनाया है जबकि समरजीत सिंह बिंदकी से प्रत्याशी बनाये गये हैं। टिकट बंटवारे में पार्टी ने पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों व पदाधिकारियों के परिवार को तवज्जो देने से गुरेज नहीं किया है। आधा दर्जन लोग परिवार कोटे से टिकट पाने में कामयाब रहे हैं।
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वर्ष-2012 की दलीय स्थिति
समाजवादी पार्टी- 224
बसपा- 80
भाजपा- 47
कांग्रेस- 28
रालोद- 09
निर्दल- 06
छोटे दल- 09
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-वर्ष 2012 में रालोद के जयंत चौधरी के सीट छोडऩे के बाद हुए उपचुनाव में माठ सीट तृणमूल कांग्र्रेस के प्रत्याशी ने जीत थी।
-वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद 16 सीटों के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने नौ, भाजपा ने पांच और कांग्रेस व अपना दल ने एक-एक सीट जीती थी।
-वर्ष 2015 में फरेंदा व चरखारी विधानसभा के उपचुनाव हुए और दोनों सीटें सपा के खाते में गयीं।
-वर्ष 2016 में देवबंद, मुजफ्फरनगर और बीकापुर विधानसभा के चुनाव में एक सपा, एक भाजपा और एक कांग्र्रेस ने झटक ली।
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अब दलीय स्थिति
समाजवादी पार्टी- 227
बसपा- 80
भाजपा- 41
कांग्रेस- 29
रालोद- 08
निर्दल- 06
छोटे दल: 10
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रिक्त सीटें : जंगीपुर, बिलारी
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शहनवाज राणा को टिकट देकर दो घन्टे के अंदर ही काटा गया।
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११ अप्रैल २०१६
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सपा में थमेगी 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़!
-वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव प्रदेश प्रभारी नियुक्त
-पहली बार किसी को बनाया गया प्रदेश प्रभारी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : विधानसभा चुनाव का कील-कांटा दुरुस्त करने में जुटे समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने एक अप्रत्याशित फैसले में राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव को सपा का प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी में पहली बार यह पद सृजित किया गया है, इसे विपक्ष की 'आक्रामकÓ रणनीति का जवाब और पार्टी के अंदर 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़ थामने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
अक्टूबर 1992 में गठन के बाद से अब तक समाजवादी पार्टी के सफर में कभी प्रदेश प्रभारी नियुक्त नहीं किया गया। प्रदेश अध्यक्ष संगठन की कमान संभालते रहे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले नेतृत्व ने युवा अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और उन्हीं को आगे कर चुनाव लड़ा, फिलहाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं मगर मुलायम सिंह ने सोमवार को एक अप्रत्याशित फैसले में शिवपाल को प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर दिया है। यह पद अध्यक्ष से ऊपर माना जाता है। इस फैसले को लेकर सपा में कयासबाजी शुरू हो गयी है, हालांकि सपा मुखिया केमीडिया सलाहकार त्रिलोक सिंह मेहता का कहना है कि चुनाव करीब है, संगठन का काम बढ़ेगा। इसकी जिम्मेदारियां बांटी जानी है, पार्टी अध्यक्ष का निर्णय इसी दिशा में है। जबकि कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विपक्षी खासकर भाजपा व बसपा 'आक्रामकÓ चुनावी रणनीति की राह पर दिख रहे हैं, चुनाव नजदीकी आते ही सांप्रदायिक, जातीय गोलबंदी का प्रयास बढ़ेगा। ऐसे में विपक्षियों को उन्हीं की जुबान में जवाब देने के लिए शिवपाल को मोर्चे पर लगाया गया है। तर्क है कि पार्टी नेतृत्व अखिलेश के साफ-सुथरे चेहरे को सामने कर चुनावी समर में कूदने की तैयारी में हैं, ऐसे में वह उन्हें विवाद में फंसने से बचाना चाहती है जबकि एक तबका मुलायम के इस निर्णय को 'वरिष्ठ बनाम युवाÓ की होड़ से जोड़कर देख रहा है।
