एमएलसी चुनाव में यूपी चाहे ओपेन वोटिंग
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- आजम खां के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गठित
- खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगने की उम्मीद
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परवेज अहमद, लखनऊ
विधान परिषद के विधानसभा क्षेत्र चुनाव में 'ओपेन वोटिंगÓ पर प्रदेश सरकार सैद्धांतिक रूप से सहमत है। राज्य का पक्ष तैयार करने के लिये चार वरिष्ठ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी गई है जिसका मुखिया संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां को बनाया गया है।
विधानसभा क्षेत्र चुनाव में 'गुप्त वोटिंगÓ का नियम खत्म कर 'ओपेन वोटिंगÓ कराने का प्रस्ताव चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को भेजा था। इस पर केंद्र सरकार ने राज्यों से राय मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि 10 व 11 जून को एमएलसी और राज्यसभा सदस्य के द्विवार्षिक चुनाव में 'क्रास वोटिंगÓ से मुकाबिल हुई सरकार 'ओपेन वोटिंगÓ पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिये आजम खां की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के कम से कम पांच, कांग्र्रेस के चार, भाजपा एक और बसपा के दो विधायकों ने क्रास वोटिंग करते हुए दूसरे दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया। परिषद के चुनाव में 'गुप्त वोटिंगÓ के नियम के चलते 'ह्विïपÓ जारी करने के बावजूद राजनीतिक दलों के पास 'बागीÓ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गुंजाइश सीमित रहती है, जिससे वोटों की खरीद-फरोख्त का संभावना भरपूर होती है।
समिति में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, बलराम यादव और राजेन्द्र चौधरी को सदस्य नामित किया गया है। समिति को एक पखवारे में चुनाव आयोग को लिखित सुझाव भेजने की हिदायत दी गई है। सूत्रों का कहना है कि पांच राज्यों ने ओपेन वोटिंग के पक्ष में रिपोर्ट भेजी है। उत्तर प्रदेश की राय मिलने के बाद आयोग कोई फैसला लेगा। मुख्य चुनाव अधिकारी अरुण सिंघल का कहना है कि सरकार ने समिति गठित करने और जल्द रिपोर्ट सौंपने की जानकारी दी है।
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सरकार सहमत
समाजवादी सरकार और पार्टी दोनों ही लोकतंत्र में पारदर्शिता की पक्षधर है। ओपेन वोटिंग के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर राज्य सरकार सहमत है, जल्द रिपोर्ट तैयार की जायेगी।
-शिवपाल सिंह यादव, कैबिनेट मंत्री व समिति के सदस्य
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- आजम खां के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गठित
- खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगने की उम्मीद
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परवेज अहमद, लखनऊ
विधान परिषद के विधानसभा क्षेत्र चुनाव में 'ओपेन वोटिंगÓ पर प्रदेश सरकार सैद्धांतिक रूप से सहमत है। राज्य का पक्ष तैयार करने के लिये चार वरिष्ठ मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी गई है जिसका मुखिया संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां को बनाया गया है।
विधानसभा क्षेत्र चुनाव में 'गुप्त वोटिंगÓ का नियम खत्म कर 'ओपेन वोटिंगÓ कराने का प्रस्ताव चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को भेजा था। इस पर केंद्र सरकार ने राज्यों से राय मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि 10 व 11 जून को एमएलसी और राज्यसभा सदस्य के द्विवार्षिक चुनाव में 'क्रास वोटिंगÓ से मुकाबिल हुई सरकार 'ओपेन वोटिंगÓ पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिये आजम खां की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के कम से कम पांच, कांग्र्रेस के चार, भाजपा एक और बसपा के दो विधायकों ने क्रास वोटिंग करते हुए दूसरे दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया। परिषद के चुनाव में 'गुप्त वोटिंगÓ के नियम के चलते 'ह्विïपÓ जारी करने के बावजूद राजनीतिक दलों के पास 'बागीÓ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गुंजाइश सीमित रहती है, जिससे वोटों की खरीद-फरोख्त का संभावना भरपूर होती है।
समिति में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव, बलराम यादव और राजेन्द्र चौधरी को सदस्य नामित किया गया है। समिति को एक पखवारे में चुनाव आयोग को लिखित सुझाव भेजने की हिदायत दी गई है। सूत्रों का कहना है कि पांच राज्यों ने ओपेन वोटिंग के पक्ष में रिपोर्ट भेजी है। उत्तर प्रदेश की राय मिलने के बाद आयोग कोई फैसला लेगा। मुख्य चुनाव अधिकारी अरुण सिंघल का कहना है कि सरकार ने समिति गठित करने और जल्द रिपोर्ट सौंपने की जानकारी दी है।
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सरकार सहमत
समाजवादी सरकार और पार्टी दोनों ही लोकतंत्र में पारदर्शिता की पक्षधर है। ओपेन वोटिंग के चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर राज्य सरकार सहमत है, जल्द रिपोर्ट तैयार की जायेगी।
-शिवपाल सिंह यादव, कैबिनेट मंत्री व समिति के सदस्य
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