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रिपीट होगी सपा सरकार:शिवपाल
प्रदेश प्रभारी नियुक्त होने के बाद शिवपाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी से बड़ा, ताकतवर और जुझारू संगठन किसी भी दल के पास नहीं है। संगठन की ताकत और अखिलेश सरकार के विकास कार्यो के बल पर समाजवादी सरकार रिपीट होगी। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी है, वह उसको पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे। यादव का कहना है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश के साथ चर्चा के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे।
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१२ अप्रैल २०१६
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मुलायम-शिवपाल के बीच हुआ चुनावी मंथन
-प्रभारी बनने पर मुलायम से मिलने पहुंचे शिवपाल
-तकरीबन एक घंटे बंद कमरे में दोनों ने की चर्चा
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त होने के दूसरे ही दिन शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। एक घंटे की इस मुलाकात में विधानसभा चुनाव की तैयारी, प्रत्याशी चयन, संगठन को प्रभावशाली बनाने पर चर्चा हुई। जल्द संगठन में फेरबदल के संकेत मिले हैं।
शिवपाल यादव यूं तो सपा मुखिया मुलायम सिंह के छोटे भाई हैं और दूसरे-तीसरे दोनों की मुलाकात होती रहती है, मगर प्रदेश प्रभारी नियुक्त होने केदूसरे ही दिन विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर मुलायम से उनकी भेंट को सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सपा सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात में हारी सीटों पर घोषित 144 प्रत्याशियों में 50 से 60 फीसद के बदले जाने की चर्चा से संभावित नुकसान और कार्यकर्ताओं में असमंजस पर बातचीत हुई। जिसमें सपा मुखिया ने 'जिताऊÓ की श्रेणी से बाहर प्रत्याशी बदलने का इशारा किया तो निष्ठावान प्रत्याशियों को पूरी ताकत देने की बात भी प्रभारी से कही।
सपा सूत्रों का कहना है कि टिकट बंटवारे में युवा ब्रिगेड को तवज्जो देने पर भी दोनों ने राय बनायी। जातीय-क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित करने की क्षमता के बावजूद उपेक्षित महसूस कर रहे 'ओहदेदारोंÓ में नई ऊर्जा भरने को लेकर भी रणनीति बनायी है। समझा जा रहा है कि आने वाले दिनों में ऐसे लोगों का सरकार या संगठन में महत्व बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सपा नेतृत्व को यह अंदेशा भी है कि चुनाव की डुगडुगी बजने से पहले विपक्षी पार्टियां प्रभावशाली सपाइयों का दल-बदल कराने का प्रयास कर सकती हैं, ऐसे में 'अपनोंÓ को एकजुट करने की जिम्मेदारी भी शिवपाल यादव को सौंपी गयी है। सपा सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी की इस मुलाकात उभरे सवालों का जवाब तलाशने के लिए जल्द ही 'समाजवादी परिवारÓ बैठक हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, महसाचिव प्रो.राम गोपाल यादव, मंत्री आजम खां, बलराम यादव, महासचिव अरविंद सिंह गोप, सचिव एसआरएस यादव और मंत्री राजेन्द्र चौधरी को शामिल किया जा सकता है। नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी व मंत्री शिवपाल यादव का कहना है कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष से शिष्टाचार मुलाकात करने गये थे। कहा कि दो राजनीतिक व्यक्ति बैठेंगे तो राजनीति पर ही चर्चा होगी।
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फैसले का स्वागत
समाजवादी प्रबुद्धसभा ने शिवपाल यादव को प्रदेश प्रभारी नियुक्त करने का स्वागत किया है। सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने कहा कि इससे संगठन को मजबूती मिलेगी और विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।
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१८ अप्रैल २०१६
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सपा की 'शह पर भाजपा का 'दांव
-चुनावी समर से पहले प्रत्याशी टूटने से बेचैनी
-अब बाकी प्रत्याशियों पर नजर, बदलेगी रणनीति
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लखनऊ : विधानसभा चुनाव की डुगडुगी में अभी वक्त है मगर प्रदेश की बिसात पर तैयार खड़े मोहरों को पाले में कर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने के दांव चले जाने लगे हैं। सपा ने हाल ही में आगरा की एक फायरब्रांड नेत्री व फतेहपुर के एक अखाड़ेबाज को भाजपा से अपने पाले में लाकर जो 'शहÓ दी थी, दो दिन बाद ही भाजपा ने आगरा (ग्रामीण) की सपा प्रत्याशी को अपने साथ मिलाकर अपना दांव चला है। यह दांव 'शहÓ के जवाब में 'मातÓ के रूप में तब्दील होगा कि नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा किन्तु चुनावी समर से पहले प्रत्याशी टूटने से समाजवादी पार्टी में खासी बेचैनी है।
समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 में हारी हुई सीटों में 143 पर मार्च में प्रत्याशी घोषित कर विपक्षी दलों पर बढ़त का प्रयास किया मगर सूची जारी होते ही प्रत्याशियों का विरोध शुरू हो गया। सहारनपुर से प्रत्याशी बनाये गए शहनवाज राणा का नाम कुछ घंटों में कट गया। वाराणसी, फतेहपुर, बांदा, बस्ती, महराजगंज में प्रत्याशियों का विरोध सड़क पर आ गया। जिसे थामने के प्रयास नाकाम होने पर पार्टी ने बांदा, अयाहशाह, खागा (सु), बांदा, बिंदकी और पनियरा के प्रत्याशी बदल दिये गए। मगर कई जिलों में प्रत्याशियों का विरोध बरकरार है, ऐसे में पार्टी ने दूसरे दलों के कुछ प्रभावशाली लोगों को पार्टी में लाकर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने का नुस्खा आजमाने का प्रयास किया। इसके अंतर्गत हाल ही में भड़काऊ बयान देकर चर्चा में आयीं भाजपा की बृज क्षेत्र उपाध्यक्ष कुंजलिका शर्मा व फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र निवासी पूर्व मंत्री अमरजीत जनसेवक को समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ाने का ऐलान तक कर दिया। यह बढ़त कोई नया गुल खिलाती इससे पहले ही भाजपा ने आगरा ग्र्रामीण से सपा की प्रत्याशी हेमलता दिवाकर को तोड़कर समाजवादी पार्टी को उसी के अंदाज में जवाब दिया। सियासी विश्लेषकों की नजर से देखा जाए तो प्रदेश सरकार चला रही पार्टी की घोषित प्रत्याशी का विपक्षी खेमें में चले जाने को सियासत की बड़ी 'मातÓ माना जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आगरा ग्र्रामीण की प्रत्याशी से मिले झटके के बाद समाजवादी पार्टी ने हारी हुई सीटों पर घोषित प्रत्याशियों की कार्य प्रणाली पर न सिर्फ नजर टिका दी है बल्कि उसके दूसरे दलों से दोस्ती के प्रभाव का आंकलन भी किया जा रहा है। पार्टी जल्दी ही हारी हुई सीटों पर बचे हुए प्रत्याशियों की सूची जारी करने वाली थी, लेकिन आगरा से मिले झटके ने रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले प्राधिकारी क्षेत्र कोटे की विधान परिषद सीटों के चुनाव में सहारनपुर से शहनवाज राणा को प्रत्याशी घोषित किया था, मगर वह नामांकन दाखिल करने से पहले ही 'बीमारÓ हो गए। इसी तरह बांदा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा की घोषित प्रत्याशी दीपा गौर ने चुनाव लडऩे से ही इनकार कर दिया और गोरखपुर, सीतापुर में पार्टी के नेताओं ने घोषित प्रत्याशी के विरुद्ध बगावत कर जीत हासिल की थी। सपा के रणनीतिकार अब इन सब बिन्दुओं पर मंथन में जुट गये हैं। सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेश दीक्षित का कहना है कि पार्टी के पास इस बात की पुख्ता सूचना थी कि हेमलता दिवाकर का जनता में जनाधार नहींं है, लिहाजा वह क्षेत्र में टिकट में बदलाव पर विचार कर रही थी। इसकी जानकारी होने पर ही उन्होंने पाला बदला है।
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फेरबदल के बाद नए प्रत्याशी
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अयाहशाह: रीता प्रजापति
खागा (सु): विनोद पासवान
बांदा: कमल सिंह मौर्य
बिंदकी: टिकट कटा नया घोषित नहीं
मडिहान: रविन्द्र बहादुर पटेल
बस्ती: उमाशंकर पटवा
आगरा दक्षिण: डॉ.रोली मिश्र
पनियरा: श्रीमती सुमन ओझा
बिंदकी: अमर जीत सिंह जनसेवक
आगरा (उत्तर): कुंजलिका शर्मा
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17.06.2016 को घोषित
-सपा ने विधानसभा 11 और प्रत्याशी घोषित किये
-नये चेहरों पर दांव, रूबी, विजय अब सपा प्रत्याशी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: विधानसभा-2017 के चुनावी समर में सियासी योद्धा उतारने में अग्र्रणी समाजवादी पार्टी ने ग्यारह और प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। राज्यसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर सपा उम्मीदवारों को वोट करने वाले विजय बहादुर और दुद्धी (सोनभद्र) की विधायक रूबी प्रसाद को भी सपा ने टिकट दिया है। इससे सपा के घोषित उम्मीदवारों की संख्या 158 हो गयी है।
समाजवादी पार्टी ने मार्च में हारी हुई सीटों पर 141 प्रत्याशियों में पहली सूची जारी की थी, फिर आधा दर्जन उम्मीदवार बदल दिये। शुक्रवार को प्रदेश प्रभारी व मंत्री शिवपाल यादव ने दस और सीटों के प्रत्याशी घोषित किये। इसमें गोरखपुर (ग्र्रामीण) से भाजपा विधायक विजय बहादुर यादव का भी नाम है। सपा ने उन्हें गोरखपुर (ग्र्रामीण) से अपनी उम्मीदवार बनाया है। यादव ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के ह्विïप का उल्लंघन कर सपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट दिया था। उनको प्रत्याशी बनाने के लिये पूर्व में घोषित प्रत्याशी जफर अमीन 'डक्कूÓ का टिकट काट दिया गया है। वर्ष 2012 के चुनाव में डक्कू 41864 वोट पाकर दूसरे स्थान पर थे। कांग्र्रेस के समर्थन से दुद्धी (सोनभद्र) से चुनाव जीती रूबी प्रसाद को भी सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। उपचुनाव में कांग्र्रेस प्रत्याशी से पराजित हुई स्व:राजेन्द्र सिंह राणा की पत्नी मीना राणा पर सपा ने फिर दांव लगाते हुए उन्हें देवबंद से प्रत्याशी घोषित किया है। दस प्रत्याशियों की इस सूची में खास बात यह है कि पार्टी ने वर्ष 2012 में प्रत्याशी रहे लोगों को टिकट देने से गुरेज किया है। उनके स्थान परनये चेहरों को मौका दिया गय है, जो सपा की भविष्य की सियासी दिशा का संकेत भी है। बरेली के मीरगंज सीट के प्रत्याशी जाहिद हुसैन गुड्डू जरूर अपवाद हैं, पिछले चुनाव में गुड्डू 35,299 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे, मगर पार्टी ने इस बार भी उन पर विश्वास जताया है।
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श्याम सुंदर सपा में शामिल, प्रत्याशी बने
झांसी निवासी व विधान परिषद सदस्य रहे श्याम सुंदर यादव ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्र्रहण कर ली, वह पहले भी सपा में रह चुके है। उनकी 'घर वापसीÓ कराने के साथ प्रदेश प्रभारी शिवपाल यादव ने उन्हें बबीना से पार्टी का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। इस सीट से पिछला चुनाव चन्द्रपाल यादव ने लड़ा था और हार गये थे। बाद में सपा ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया।
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कौन कहां से प्रत्याशी
1-देवबंद- श्रीमती मीना राणा
2-जेवर-वेवन नागर
3-मथुरा- डॉ.अशोक अग्रवाल
4-आगरा ग्रामीण-राकेश बघेल
5-मीरगंज-हाजिद जाहिद हुसैन गुड्डू
6-बबीना-श्याम सुंदर यादव (पूर्व एमएलसी)
7-झांसी नगर-दीप माला कुशवाहा
8-गोरखपुर ग्रामीण- विजय बहादुर यादव
9-देवरिया- विजय प्रताप यादव
10-मझंवा-प्रभावती यादव
11-दुद्धी-रूबी प्रसाद (मौजूदा विधायक)
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